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बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी - Part 28 in  | undefined undefined मे |  Audio book and podcasts

बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी - Part 28 in Hindi

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6 K Listens
AuthorSaransh Broadways
बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी writer: राजीव सिंह Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Rajeev Singh
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अट्ठाईस गोदना नहीं सुनिश्चित कर लिया था कि उनकी यात्रा एक सामान्य सप्रेशन बनी रहे । इसके अलावा क्योंकि उनमें से किसी को किसी प्रकार की धमकी वगैरह नहीं मिली थी । पिछली सरकार ने भी गोदना का अनुरोध मान लिया । इसलिए जब गोरखपुर हवाईअड्डे पर उतरे तो वहाँ लाल बत्ती की गाडियाँ थी । इतना पुलिस का बंदोबस्त और न उसके स्वागत के लिए फूलों के गुलदस्ते लिए जनता । दयाशंकर एक मर्सिडीज गाडी के साथ उन का इंतजार कर रहा था, जो लखनऊ से आई थी । प्रोटोकॉल के मुताबिक हसमुखभाई ने कार की बनी और से प्रवेश किया और पीछे की सीट पर ड्राइवर की तिरछी और बैठ गए । दयाशंकर ड्राइवर की बगल में बैठा था । गोदना ने दायें दरवाजे से प्रवेश किया और हसमुखभाई के बगल में ड्राइवर के बिल्कुल पीछे बैठ गया । कुछ बात से अंजाम थे कि कोई उन पर नजर रख रहा था । नजर रखने वाले ने अपने सेलफोन से किसी को कॉल किया । वो लोग हवाई अड्डे से सफेद मर्सिडीज में रवाना हो गए हैं । गाडी का नंबर है यु पि ऍफ चौबीस पच्चीस लखनऊ की गाडी है । पंद्रह मिनट में वो लोग पूरा घाट से पडेंगे । हमारा पंची पिछली सीट पर ड्राइवर के बिल्कुल पीछे बैठा है । याद रखना तो उन्होंने चश्में पहने हैं । इससे संभलकर काम करना । बस इतना ध्यान रखना कि हमारा आदमी ड्राइवर के बिल्कुल पीछे है और उसके बगल में दूसरा आदमी है । इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए । उसने फोन काट दिया । फिर उसने दोबारा फोन मिलाया और यही संदेश दूसरे गुट को दिया । उन लोगों ने इस काम के लिए तीन मोटरसाइकिल गुड बनाए थे । मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा आदमी शूटर था । बाइक चलाने वाली की जिम्मेदारी थी । कार का पीछा करना है और काम हो जाने के बाद से भगा ले जाना । पहले गुड को कार का चोरी चौरा तक पीछा करना था । वहाँ से दूसरे गुट को कमान संभालकर देवरिया बाईपास टक्कर का पीछा करना था और तीसरे गुट को समारोह स्थल तक कार का पीछा करना था । सलीमपुर तक पहुंचने में तकरीबन डेढ घंटा लगना था । कार का रास्ता रोककर गोली चलाने से उसमें बैठे यात्रियों के सतर्क होने का खतरा था । इससे कम बिगड सकता था । इसलिए उन्होंने योजना बनाई की जब भी का रुकेगी वो अपना काम कर देंगे । कार को रोककर शूट करना अंतिम विकल्प होगा । कार और कहीं नहीं तो रेलवे क्रॉसिंग पर तो जरूर रुकेगी । रास्ते में दो रेलवे क्रॉसिंग थी । एक चौरीचौरा में और दूसरी सलेमपुर से थोडा पहले दोनों ही क्रॉसिंग बहुत व्यस्त थी इसलिए ज्यादातर समय बंद रहती थी । अगर दोनों कौनसी घुली मिली तो मर्सिडीज के लिए बहुत सौभाग्य की बात होगी । किस्मत से चौरीचौरा कि रेलवे क्रॉसिंग खुली थी । रास्ते में गोदना ने देखा कि कार की खिडकी पर्सन स्क्रीन लगी होने के बावजूद धूप हसमुखभाई को परेशान कर रही थी क्योंकि वह पूरब की और बैठे थे । वो मैंने उनसे अनुरोध किया सफाई आपको धूप से परेशानी हो रही है । आप इस तरफ आ जाइए आपकी जगह हम बैठ जाते हैं । कोई बात नहीं । राम मैं ठीक हूँ ब्लॅक भाई, इस इलाके में बहुत ज्यादा गर्मी और उमस होती है । ठीक है जैसे तुम हो हसमुखभाई मान गए फॉरवर्ड कडी रोगों । उन्होंने ड्राइवर को आदेश दिया, गाडी रोकने की कोई जरूरत नहीं है । मैं लू लग सकती है । हम ऐसी जगह बदल देंगे और दोनों ने चलती कार में जगह बताएंगे । गोदना को कोई परेशानी नहीं हुई । कार की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी, जो से सलेमपुर क्रॉसिंग भी खुली मिलती है । उनकी मंजिल सर पांच किलोमीटर दूर थी । क्रॉसिंग पर वाहनों की लंबी लाइन लगी थी । ड्राइवर ने कार रोक दी, लेकिन इंजन बन नहीं किया । क्रॉसिंग से एक पैसेंजर ट्रेन गुजर रही थी । कार की दाहिनी और एक मोटरसाइकिल आ कर रहे हैं । पीछे बैठे सवारने अपने दाहिने हाथ से खडकी पर दस तक नहीं । हम तो भाई ने फिफ्टी का शीर्षक थोडा सा नीचे क्या शूटर के लिए पर्याप्त था । उसने हसमुखभाई पर तीन गोलियां चला दी । तीनों गोलियाँ उनकी छाती दाहिनी और लगी मोटरबाइक मोडी और तेजी से चली गई । कार में बैठे किसी आदमी को बाइक का पीछा करने का मौका ही नहीं मिला । वो मैं इस घटना से स्तब्ध रह गया । जब दयाशंकर ड्राइवर पर चलाया तब उसे हो जाए कहीं जा चुकी थी और रेलवे भाटा खुल गया था । ड्राइवर ने लाइन तोडकर गाडी भगाई । दयाशंकर जानता था कि वो अस्पताल के उद्घाटन के लिए जा रहे थे और सुख भाई के साथ ही बुरी तरह खून बह रहा था । अस्पताल के डॉक्टर नहीं । गोधरा को बताया की अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर भी चालू नहीं हुआ है । बिना समय बर्बाद किए उसने उनसे फौरन गोरखपुर जाने के लिए कहा क्योंकि उसे देवरिया कि ऑपरेशन सुविधाओं पर कतई भरोसा नहीं था । डॉक्टर ने अपने साथ फॅमिली और उनके साथ उसी कार में बैठ गया । बनाशंकरी पुलिस की जीप में था जो सायरन और बत्ती चालू रख कर उनके साथ चल रही थी । रास्ते में गोधरा के मन में हजारों विचार आते रहे । उसे हसमुखभाई को अस्पताल के उद्घाटन के लिए आग्रह करने का पछतावा हो रहा था । एक बात वो समझ गया था शूटर के निशाने पर हसमुखभाई नहीं बल्कि वो खुद था । वो लोगों के बारे में भी विचार कर रहा था जो इस शूटिंग के पीछे हो सकते थे । जब वो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचते उसका समझे तीन नाम पर देख चुका था । हुआ विजयबहादुर और गिरे दूर होने और कोई प्रत्यक्ष उद्देश्य न होने के कारण हिरेन की इस घटना के पीछे होने की संभावना सबसे कम थी । गोरखपुर से कुछ किलोमीटर पहले गोधरा के पास बबुनी का फोन आया था । उसने इस गोलीबारी के बारे में सुना तो अपने ऊपर लगी रोक के बावजूद वो उसका हाल चाल पूछ नहीं बाहर आ गयी । क्योंकि एक हाईप्रोफाइल शूटिंग का मामला था इसलिए पूरा राज्य प्रशासन हरकत आ गया । जब अस्पताल पहुंचे तो काबिल डॉक्टरों की टीम उनका इंतजार कर रही थी । ऑपरेशन के दौरान गोदमा के पास मुख्यमंत्री का फोन आया पटेल जी कैसे हैं? उन्होंने तो भाई के बारे में पूछा अभी ऑपरेशन थिएटर में है बीस प्राथमिक करिए की वो ठीक हो जाए तो उन्होंने जवाब में कहा, हमने इस कार्य में स्पेशल ट्रांसपोर्ट्स ऍफ को लगा दिया है । बेहद सचिव स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और उसने बिहार और नेपाल बॉर्डर तक का सारा इलाका सील कर दिया है । अपराधी अभी भी उसी इलाके में हैं । हम बहुत जल्दी उन्हें पकडेंगे ऍम कुछ नहीं पाया । एक घंटे बाद डॉक्टर फॅमिली बोलना और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जो सलीमपुर से आ गए थे, लगभग दौडते हुए उनके पास आएगा । हमें गोलियाँ निकाल दी हैं । उनकी किस्मत अच्छी थी कि उन्हें छाती की दाहिनी तरफ गोलियाँ लगी थी लेकिन हमें उनका अत्यधिक खून बह जाने को लेकर चलता है । अब हमें उनके होश में आने का इंतजार है । डॉक्टर ने बताया, आपको अत्यधिक खून बह जाने की चिंता क्यों है? गोदाने पूछा वो कॉमा में जा सकते हैं । डॉक्टर ने जवाब दिया कि आप उनका इलाज कर सकते हैं । आप उन्हें बेहतर अस्पताल में ले जाने की राय देंगे । बेहतर होगा यदि आप उन्हें एनसीपीआई, लखनऊ या नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ले जायेंगे । ये समय पर निर्णय लेने का था तो यहाँ सवाल उनके जीवन का था और खोना नहीं उन्हें दिल्ली ले जाने का निर्णय लिया तो क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री भी वहीं मौजूद थे । इसलिए चार ट्रेन में एयर एंबुलेंस जैसी व्यवस्था करने में न परेशानी हुई, न देर लगी । दोपहर में डेढ बजे विमान बेहोश हसमुखभाई, चिंतित गोदना और दो डॉक्टर को लेकर नई दिल्ली रवाना हो गया । कादंबरी बेन रूप में नहीं और हीरोइन उसी रात दिल्ली पहुंच गए । वो उतना उनके सामने खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहा था क्योंकि उसी ने हसमुखभाई से उत्तर प्रदेश चलने का आग्रह किया था । हसमुखभाई अगले दो दिन तक कौन से बढा नहीं आएगा? आईसीसीयू के बाहर गोधरा के सेल फोन पर लगातार कारोबार संबंधी कौन आ रहे थे? उसे ऐसा हो रहा था कि हसमुखभाई के होने से तो कितना निश्चिंत रहता था । उसे ये एहसास हुआ कि अपनी राजनीतिक गतिविधियों के कारण वो पिछले कुछ महीनों से कारोबार को कितना कम समय दे पाया था । सोलह तारीख की शाम को हसमुखभाई की बेटी अपने दोनों बच्चों के साथ हमारी का से आ गयी क्योंकि हसमुखभाई के साथ परिवार के केवल एक सदस्य को रहने की अनुमति थी । पिछले उनकी बेटी होटल में होगी, गोधरा सरकार द्वारा आवंटित ॅ होगा था । सत्रह अगस्त की दोपहर को राज्य के गृह सचिव ने गोदना को बताया कि उन्होंने नेपाल सीमा पर सोनौली में दो आदमी को गिरफ्तार किया है । वो संदिग्ध शूटर्स हो सकते हैं । उसमें गोदा से उनकी शिनाख्त के लिए तुरंत लखनऊ आने का अनुरोध किया । उससे बात भी करना चाहते थे क्योंकि हसमुखभाई के कितना निकट होने के कारण और उससे भी महत्वपूर्ण घटना के समय उनके साथ होने के कारण वो कोई सुराग दे सकता था । इस खबर ने बोलना को उत्साहित नहीं किया । इस समय से किसी और बात से ज्यादा हसमुखभाई के ठीक होने की बेहद जनता भी क्योंकि ऍम को जाने वाला था इसलिए गोदाम उस रात वहीं रुक गया । अगली सुबह वो लखनऊ रवाना हो गया । पकडे गए आदमी के पास से हथियार वॅार गीत पिस्तौल की बरामदगी से एसटीएफ को काफी प्रोत्साहन मिला क्योंकि हसमुखभाई पर गोलियां ऍसे ही चली थी । हालांकि स्टेप जानती थी कि पकडे गए आदमी भाडे के हत्यारे थे इसलिए उन्हें असली अपराधी तक पहुंचने में कडी मेहनत करनी होगी । लखनऊ ऍम मीटिंग में राज्य के पुलिस प्रमुख और एसटीएफ के देश के प्रभारी अधिकारी यानी ऑफिसर इंचार्ज मौजूद थे । सर क्या बोला पहचान सकते हैं ऍफ अधिकारी ने गोदना दो तस्वीरें दिखाई । उन्हें बिना देखे वो बोला दोनों हेलमेट पहने हुए थे । हम कैसे पहचान सकते हैं? फिर भी उसने तस्वीरों पर एक नजर डाली और उन्हें लौटा दी । बहुत गरीबी रेंज की फायरिंग थी । लगभग ऍम उन्होंने फॅार की गोलियाँ इस्तेमाल कीजिए ये सुनिश्चित करने के लिए उन का टारगेट मर जायेगा । उन्होंने तीन गोलियां चलाई थी । आमतौर पर वॅार की तीन चार गोलियां टारगेट की जान लेने के लिए पर्याप्त होती है । लेकिन भाग्यवादी छाती की दाईं और गोलियां लगने के कारण मिस्टर पटेल बच गए । क्या प्यार को पहचान सकते हैं? बहुत ना ने नहीं में जवाब दिया सर, सबसे महत्वपूर्ण । क्या आपको किसी पर शक है? गोधरा के शक्ति चेहरे में तीन लोग थे लेकिन वो उनका नाम लेने में हिचकिचा रहा था । सर, हमारा विश्वास करिए । गुलाम इस कमरे के बाहर नहीं जाएगा । इसमें आगे बढने के लिए वो नाम जानना बहुत जरूरी है । हम आपके शब्द के पीछे का कारण नहीं पूछेंगे । पुलिस प्रमुख ने दोहराया और एसटीएफ अधिकारी की और देखा जिसमें सहमती में सर हिला दिया । हमको तीन लोगों पर शक है बंदा के विधायक ठाकुर चंद्रदेव सिंह, बंदा के भूतपूर्व विधायक विजयबहादुर लेकिन वो जेल में है उतना तीसरा नाम लेने में बहुत ही जा रहा था । उस पर शक करने का उसके पास कोई आधार नहीं था । विजयबहादुर जेल में रहकर भी बडे बडे कारनामों को अंजाम दे सकता है । वैसे तीसरा आदमी कौन है? एसटीएफ अधिकारी ने पूछा रेन गुराडिया, हमारी कंपनी के डायरेक्टर लेकिन अब यकीन से नहीं कर सकते क्योंकि उस पर शक करने का हमारे पास कोई कारण नहीं है । पुलिस वाले उसकी और छूट गए तो किस नाम ने उनमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी जगाई थी । वो अपराध के पीछे का उद्देश्य जानने के लिए अपने दिमाग पर बहुत जो डाल रहे थे । उस राज्य में ऐसे अपराधों के पीछे के उद्देश्य मुख्यतः राजनीतिक होते हैं और हसमुखभाई का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था । उनके कारोबार के अंदरूनी मामले उद्देश्य हो सकते थे । इस विचार ने उन्हें उत्साहित कर दिया । लेकिन गोधरा की अगली बात सुनकर वो निराश हो गए । उन्होंने हमारे बदले हसमुखभाई पर गोली चला दी । उनका निशाना हम रहे होंगे कि सुनकर वह हैरान हो गए । एक ऐसा मोड था जो उनकी जांच की दिशा बदल सकता था । बोलना ने अपनी बात के पीछे का तर्क समझाया जो उन्हें उचित लगा, क्योंकि शूटर नहीं, सिर्फ ड्राइवर के पीछे बैठे हुए व्यक्ति पर गोलियां चलाई थी । किसी और को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था । हम तीनों संदिग्धों के सेल फोन टेप कर लेंगे । अगर कोई नौकरशाही बाद आएगी तो मैडम संभाल लेंगे । आप के पास उनके फोन नंबर हो तो दे दीजिए । खोलना के मोबाइल में हिरेन और बबुआ के नंबर थे । देर शाम गोदना नई दिल्ली लौट गया । भस्म भाई अभी भी कोमा में थे, ग्रुप में नहीं । शाम की फ्लाइट जब वापस चली गई थी । एक दिन बाद गोधरा के पास तृषा का फोन आया । पिछले तीन सालों में उनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी । इसलिए गोदना को उसके कौन से हराने हुई? प्रशांत उसका हाल चाल पूछा । उसकी चिंता देखकर गौर हो गया । मैं कुछ बताना चाहती हूँ, लेकिन मुझे नहीं पता इस बारे में फोन पर बात करना ठीक होगा या नहीं और बात के संदर्भ में है । मैं नहीं जानते हैं । फिर किसी से बात कर रहा था । उसने आपका नाम लिया । फिर उसने कहा कि भले ही आप के ऊपर निशाना चूक गया था, लेकिन उन्हें इस स्थिति का फायदा उठाना चाहिए था । वो किसी ऐसी योजना की बात कर रहा था, जिससे एक तीर से दो निशाने लग सकते थे । उसका दूसरे आदमी को ये आश्वासन भी दिया । कंपनी का मालिक बनने के बाद वो उसे मोटा इनाम देगा । जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । शाम यहाँ हालत ठीक नहीं है । किसी ने हमारी हत्या करने की कोशिश की है । दिशा के मुँह से निकला हमको आपकी मदद की जरूरत पड सकती है । प्रशासन बिल्कुल । मैं हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार हूँ । अब जब चाहे मुझे कॉल कर सकते हैं । गोदना तुषा की बातों में कोई सुराग ढूंढने की कोशिश करने लगा तो सोच रहा था कि क्या फिर इन इस घटना के पीछे हो सकता है । अचानक गोदना को बहुत अकेलापन महसूस होने लगा तो जानता था कि अगर जो सोच रहा था वो सही है तो स्थिति बहुत सेटल होने वाली है । परिवार के सदस्यों को बेहोश हसमुखभाई के पास शाम सात बजे आधा घंटे के लिए जाने की अनुमति दिए । अच्छा जब कादंबरी बहन और खोदना आईसीसीयू से बाहर जाने के लिए खडे हुए तो हसमुखभाई की आंखों में कुछ हलचल हुई । उनकी आंखों की पुतलियां जो अब तक छत से चुकी थी, नीचे आकर दीवार पर लगे तो उससे चिपक गईं । कुछ सीनरी थी पहाड, बादल, झील, घोडे और भेडे बनी थी वो शायद न्यूजीलैंड का कोई गांव था । उनके शरीर में पांच दिन बाद हुई इस हलचल से नस उत्साहित हो गई । उसने तुरंत डॉक्टर को बनाया । डॉक्टर ने उन्हें किसी के बाहर इंतजार करने का अनुरोध किया । इस नए सुधार से कादंबरी बैंक की आंखों में उम्मीद की किरण जाग गई । लेकिन गोदना ने कुछ और ही देखा था । वो सीनरी के बारे में सोच रहा था जहाँ जाकर हसमुखभाई की आंखें स्थिर हो गई थी । क्या कुछ संकेत दे रहे थे उससे कम पंद्रह दिन से पूछा । चिकन का ध्यान हसमुखभाई पर था इसलिए उन्होंने वो सीनरी नहीं देखिए । वो ना डॉक्टर से विनती करके उन्हें फिर से अंदर ले गया । उसको भाई के आगे अभी भी उससे भी पर फट की थी । कादंबरी बुदबुदाए उन की पत्नी ने एक माँ भी थी । बहुत समझने में एक पल भी नहीं लगा । ये मुकुल को देखना चाहते हैं हमें मुझे उनको यहाँ बुलाना पडेगा । हम उनको लेंगे । आपको वो मत याद जहाँ से मिलने गयी थी । याद नहीं जानते होंगे उन्होंने हसमुखभाई की ओर संकेत क्या? उन्होंने उसे बताया कि लेह से लौटने के बाद उन न तो दोबारा से मिलने गयी थी और नहीं उसे फोन पर बात हुई नहीं । बस वो भाई के संपर्क में थे या नहीं उन्हें नहीं हूँ । गोदना ने अपने निजी सचिव को फोन किया और उसे नहीं में स्थित सभी मठों की सूची बनाकर मेल करने के लिए कहा । मुझे पता था कि मुकुंद को समझाकर लाने के लिए उसे ले जाना पडेगा । जब अपने सचिव से बात कर रहा था तब उत्तर प्रदेश के गृह सचिव का फोन भी वेटिंग में था । उसने उन्हें फोन मिला रामसर हमने सुलझा लिया है । हमें एक आदमी के खिलाफ करने में आपकी मदद चाहिए क्या? होनेवाला नहीं हमारी हिरासत में वो बदमाश है जिन्होंने अपराध को अंजाम देने के लिए पैसे लिए थे । उनके द्वारा ये वर्णन के आधार पर हमने उस संदिग्ध काॅस्ट आ गया है जिसने उन्हें पैसे दिए थे । हमें उसके वाले आदमी की शिनाख्त करने में आपकी मदद चाहिए और आवश्यकता हुई तो हम उसका मीडिया में जारी कर देंगे । ठीक है हम कल सवेरे पहुंच जाएंगे । शुभ रात्रि सर गृहसचिव ने कहा और फोन किया आठ भी हलचल से जो उम्मीद की किरण जगी थी और रात तक डूब गई । हसमुखभाई की स्थिति यथावत बनी रही । अगली सुबह गोदना लखनऊ रवाना हो गया । हालांकि फॅमिली आदमी को नहीं पहचाना आदमी है जिससे पहचान सकता है वो ना बोला कौन है, वो कहाँ है । वो मैं एक संदिग्ध को अच्छी तरह जानती है । फिर इनको मुझे बात करने दीजिए । गोधरा ने दिशा को फोन करके उस से लखनऊ आने का अनुरोध किया । दिशा ने अगले दिन पहुंचने का फायदा क्या वो कल तक होगा जाएगी? दो मिनट के अंतराल के बाद एसटीएफ अधिकारी बोला, सर क्या फिर से कह सकते हैं कि यहाँ आने के बाद वो हम से अकेले आकर मिले । आप मुझे बता दीजिएगा, मैं यहाँ जाऊंगा । आपकी गतिविधियों पर किसी की नजर हो सकती है । आपके लिए तो सुरक्षा है लेकिन वो बाद में मुसीबत में पड सकती है । चिंता मत करिए । हम लखनऊ में नहीं रहेंगे । हम शाम को वापस जा रहे हैं । हम एक बहुत जरूरी काम पूरा करना है । उसका दिमाग नहीं मुकुल लिखा है । अगले दिन तृषा शाम को पुलिस हेडक्वॉर्टर पहुंच गयी । जैसे ही उसने ऍम देखा उसके भूसे निकला भूल आपसे जानती हैं । अधिकारी ने पूछा हाँ, इसके मुंबई के अंडरवर्ल्ड से संबंध है । फॅारेन से संबंधित है । हाँ, फिर इनका दोस्त जगह और मकबूल मिलकर साइन में डांस बार चलाते हैं । लेकिन मुंबई के डांस बार तो महाराष्ट्र सरकार द्वारा दो साल पहले बंद करवा दिए गए थे । जगन्नथ वाले मुंबई का एक शक्तिशाली नेता है और राज्य विधानसभा का सदस्य भी है । अधिकारी ने राज्य के पुलिस प्रमुख को फोन पर उत्साहित होकर सुशीला नहीं जी सर, मुझे लगता है हमें बडी सफलता मिल गई है । देर रात गोदना नहीं दिशा को फोन किया । राज्य पुलिस प्रमुख उसे पहले ही खबर सुना चुका था । आप पिछली बार मकबूल से कम थी । क्या आप कभी हीरोइन के साथ उस से मिली हैं? आपको पूरा यकीन है कि वह मकबूल हैं । मैं कई बार दोनों से साथ में मिले हैं । मैं उसे पहचानने में कभी गलती नहीं कर सकती । मैं उसके साथ वो हिचकी चाहिए । कुछ मत कीजिए । हमें सब कुछ बताइए हो चुकी हूँ । फिर मैंने एक बार जबरदस्ती मुझे उसके साथ भेजा था । तो हमें सोच है घुटनों को सच में सोच हो रहा था । अब सारे दानवो का हम बहुत निकट था तो उन्होंने सुबह की फ्लाइट से लेने का टिकट बुक करा लिया था । उसने उसे कैंसिल करा के अगली सुबह का टिकट बुक कराया । पर उसने दयाशंकर उसके मोबाइल पर फोन किया तो नागपुर में था और उस से पहली फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचने को कहा । उसे कुछ महत्वपूर्ण कानूनी कागजात तैयार करवाने में उसकी मदद चाहिए थी । सक्रिय होने का समय आ चुका था । बाईस अगस्त को लेके सभी बहुत मठों की सूची साथ लेकर खोजना सुबह छह बजकर पच्चीस मिनट की फ्लाइट से मुकुल को वापस लाने के लिए लेह रवाना हो गया ।

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बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी writer: राजीव सिंह Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Rajeev Singh
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