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बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी - Part 21 in Hindi

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8 K Listens
AuthorSaransh Broadways
बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी writer: राजीव सिंह Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Rajeev Singh
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फॅस अप्रैल दो हजार चार हूँ । दुबई में होने वाले पांचवें ग्लोबल इंडियन फॅमिली का प्रमुख प्रायोजक बनने के लिए तैयार हो गई । हालांकि कंपनी आयोजन की एकमात्र प्रायोजक नहीं थी, फिर भी इस निर्णय से उनका बैंक बैलेंस साढे छह मिलियन डॉलर नीचे आ गया । ये दस महीने पहले कंपनी के कॉरपोरेट विज्ञापन में प्रवेश करने के निर्णय के बाद सबसे बडा निवेश था । सेबी ने एक मेल द्वारा गोदना को कंपनी के निर्णय की सूचना भी कोमा । कोई निर्णय ठीक नहीं लगा । उसके अनुसार एक अनावश्यक खर्च था । बोलना हिरेन पर बडबडाने लगा क्योंकि कॉर्पोरेट विज्ञापन में प्रवेश करने का विचार उसका था । उसे याद आया की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव के पारित होने के बाद फिर एंड उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हो गया था । फिर इनको फिल्में और फिल्मी सितारे पसंद हैं । उस बॉलीवुड की लगभग सभी पे स्त्री पार्टियों में शामिल होता था, जिम्मेदारी नहीं । उसे मुंबई की फिल्मी बिरादरी की चापलूसी करने और उन्हें उपकृत करने का एक और अवसर दे दिया । इसलिए जब बोलना हो ऍसे समारोह में शामिल होने का मेल मिला । उसने आश्चर्यजनक रूप से हसमुखभाई को फोन किया । मतलब भाई ऍम भाई को समारोह में जाने के लिए कह दीजिए । आप तो जानते हैं हमें फिल्मों में कोई दिलचस्पी नहीं है और हम ऐसे समारोहों से दूर रहते हैं । खुशी से इस अवॉर्ड शो में जाने के लिए तैयार हो जाएंगे । धीरेंद्र अप्रैल में व्यस्त रहेगा वरना वो खुद ही मौका हाथ से नहीं जाने देता । मैंने सेमी को तो मैं मेल भेजने के लिए कहने से पहले दिन से पूछा था क्योंकि तुम दुबई में ही हो । इसलिए तुम्हें छू में जाने के लिए कहना स्वाभाविक था । हसमुखभाई शो में जाना जरूरी है । क्या वो प्रायोजित चाहते थे और हमने उन्हें दे दिया? हमें तो शो में न जाने में कोई बेहद भी नजर नहीं आती । वो उतना ने बचने की कोशिश की । देखो कंपनी की तरफ से किसी को तो जाना पडेगा । कंपनी का एक चेहरा होना चाहिए । ऊपर से हम लोग इतना पैसा खर्च कर रहे हैं । लेकिन हसमुखभाई हमने तो जीवन में एक फिल्म भी पूरी नहीं देखी है । हम फिल्म उद्योग में किसी को पहचानते तक नहीं । हमें उन फिल्मी सितारों के बीच बहुत अजीब लगेगा । आम अब ऐसे समारोह में जाने की आदत डाल लो । पिछले दिन कंपनी तो मैं किसी समारोह का उद्घाटन करने के लिए या कंपनी की तरफ से औपचारिक भाषण देने के लिए भी कह सकती है तो फॅमिली कर्मचारी नहीं हो । तुम कंपनी के एक शेयर होल्डर और ऍम भी हो । अपनी भूमिका को समझो । हसमुखभाई के आग्रह और तर्क ने उसे पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया थी कि हसमुखभाई सिम से कही हमें सारा विवरण भेजते । अगले कुछ घंटों तक वो होटल की प्रगति के बारे में बात करते रहे । ऍफ हो की बात दोबारा नहीं उठी । गोदना ने अपने जीवन में अब तक सिर्फ एक फिल्म देखी थी । धर्मपुत्र ठाकुर साहब ने दशहरे पर रामलीला के दौरान एक ओवर हेड प्रोजेक्टर के माध्यम से गांव वालों के लिए फिल्म शो की व्यवस्था की थी । वो मैं उस वक्त दस साल का था । वो को याद आया कि वह पूरी फिल्म नहीं देख पाए थे क्योंकि इंटरवल के कुछ देर बाद ही रेल मशीन में फंस गई थी वो उतना का फिल्म विज्ञान इस जानकारी तक सीमित था कि फिल्मों के तीन सुपरस्टार थे दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना और सोलह भारतीय फिल्मों के इतिहास की सबसे सफल फिल्म थी छोले देखने की उसकी हमेशा से अच्छा भी है क्योंकि वो उसकी प्राथमिकताओं की सूची में नहीं थी । इसलिए वह कभी उसके लिए समय नहीं निकाल पाया । बच्चों से एक सप्ताह पहले बोदमा को आयोजकों की ओर से औपचारिक निमंत्रण मिल गया । अवॉर्ड शो के एक दिन पहले चौबीस अप्रैल हो ओबरॉय में एक शिष्टाचार बोझ यानी डिनर था । उभरा होटल ऍम दुबई कन्वेंशन सेंटर के पास था । हसमुखभाई के कहने पर गोदना ने अवॉर्ड शो में शामिल होने के लिए खुद को किसी तरह तैयार कर लिया था, लेकिन डिनर में जाने की उसकी बिल्कुल इच्छा नहीं थी । इतनी छोटी सी बात के लिए हसमुखभाई को दोबारा फोन करना उसे उचित नहीं लगा । कुछ देर दोबारा सोचने के बाद उसे डिनर में शामिल होने में कोई नुकसान नहीं दिखा । आखिर रात को उसे खाना तो खाना ही था, क्योंकि फिल्म बिरादरी मीडिया से उसे कोई नहीं पहचानता । इसलिए वह चुप जब खाना खाकर आ जाएगा, उसने सोचा । निमंत्रण ने लिखा था, कॉकटेल और डिनर रात नौ बजे से इसलिए ज्यादा देर नहीं होनी चाहिए, लेकिन गोदना का सोचना गलत साबित हुआ । जब वह सवा नौ बजे होटल के शानदार बॉलरूम में पहुंचा, इसे उस शाम के लिए बैंक्वेट हॉल में परिवर्तित कर दिया गया था तो इवेंट कंपनी के कुछ अधिकारी उसके स्वागत के लिए मौजूद थे । उसका साथ देने के लिए वहाँ कोई मेहमान नहीं था । खैर क्योंकि वो दुबई में फाइव स्टार होटल का निर्माण करवा रहा था इसलिए उसने खाली समय का सदुपयोग होटल का चक्कर लगाने में क्या? ओबराय होटल का बैंक्वेट हॉल निश्चित रूप से शेख मोहम्मद अली अकबरी के फिलहाल नाम निर्माणाधीन होटल से बडा था लेकिन उसका डिजाइन किए हुए गोलाकार हॉल में उतने ही मेहमान समाज सकते थे । दूसरी बार एक गोलाकार हॉल में प्रत्येक मेहमान को महसूस होता है । इसका ध्यान रखा जा रहा है क्योंकि हॉल में कोई कोना नहीं होता है । उससे होटल की सभी मंजिले गलियारे, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल और रेस्टोरेंट देख लिए उनके रेस्टोरेंट के डिजाइन सहित बहुत प्रभावित हुआ । उस शानदार नाइन सेवन वन रेस्टोरेंट में प्राकृतिक रोशनी का भरपूर प्रावधान था और सामने खुली जगह दिखाई देती थी । जहाँ बैठने की व्यवस्था के साथ पानी का विशाल स्रोत था । वो होटल का एक स्वीट देखने में भी सफल हो गया जो हाउसकीपिंग स्टाफ द्वारा सफाई के लिए खोला गया था । बीच में सवा दस बजे तो मेहमानों को देखने बैंक्वेट हॉल में गया नहीं आने वालों में फोटोग्राफर थे । एक अधिकारी से पूछने पर उसे पता चला कि आमंत्रित सेलिब्रिटीज में से अधिकतर उसी होटल में ठहरे थे । उसे हैरानी हुई । उसके प्रति इन अधिकारियों का व्यवहार असामान्य रूप से विनम्र था । गोदमा को बाद में एहसास हुआ कि उसके आमंत्रण पत्र पर उसके लिए वीवीआईपी गेस्ट लिखा हुआ था । रात ग्यारह बजे के बाद मेहमानों का आना शुरू हुआ । कुछ ही देर ॅ यानी शराब परोसने वाले व्यस्त हो गए । फोटोग्राफर एकल युगल और सामूहिक तस्वीरें लेने में व्यस्त हो गए । गिलासों के टकराने के साथ चियर्स की आवाजें गोधरा का मनोरंजन कर रही थी । किसी कॉकटेल पार्टी में आने का उसका पहला अनुभव था । हाथ में और इंजॉय । उसका मत पकडे मेहमानों को उन तस्वीरों से मिलने की कोशिश कर रहा था तो उसने हवाई जहाज में मिलने वाली चमकदार पत्रिकाओं में देखी थी । उनके डिजाइनर सूट देखकर उसे हीनता का एहसास हो रहा था । उसके वॉडरोब देखो एक भी सूट नहीं था । बल्कि वह तो वो ग्रुप की अवधारणा से भी परिचित नहीं था । वो इस अवसर के लिए काली पेंट और सफेद शर्ट से आगे नहीं सोच पाया । उसी समय उसने फैसला किया कि अगले दिन वो एक सूट खरीदेगा । हसमुखभाई ने उसे बताया था कि वो इस अवार्ड शो में कंपनी का चेहरा होगा । जब सूट के रंग के बारे में सोच रहा था । तभी एक खूबसूरत लडकी ने उसका ध्यान आकर्षित किया । बीच बीच में उस की ओर देख रही थी । गोदमों से नहीं पहचानता था । उसने उस लडकी को कभी नहीं देखा था । वो लगभग तीस वर्ष की बेहद खूबसूरत लडकी थी । लंबी गोरी और उसके कमर तक के बाल खुले हुए थे । सफेद छीनी साडी और काले वेलवेट के बिना वहाँ के ब्लाउज में भीड में सबसे अलग दिख रही थी । गोदना ने उसे अपनी ओर आते देखा तो उसके दिल की धडकनें तेज हो गई । उसने गोदना के गरीब आकर अपना परिचय दिया । खाई मैं तृषा ऍम बोलते समय बिना आगे जब कहे वो बोलना को देखती रही । उसने अपना हाथ आगे बढा बोध मानो साहब मिला । किसी महिला से हाथ मिलाने का उसका पहला मौका था । हम राम है जी, हम गोद में उसका अनुसरण किया । मैं जानती हूँ ॅ क्या है आपका बहुत बहुत धन्यवाद । उसके बारे में जानती थी । एक शहरी ग्रामीण को इसमें कुछ विशेष नहीं लगा । वो ध्यान उसके बारे में कुछ नहीं पूछा । वो आमंत्रित फिल्म अभिनेत्रियों में से शायद एक हो गई तो उसने सोचा और क्योंकि उनमें से किसी को नहीं जानता था इसलिए उसे कोई फर्क नहीं पडने वाला था । ऍम क्या नहीं, फोटो ले सकता हूँ । एक फोटोग्राफर ने दखल देते हुए कहा, शर्ट प्रशांत फौरन तैयार हो गई । जैसे वो अपने फोटोशूट का इंतजार कर रही थी । उस से दो चार पोस्ट दिए । फिर उसने फोटोग्राफर से गोधरा के साथ एक फोटो लेने का अनुरोध क्या खोदना हिचकिचाया? लेकिन मना नहीं कर पाया । दिशा उसके बगल में खडी हो गई । हालांकि गोदना ने पूरी वहाँ की शर्ट पहनी थी, फिर भी उसे त्रिशा की नंगी वहाँ का स्पर्श महसूस हुआ । फोटोग्राफर ने उन्हें धन्यवाद दिया और चला गया । आप कुछ ले नहीं रहे हैं । बोलना ने अपने ऑरेंज उसके मत को देखा और एहसास हुआ एक कॉकटेल पार्टी में फ्रूट जूस कुछ नहीं की गिनती में आता है । हम शराब नहीं पीते । उसे इतना ही कह पाया और तृषा के गिलास को देखने लगा तो विस्की पी रही थी सिर्फ वर्ष के साथ आइए, मैं को कुछ खास लोगों से मिलवाती हूँ । उस ने प्रस्ताव रखा । कुछ महिलाओं और तीन पुरूषों के ग्रुप में शामिल हो गए । महिलाएं तीस वर्ष से कम आयु की थी, लेकिन पुरुष चालीस से पचास वर्ष के बीच गए थे, हमेशा नहीं । तीनों पुरुषों से उसका परिचय कराया । लेकिन महिलाओं की और ध्यान नहीं दिया । उनमें से किसी फिल्मी पत्रिका का संपादक था । एक फिल्म फाइनेंसियल था और एक भारतीय फिल्मों का विदेशी वितरण । उनमें से न तो किसी ने ऍफ का नाम सुना था नहीं । वो जानते थे कि उनकी शराब ऍम प्रायोजित की है । अपना परिचय देते हुए गोदना उन्होंने बताया कि उसकी कंपनी शेख मोहम्मद अली अकबरी के लिए एक होटल का निर्माण कर रही है । शेर मोहम्मद अली और बडी भी यहाँ आने वाले हैं । उनमें से एक ने कहा तो बोलना उत्साहित हो गया । कम से कम उन अंजान लोगों के झुंड में उसे एक परिचित तो मिलेगा । हालांकि जब रात साढे बारह बजे के कुछ देर बाद पार्टी से निकला तब तक शेख नहीं आए थे । उससे पहले दशहरे उससे मोबाइल नंबर का आदान प्रदान किया । रोजदारों से अपने दोनों नंबर दे दिए, दुबई का भी और मुंबई का नहीं । कृषि रॉय ने सात पहले बडे बजट की फिल्में छोटी सी भूमिका से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था । उसने हीरो की बहन की भूमिका निभाई थी । कोई छोटी सी भूमिका थी । फिल्म की शुरुआत में ही बहन की बलात्कार के बाद हत्या हो गई थी और भूमिका ने लोगों का ध्यान उसकी और खींचने में मदद नहीं की थी क्योंकि उसमें उसके चेहरे से ज्यादा उसके शरीर का प्रदर्शन हुआ था । वो एक सफलता के लिए बेताब थी और सभी पार्टी ने हिरण की उस पर नजर पडेंगे । बाद में उसको सी ग्रेड फिल्मों में कुछ मुख्य भूमिकाएं मिली । मैंने सेंसर बोर्ड ने ए सर्टिफिकेट यानी सिर्फ व्यस्कों के देखने योग्य दिया । इन फिल्मों में हिरण ने पैसे लगाए थे । फिल्म तो सफल रही, लेकिन है जिनके साथ उसके संबंध गहरे हो गए । बत्तीस वर्ष की आयु में उसे फिल्मों में अच्छी भूमिका मिलने की संभावना नहीं के बराबर थी । मिलती भी तो छोटे बजट की फिल्मों में साधारण भूमिका ही मिल सकती थी । अगले दिन गोधरा सूट खरीदने डेरा सिटी सेंटर गया । वहाँ पच्चीस हजार डर हम तक के बढिया ब्रांडेड सूट थे । उधरा ने एक काले रंग का सूट पसंद किया । बाईस सौ पचास डर हमने वो सूट अपेक्षाकृत सस्ता था । जब उसने ट्रायल रूम के शीशे के सामने उसका कोट पहन कर देखा तो उसे एक उपलब्धि की भावना महसूस हुई हैं । दुबई इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में एक अधिकारी मीडिया फोटोग्राफरों के लगातार चमकते कैमरों के बीच गेट नंबर तीन से जो वीवीआईपी प्रवेश था, उसके अंदर ले गया । फोटोग्राफरों से पहचानते नहीं थे, लेकिन इतना जानते थे कि वह कोई वीवीआईपी है । उसका अनुरक्षक यानी स्पॉट । उसे विशाल स्टेज के ठीक सामने वाले सोफे बढ गया । वो इतना घबराया, साथ चारों और देखने लगा । साढे ग्यारह बजे जैसी गोदना जमाई लेने के लिए ऊपर हाथ रखने जा रहा था । एक व्यक्ति ने उसके पास आकर साथ चलने का अनुरोध किया । गोदना उसके साथ चला गया । वो व्यक्ति उसे स्टेज के पीछे कैबिन में ले गया । वहाँ छोटे कभी बिहारी से लडकी थी । फॅमिली जींस और रूम लिखी हुई सफेद टीशर्ट पहनी हुई थी । उसके हाथ में वॉकी टॉकी था । वो को देखते ही बोली सर, आप और प्राॅक्टर का वोट देने वाले हैं । मुझे लगा गोदना दिशा को जानता होगा, जो की सच था । लेकिन गोदने को इस बात से आश्चर्य हुआ कि वो सिर्फ एक सहयोग था या तृषा पिछली रात की मुलाकात के समय की बात जानती थी । गोदना सोचने लगा । वो कुछ कहता इससे पहले परिचित आवाज ने पीछे से कहा, ऍम, वो तृषा थी वहाँ वो अब सूत्रों बहुत अच्छे लग रहे हैं । आपको स्टेज पर होना चाहिए, उसके पीछे नहीं । गोधरा ने भी उसको हेलो कहा । उन दोनों का ध्यान न देते हुए वॉकीटॉकी वाली लडकी ने आगे कहा, उस समय आप ये लिफाफे लीजिए । इसमें विजेता का नाम है । वैसे ब्लॅड कोई मिल गया कि राकेश रोशन सर को मिलने वाला है । मिस्टर रोशन यहाँ नहीं है इसलिए उनका बेटा फिल्म का हीरो ऋतिक उन की ओर से अवार्ड लेगा । जब ऋतिक स्टेज पर अवॉर्ड लेने आएगा तो दर्शकों से कुछ बोल सकता है । जब मैं आपको इशारा करूंगी तो आप गैलरी से होकर स्टेज की और बढना शुरू कर दीजिएगा । बोलते बोलते वो कमरे से बाहर निकल आई । तृषा और गोधरा भी उसके पीछे बाहर आ गए । उसने गैलरी की ओर इशारा किया ये बात तो आज ही ज्वेलरी पार कर लेंगे तो एम सी आप के नाम की घोषणा करेगी तो मैडम आप लिफाफा खोलेंगी और अंदर रखा कार्ड राम सर को देंगे । वो विजेता के नाम की घोषणा करेंगे । सर मैंने आपको विजेता का नाम पहले ही बता दिया है लेकिन आपको नाम कार्ड में से पढना है या कम से कम पडने की एक्टिंग करनी है । अब सर की हमें ग्राॅस कर सकते हैं । मैं को दिखाउंगी और फिर आप वैसे ही करियेगा । सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का जी नफा बहुत जाता है । वो रुक गई और कार्ड से बढने का अभिनय करते हुए बोली, फिल्म कोई मिल गया के लिए राकेश रोशन को खोना नहीं भी इसका अनुसरण किया । तीन रिटेक्स के बाद उसको धो के मिल गया । बहुत बडी असर । अवार्ड देने के बाद एमसी आपसे कुछ सब कहने का अनुरोध करेगी । आपकी स्पीच के लिए पंद्रह सेकंड ते हुए हैं । आप सब समझ गए सर । उसने गोदना से पूछा था । उसने जवाब दिया, अब टीवी शो पर देख सकते हैं । उसने गैलरी की दीवार पर लगे एक एलसीडी की और इशारा किया । मैं अभी आती हूँ । लडकी ग्रीनरूम में वापस चली गई । गैलरी में सन्नाटा था । बोलने को घबराहट हो रही थी । वो पहले कभी स्टेज पर नहीं बोला था । उसे गांव के स्कूल का स्वतंत्रता दिवस समारोह ज्यादा गया । राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद वो राष्ट्रीय गान गाता था और बाकी छात्र उसके बाद दोहराते थे । पूरी स्कूल में सिर्फ उसी को पूरा राष्ट्रगान गाया था । बाकी छात्र मांस सबसे अच्छी खासी मार खाने के बाद भी राष्ट्रगान याद नहीं कर पाए थे । जब त्रिशा एलसीडी पर शो का मजा ले रही थी तब गोद में आपका पंद्रह सेकंड का भाषण तैयार कर रहा था । जीन्स वाली लडकी तेजी से चलते हुए उनके पास आई सर मैं पीस मेरे भी चाहिए । उन्होंने गैलरी से होते हुए स्टेज पर रह गयी । गोदना नहीं तो रॉयल के साथ अपने नाम की घोषणा पढें । स्टेज पर दर्शकों के सामने आने से पहले दिशा ने धीरे से उसका हाथ हम लिया । पहले से घबराए गोदना को कब कभी महसूस होने लगी । दर्शाने अपना दूसरा हाथ हिलाते हुए दर्शकों का अभिवादन किया । गोधरा ने उसका अनुसरण किया । अगले दो मिंट होता । गोदना दस हजार से ज्यादा दर्शकों के सामने उस चार हजार वर्ग गज के स्टेज पर सम्मोहित सकता था । वो बोलते समय कहाँ रहा था? अवार्ड देने के बाद उन्हें दशकों के बीच ले जाया गया और साथ में एक सौ से ऊपर बैठ गए । आप अच्छा बोले तो धीमे स्वर में कहा खोलना को याद नहीं था की उसमें स्टेज पर क्या बोला था । धन्यवाद को इतना ही कह सका । सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के बाद साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिए गए और शो समाप्त हो गया । आप दुबई भी कर लेते हैं । प्रशांत से पूछा, हम एल एन रोड पर जो होटल बना रहे हैं उसके साइड पर एक छोटे से स्टूडियो अपार्टमेंट में रहते हैं । क्या मैं आपको शाम डिनर के लिए आमंत्रित कर सकती हूँ? परसों सुबह में इंडिया वापस चली जाऊंगी । उसके निमंत्रण नहीं । गोधरा को दुविधा में डाल दिया । शायद मना करना असभ्यता होती । आप दुबई में कहा रुकी हैं । हमारे मतलब हम डिनर के लिए कहाँ जाएंगे? मुझे आयोजकों ने ओबरॉय में ठहराया है । सभी फिल्म वाले किसी होटल में ठहरे हैं । उम्र में एक सौ कमरे थे । जी नफा आयोजन समिति ने सभी कमरे बुक कर लिए थे । परेशानी संकेत दिया कि वह बॉलीवुड से संबंधित थी । उस से मिलने के बाद से अबतक गोदमा ने उसके बारे में नहीं पूछा था । निशाने पर साफ रखा हम कल रात आठ बजे जबरन में मिलेंगे । गोदानी स्वीकृति दे दी । अगले दिन रात आठ बजे से कुछ पहले प्रशांत गोधरा को उसके मोबाइल पर फोन करके बताया कि वो होटल में उसके कमरे में मिलेंगे । ऋतु कुमार द्वारा डिजाइन किए हुए कैसे हुए बैंगनी गांव और सफेद देनी जैकेट में तृषा दुनिया के किसी भी मर्द को लुभाने के लिए तैयार थी जब उसने रूम नंबर छह सौ छह का दरवाजा खोला । जॉर्जियो अरमानी के अखबार डी जोया की सुबह नहीं कूदना का स्वागत किया । उसने अपने लंबे खुले बाल अपने कंधे पर डाले हुए थे । उसके बालों के सिरे उसकी ना भी लगा रहे थे जो कि उसके कसी हुई पोशाक से साफ पता चल रहा था । खाये इन सब बातों ने गोदना को अस्थिर नहीं किया क्योंकि उसने उस शाम अपना सर्वश्रेष्ठ लगने की कोशिश की थी । उसके पास में दूसरा सूट नहीं था इसलिए उसने पारंपरिक पोशाक का चयन करते हुए एक क्रीम रंग का कुर्ता पायजामा पहन लिया था । ऍम आप पारंपरिक कपडों में बहुत अच्छे लग रहे हैं । ये कहते हुए उसकी नजरें गोधरा के चेहरे से उसकी कपडों पर फिर चल रही थी । आदि ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही हैं । वो दाने शिष्टाचारवश कहा गोदना ना देखा कि वह कमरा फाइव स्टार होटलों के सामान्य कमरों से बडा था । मैं रंग की बैठी बिछा विशाल पलंग बैठने की जगह से कुछ दूर था । अमरीका बैच इंटीरियर महोगनी फर्निशिंग से मेल खा रहा था । संयोग वाली योजना के कुत्ते पाए जाने का क्रीम रन भी कमरे के बैच रंग से मिल खा रहा था । शीशे की दीवार पर लगे पढते एक और किसका दिए गए थे । शनिवार से दुबई की चमक भी रोशनी दिखाई पड रही थी । राइटिंग टेबल पाॅप खुला था । ट्रेवल पर एक खुला हुआ राइटिंग पैड रखा था और उस पर एक पहन रखा हुआ था । टेबल लैंप के अलावा सिर्फ बैठने की जगह की लाइट चली थी । बैठने की जगह पर एक दो सीटर और दो एक एक्सीटर रखे थे । अंडाकार चाय के टेबल पर बर्फ के फॅमिली बहुत और एक जॉनी वॉकर ब्लू लेवल की बोतल रही थी । टेबल पर दो वाइन के गिलास और दो चौडे तले वाले ग्लास भी रखे थे । दिशा के आई रिपोर्ट पर एल्विस प्रेस्ले के रेट्रो गाने की धुन ने शाम की शुरुआत कर दी । या आप लिखती है टू सीटर पर बैठे हुए गोद मैंने पूछा । तृषा सिंगल सीटर पर बैठी थी ऍम टेबल की और देखते हुए बोले था जब मुझे एक्टिंग से वक्त मिलता है तो मैं कविताएं लिखती हूँ । आपको कविताएं अच्छी लगती हैं । बहुत हमने मैथिली शरण को रामधारी सिंह दिनकर और जयशंकर प्रसाद की कविताएं पडी हैं कि सब महान कभी हैं । हम आपकी कविताएं भी सुनना चाहेंगे । ये सब सुनकर दिशा के चेहरे पर जो उलझन भरे भाव आए, उन पर गोदना का ध्यान नहीं गया । क्यों नहीं मैं आपको अपनी कविता सुना होंगी, लेकिन पहले हम अपनी दोस्ती के नाम शैंपेन खोलते हैं । उसके रूम सर्विस में फोन किया एक मीटर वाइन बोतल ओपनर जी हैं । पहले में काजू और सलाह लेकर आ गया । जब दूसरे क्लास ज्वाइन डालने लगा तो खुद से रोक लिया । हम शराब नहीं पीते जानती हो, लेकिन की शराब नहीं चैंपियन है । उसके साथ शराब पीने के प्रस्ताव को कोई मार नहीं जा सकता था । दो हफ्ते पहले मुंबई में जब उसे गोदना के बारे में बताया जा रहा था तो उसने घर से कहा था गोधरा ने वीटर से बोतल मांगी और उस पर लिखिए । कंटेंट्स पडे उसमें सेवेन पर्सेन्ट ऍम थी । उस ने मना कर दिया । निशाने वेटर को दूसरे ग्लाॅस डालने से इंकार कर दिया । उठकर अपने हैंड बैग में से पचास डर हम निकले और वेटर को दे दिए । उसने गोदना से सॉफ्ट ड्रिंक के लिए पूछा । फॅसने मना कर दिया तो अमेजॅन ठंडा पानी दे दीजिए । वेटर नौ से पानी दिया और कमरे से बाहर चला गया । आपको कुछ तो लेना चाहिए था । कम से कम मुझे चीज कहने के लिए साथ तो मिलता है उसका संकेत रिंग शुरू करने के पहले गिलास टकराकर चीज बोलने की प्रथा से था । क्या मेरे शुरू करने के पहले मेरे क्लास से सिर्फ ले सकते हैं? थोडी हिचकिचाहट के बाद गोधना मान गया । एक घूट से उसके आदर्शों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाला था । उसके हिचकिचाहट, उसके अछूत होने के कारण भी । खैर उसने एक्सेप्ट लिया और गिलास प्रशासकों समाधिया हम तौर पर हम शाम को दूध पीते हैं । उससे सरलता से जवाब दिया । मुझे विश्वास है बदमाशी नहीं कर रहे हैं । जवाब में उसने शरारत से पूछा है गुदना को बुरा नहीं लगा । शायद उसकी बात समझ नहीं पाया । वो अपने लक्ष्य के प्रति इतना समर्पित था और कितना बोला था । एक दूसरी औरत के निकलता भी उसके लिए एक सामान्य घटना के अलावा कुछ नहीं थी । जब भी उसके मन में और अत्याचार, संबंध, शादी ऍफ का विचार आता तो सिर्फ बबुनी के बारे में सोचता है । दुबई आने के बाद से वह से बात नहीं कर पाया था । गोवर्धन के पीसीओ में अंतरराष्ट्रीय कौर यानी आॅडी की सुविधा नहीं थी । पीसीओ के शुरू होने के बाद सही पत्रव्यवहार वैसे ही अनावश्यक हो गए थे । वैसे भी गांव के पोस्ट ऑफिस से दुबई चिट्टी भेज रहा हूँ । उसके लिए त्यौहार जैसा काम था और उसके पास गोदना का पता भी नहीं था । वाइन का क्लास खत्म करने के बाद परेशान है, जिसकी का क्लास तैयार किया और दूध पूछा । अब क्या मैं आपको अपनी कविता सुन सकती है? गोदना तो इंतजार कर ही रहा था । फॅमिली डायरी निकाली उसमें कविता पडने लगी डाॅॅ ऍम फील तबरीज वॅार किसुन माँ है फॅार रहा हूँ फॅमिली कविता ने न तो गोविंदा को कुछ प्रभावित किया और न ही समूह है । उसने पूछा क्या अपने हिंदी में कुछ नहीं लिखा है? अम् हिंदी ज्यादा अच्छी तरह समझाते हैं । बिल्कुल मेरे बस हिंदी कविता भी है । उसने अपनी डायरी के पन्ने पलटे और हिंदी कविता सुना दी । क्यों गोदना को पसंद आएगा तो वो कतील शिफाई कि शायरी की कुछ पंक्तियां थे । हालांकि बोलना ने मान लिया कि वह पंक्तियां दिशा नहीं लिखी थी । इस बीच दिशा ने अपने लिए रिकॉर्ड ट्रिक प्रणाली एक घूम भरने के बाद उसने पूछा मैं आपके नाम का मतलब पूछ सकती हैं । गोधन सुनकर गोदना हैरान हो गया । कुछ याद नहीं आ रहा था कि उसने अपना पूरा नाम गोरधनराम किसी को बताया हो । ऍफ ला के भीतर और उससे संबंधित सभी लोग जो से जी राम के नाम से जानते थे, वो एकमात्र कागज जिसमें उसका पूरा नाम लिखा था । उसने पिछली बोर्ड मीटिंग के बाद कंपनी के रजिस्ट्रार के पास जमा किया था । तो हमारा नाम के सब मालूम है । वो पहली चीज थी जिसमें उसे तृषा से मिलने के बाद से उसके प्रति सतर्क किया । मुझे इसलिए पता है क्योंकि मैं पता करना चाहती थी घर में मैं आप के बारे में सब कुछ जानना चाहती हूँ । यहाँ पर संस्थान के बारे में सब कुछ नहीं जानना चाहते हैं जो आपको अच्छा लगता हूँ । बताई ये नाम क्यों? मेरा मतलब है इसका मतलब क्या है? क्या पटेटो के बारे में सुना है? गोदना ने पूछा लेकिन वो अभी भी तृषा के जवाब से आश्वस्त नहीं था । हाँ, बिल्कुल । मेरे पास भी एक है । मैं कुछ भी खाती हूँ । वो खडी हुई और अपना सफेद मनी जैकेट उतारा । गोदना के बगल में बैठ गई और अपनी छाती पर कॉलरबोन की जरूरत । सनी चेक उंगली रखती । उसकी गोरी त्वचा पर काले रंग का शंकर भगवान का टैटू था । शंकर भगवान के गले का नाग उसके कंधे से होते हुए इसकी वहाँ तक आ रहा था । यदि उसके साहसिक बताओ और शरीर के उस अंग पर शंकर भगवान के टैटू गोधरा को संकोच में नहीं डाला, उसके गांव से झांक रहे वक्ष स्थल नहीं जरूर डाल दिया । उस शर्मा ने लगी वो फिर नशा के प्रश्न नहीं, उसे और और सहज कर दिया । अपने बेटों की बात क्योंकि क्या पहले से जानते थे कि मेरे काम नहीं पर टैटू है । उसे किसी पर विश्वास नहीं था, उन लोगों पर भी नहीं जिन्होंने उसे ये काम सौंपा था । नहीं, अभी नहीं था । हिंदी में टैटू का मतलब गोदना होता है । जब हम तीन साल के थे, अपने माता पिता के साथ पडोस के गांव में मेले में गये थे । हमारे माता पिता हमें टैटू वाले के पास ले गए जिसमें हमारे शरीर पर मेहरों बाबा का टैटू बना दिया । जहाँ वापस लौटे तो गांव के लडको ने टैटू देख लिया तो लोग हमें गोदना बुलाने लगे । अब फिर वहीं हमारा नाम हो गया स्कूल के क्लर्क नहीं । हमारे दाखिले के समय मात्रा की गलती कर दी और गोधना को भोजन कर दिया । और हाँ कितनी दिलचस्प बात है । मैं तो गांॅव देखना चाहूंगी प्रीज ऍम दिखाई । वो बनाते हुए उसने बच्चों की तरह जबकि होता ने कोई जवाब नहीं दिया । ऍम हम कैसे दिखा सकते हैं वो ना शर्मा गया क्यों नहीं दिखा सकते । मैं तो अभी अभी आपको आॅटो दिखाया है । उसने तरफ दिया और अपनी ली थी । स्टेयरिंग बना ली हो, हमारी कमर के नीचे हैं । उसकी बात सुनकर तृषा जोर से हंसने लगी । उसे गोदना का भोलापन अच्छा लगने लगा । उसे इस बात पर भी शक हो रहा था कि गोदना चालाक आदमी है । जैसा कि उसे बताया गया था, चलिए हम मर्द बनी, अपना कुत्ता उधारी है । मुझे पेट तो देखना है । वो ना वहाँ से बहुत जाना चाहता था । दिशा ने अपने हाथ का गिलास नीचे रखा । कपूर का उतारने आ गयी । भूलना खडा होकर भूल गया । बताने की जरूरत नहीं है । अब नीचे से थोडा उठाकर ट्रैक्टर देख सकती हैं । ऑपरेशन वैसा ही किया । उसने मेहरों बाबा का ट्रेलर देखा तो समय के साथ कुछ हल्का पड गया था और उसकी सांगरी पूछा पर मुश्किल से दिखाई दे रहा था । जैसे ही टैटू कान खत्म हुआ तो ध्यान से खाना मंगाने का अनुरोध किया । उसका डिनर रात ग्यारह बजे खत्म हुआ । प्रशांत उसके विदा लेने से पहले उससे फोन पर संपर्क बनाए रखने के लिए कहा । उसने गोदना सहित मुंबई में मिलने का वायदा भी लिया ।

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बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी writer: राजीव सिंह Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Rajeev Singh
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