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उन्नीस लाॅट ग्रुप से सहयोग के बाद एच एस हॉस्पिटैलिटी का नाम औपचारिक रूप से फॅस हो गया । ॅ एक प्रतिष्ठित फ्रेंच हॉस्पिटैलिटी ग्रुप था जिसके होटल और रिजॉर्ट दुनिया के पंद्रह प्रमुख शहरों में थे । भारत के बेंगलुरु शहर में ये ग्रुप पहले ये होटल खोल चुका था । सौदे को पता करने में फिर इनके दोस्त जगह नहीं मध्यस्थ की भूमिका निभाई । उसने कोई परामर्श शुरू नहीं लिया । फिर हमने प्रतिफल के रूप में उसे कंपनी का शेयर होल्डर बनाने का प्रस्ताव रखा । इसके अलावा जघन्य एचएच इंफ्रा में सौ करोड रुपये के निवेश की पेशकश भी की । पूरी राशि कालेधन के रूप में निवेश होनी चाहिए । हसमुखभाई ने प्रस्ताव पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया । मैरियट के साथ हुए करार के तहत एच एस इन्फ्रा द्वारा निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद सात समझा और अन्य विविध सामानों पर आने वाला खर्च एबॅट का दायित्व होगा । ऑपरेशन आरंभ होने के एक साल के भीतर ॅरियर निर्माण की पूरी लागत जिसके अनुमानित राशि करीब दो सौ नब्बे करोड थे, एचएच इंफ्रा को लौटा देगा । संचालन की जिम्मेदारी पूरी तरह लाॅट पर होगी क्योंकि होटल चलाने में होने वाले राजस्व खर्चे एच एच इन्फ्रा द्वारा बहन किए जाएंगे । लाभ में साझेदारी एबॅट के बीच पचास पचास फीसदी होगी । जैसे ही सौदे की औपचारिकताएं पूरी हुई, गोदना ने अपना लक्ष्य तय कर लिया । जल्द से जल्द होटल का निर्माण पूरा करवाना अक्टूबर में जब होटल के निर्माण कार्य ने अपने अंतिम चरण में प्रवेश किया तो पूरे हो चुके हिस्सों की साथ सजा शुरू हो गयी । होटल का निर्माण कार्य नवंबर दो हजार में पूरा हो गया । दिसंबर के पहले सप्ताह में हुई एक मीटिंग में लाइट इंडिया के अध्यक्ष ने एक जनवरी दो हजार एक से ऑपरेशन शुरू करने पर जोर दिया । हालांकि होटल के साठ प्रतिशत हिस्से की सात सजा अभी भी बाकी थी । एक जनवरी दो हजार एक को गुडगांव के राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर आठ परिषद होटल ऍफ का उद्घाटन हुआ । उसके विशिष्ट के लिए जैसे आकार ने स्थानीय लोगों के साथ साथ विदेशी मेहमानों को भी आकर्षित किया । उद्घाटन के कुछ ही महीनों के भीतर ललित ग्रुप की विशेषज्ञता ने होटल को न सिर्फ व्यवसाय के सिलसिले में आए लोगों की बल्कि छुट्टियाँ मनाने आए लोगों की भी पसंदीदा जगह बना दिया । बाद में दोनों समूहों के संयुक्त प्रयासों से एक बैंक ने होटल की बंधक व्यवस्था के तहत एच । एस इन्फ्रा को राशि का भुगतान कर दिया । दूसरे शब्दों में निर्माण पर व्यय की गई पूरी राशि जिसका की एच । एच । इंसान ने दावा किया था, नवस्थापित कंपनी ऍफ पर एक दायित्व बन गई । पहले तीन महीनों में होटल को मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया ने हिरण को बहुत उत्साहित कर दिया । अप्रैल में हुई अगली वार्षिक जनरल मीटिंग में उसने गोवा में ऐसा ये होटल खोलने का प्रस्ताव रखा लेकिन हसमुखभाई ने होटल व्यवसाय का और विस्तार करने का निर्णय लेने से पहले कम से कम दो वर्ष इंतजार करने पर जोर दिया । उनके दिमाग में कुछ दूसरी योजनाएं थी, एच इंफ्रा के बोर्ड नहीं । हसमुखभाई के सुझाव पर कंपनी के पास विस्तार का एक प्रस्ताव रखा और राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय लिया । हसमुखभाई दूरदर्शी थे । उस समय राजमार्ग निर्माण के कारोबार में कदम रखने के उनके अपने कारण थे । उन्नीस सौ के आम चुनाव के बाद सरकार बदली तो भारत में सडक निर्माण क्षेत्र में काफी सुधर आया । केंद्र सरकार ने राजमार्ग विकास के लिए एक नेटवर्क विकास का दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम एन । एच । डी । पी । की अवधारणा को स्पष्ट किया । एन । एच । डी । पी । ने चार महानगरों जिन्हें स्वर्णिम चतुर्भुज या गोल्डन क्वाड्रिलेटरल कहा जाता है और उनके विकरणों जिन्हें उत्तर, दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे कहा जाता है तो जोडने वाली सडकों का विकास करने और उन्हें मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया । आज भी हालांकि ये ट्रंक मार्ग भारत के सडक नेटवर्क का सिर्फ दो प्रतिशत हिस्सा है लेकिन कुल सडक यातायात का चालीस प्रतिशत वहन करते हैं । केंद्र सरकार ने सडक की बुनियादी सुविधाओं के लिए वर्ष उन्नीस सौ निन्यानवे में एक समर्पित वित्तपोषण मॉर्डल भी बनाया । सरकार ने सडक क्षेत्र की जांच की और पेट्रोल और डीजल पर उपकर यानी सेज के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए बैकबोन फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क तैयार किया तो देशभर में सडक की बुनियादी सुविधाओं के लिए निर्धारित किया गया । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई को तो देश के राजमार्गों के रख रखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है । एक संस्था के रूप में सशक्त किया गया । सरकार द्वारा अनुमोदित कार्यक्रमों को लागू करने की जिम्मेदारी एनएचएआई पर छोड दी गई । कार्यक्रम के तहत आने वाली हर परियोजना के लिए एनएचएआई को सरकार की मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं थी । छह महीने बाद ऍफ का को एक अन्य कंपनी के साथ तो पहले से सडक निर्माण के क्षेत्र में थी । संयुक्त उद्यम यानी ज्वाइंट वेंचर में राजमार्ग विकास का पहला ठेका मिला । फॅमिली हारे था क्योंकि एच एस इंडिया के पास सडक निर्माण का कोई अनुभव नहीं था । राजस्थान में जयपुर और राधोपुर के बीच एक सौ चालीस किलोमीटर के राजमार्ग विकास पर ठेका छह सौ करोड रुपए का था । साल दो हजार के अंत में एक और घटना हुई मुकुंद की रुक्मिनी से । शादी रुक्मिनी की तथा की मुंबई के जवेरी बाजार में जमा रात की दुकान थी और एक मेरी खुद भी एक जूलरी डिजाइनर थी । वो लोग गुजराती थे तो दो पीढियों पहले मुंबई आकर बस गए । हालांकि ऐसी आपने वो हसमुखभाई के परिवार से नीचे थे । फिर भी हसमुखभाई रिश्ते के लिए मान गए । उन के अनुसार काम हैसियत वाले परिवार से आई । लडकी हमेशा अपने ससुराल वालों का अधिक सम्मान करती है । उसके अलावा शादी का प्रस्ताव हिरण लेकर आया था और हसमुखभाई उस पर आंख मूंद का विश्वास करते थे । जल्दी डिजाइनर बनने से पहले रुकमनी ने मॉडलिंग में किस्मत आजमाई थी । वो लम्बी थी बहुत खूबसूरत और सबसे उनमें ये खूबी थी की जो एक मॉडल बनने के लिए जरूरी होती है । अधिकांश नई मॉडलों की तरह वो भी एक सौंदर्य प्रतियोगिता जीतने की इच्छा रखती थी, लेकिन उसके साथ एक समस्या थी । वो सब कुछ बहुत जल्दी चाहती थी और यही बात मॉडलिंग क्षेत्र में उसकी असफलता था । करन बन गई । जल्दी से जल्दी आगे बढने के लिए उसने अपने चरित्र का बलिदान कर दिया और अंततः इसी बात नहीं उसके मॉडलिंग कॅरियर को समय से पहले खत्म कर दिया । हालांकि यही बात उसे हिरेन के निकट भी ले आई । होटल का काम पूरा हो जाने के बाद वो दादा को मिली । राहत ज्यादा नहीं रही । कंपनी के राजमार्ग विकास के क्षेत्र में प्रवेश करने के निर्णय ने उसे पहले से कहीं ज्यादा व्यस्त कर लिया । पीडब्ल्यूडी के उसके अनुभव के बहाने कंपनी ने राजमार्ग विकासकार्य की पूरी जिम्मेदारी उसे दे दी । वो सारा दिन काम करता हूँ । कभी कभी दो सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो साइटों का दौरा एक ही दिन में कर लेता था । उसको भाई उसको भरोसा करते थे, क्योंकि उसने हमेशा अच्छे परिणाम दिए थे । हालांकि कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट नितिन शाह थे । फिर भी हसमुखभाई कोई नई परियोजना हाथ में लेने से पहले गोदना की सलाह जरूर लेते हैं । उसके साथ हुई हर मीटिंग का अंत इन शब्दों से करते राम मैं इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तुम्हारे ऊपर भरोसा कर रहा हूँ । योजना बनाने से लेकर पूरा होने तक अगर तुम्हें लगता है कि तुम से पूरा कर सकते हो तो हम आगे बढेंगे । हम जानते हो कि मैं सिर्फ साबुन और डिटर्जेन्ट के शब्दों के बारे में जानता हूँ । मैं सिविल इंजीनियरिंग के बारे में कुछ नहीं जानता । इन शब्दों से गोदना को हमेशा खुद पर गर्व होता है और वो अपने नियोक्ता को कभी निराश न करने का संकल्प ले का । गोधरा को अपने खान व्यवसाय के लिए बिल्कुल समय नहीं मिलता था । हालांकि सुमेरसिंह बहुत दक्षिता से उसके व्यवसाय की देखभाल करता था । हाँ, दान का मालिक होने के नाते जब भी वो कोई नई लीज हासिल करते या फिर जब भी कोई बडी समस्या उत्पन्न होती है, तब कागजी कार्रवाई के लिए गोधरा की जरूरत पडती । सुमेर नहीं, कंपनी को तीन खदानों से छह खदानों तक पहुंचा दिया । उन्नीस सौ छियानवे में सिर्फ एक सोप स्टोन भगवान से शुरुआत करने वाली कंपनी के पास अब दो हजार में दो सौ स्टोन खदानें, दो ग्रेनाइट खदानें और दो संगमर्मर की खदानें थी । कंपनी ने अपने परिवहन वाहनों के काफिले को बढाकर अडतालीस तक पहुंचा दिया । उनके पास सत्रह बुलडोजरों की परिसंपत्ति भी थी । सुमेरसिंह के हाथ के नीचे छत्तीस कर्मचारी काम करते थे । वित्त वर्ष दो हजार दो के अंत में चार्टेड अकाउंटेंट ने जी राम माइनिंग कंपनी की कीमत का मूल्यांकन सौ करोड रुपये की कंपनी के रूप में क्या गोड्डा ने सुमेरसिंह को भी रूप से पुरस्कृत किया । उसने उसे पदोन्नत करके जी राम माइनिंग कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया और से घर जी और साल में एक बार कंपनी के खर्च पर सौ परिवार विदेश यात्रा का पुरस्कार दिया । इसने सुमित सिंह का वेतन भी बढाकर दस लाख रुपए सालाना कर दिया ।
Producer
Sound Engineer
Voice Artist