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भागना जल्ला जावेद को यूज ही नहीं कहा जाता था । खुफिया विभाग में उसे टॉर्चर एक्सपर्ट की उपाधि हासिल थी । खुफिया विभाग के इंटेरोगेशन रूम में गुड्डू धनियाँ और रस्तम कुर्सी से बंधे उसके सामने मौजूद थे । अमर और जॉन दरवाजे के पास खडे थे तो तुम लोग अभी भी नहीं बताओगे की सामंतराय की बेटी ने हारेगा को तो मैं कहाँ कैद कर रखा है । ऍम वहाँ उन लोगों की कैद में कभी तीन ऍम बात का फायदा उठाकर ॅ अपना चाहते थे । साहब की ॅ यानि तुम लोगों ने उसका खत्म कर दिया । चावल कराया नहीं नहीं नहीं था डाॅन हम लोगों ने नहीं उसको अगवा किया ना उसका बाल भी बांका कि ऐसा था मैंने तुम लोगों से भी बहुत बहुत सा हजार ढेड अपराधी देखें । छापे ठंडे तौर पर बोला । फिर उसने जेब से चाकू निकाल लिया । तीन नौकरी बेगुनाही की दुहाई देते रहे पर चावेज किसे पहला हो चुका था । तहक उद्योग के समीप पहुंचा और उसे विध्वंसकारी ढंग से देखने का उसका चेहरा रोज से करते लगा । मैं नहीं ऍम चार फिट का चार खो वाला हाथ पूरी शक्ति के साथ घूमा पर चाकू पिद्दू को बिना छुए पूरा घुमा और ऍम के कंधे पर चाहता था । पच्चीस होता है जांॅच उसके कंधे में गोल गोल कुम आया और बाहर निकले । बेहतर कर रहा हूँ । इससे पहले की उसम कुछ समझ पाता । जावेद में दोबारा उसी जख्म बच्चा को बता दिया । इस बार उसके मुंह से जीत के साथ ज्यादा तक आप भी निकल गया । अमर ने प्रेणा के साथ वो फिर लिया । कुछ देर जावेद ने रुस्तम को पीर रहने का मौका दिया । उसके बाद एक बार फिर गाँव में क्या को घुमा दिया? पांच मिनट बात रुस्तम बेहोश हो गया । उसके कंधे से खून बह रहा है । तुम तीन लोग जावेद का स्वर जैसे यमराज का हो गया था । जब तक एक जिंदा है मेरा काम हो जाएगा । फिर उस अपने काॅन् की जेब से पेचकस निकाल दिया और कुछ की तरफ पडा मुझे तेरी आंख् नहीं पसंद उसके स्वर में दर्द सी ठंड थी गुड क्योंकि ऍम अपने निर्णय ॅ अब जो बोला के मैं हुआ मैं मैं एकदम सच बोल रहा हूँ जब प्रियांक निकालकर में तेरे हाथ में पकडा दूंगा । अब तो सच बोलेगा कहकर चाबी का हाथ कुमार हमारे के साथ घूमने भी वो फिर लिया नहीं कुछ अलग चीज है वो खुद को इतनी तेज झटका दिया की बहुत कुर्सी सहित लडकिया ऍम मैं जमीन पर पडे पडे गिरा रहा था । उन दोनों का हाल देखकर थलिया का तो अलग से किया था । उसका नाम था और धाड करता होता जा रहा था । अचानक मैं चलना पडा । मैं सब बताता हूँ । जावेद उसकी तरफ पडता । दुनिया ने तोते की तरह बोलना शुरू कर दिया । हमने सेट की लडकी को अगवा करने का प्लान किया था पर सफल नहीं हो पाया । तो भी अगर झूठ बोल रहा है तो मैं तेरे हाथ पर काटकर भी तो होगा नहीं । सरकार एकदम सकते, झूठ बोल तो अब जो चाहे करना । जावेद ने उसे ध्यान से देखा फिर उसके सामने आकर क्या बोल उन तीनों के अलावा हमारा एक और साथ ही था । करेंगे अमर और चौवन भी वहां पहुंचे । करण केरेवाला जावेद में पूछ रहा हूँ धनिया बोला मुझे कि मिट्टी का आशिक उसके पैसों पर कॅश करता था । हमने उसे ये तरकी थी कि अगर ऐसी करनी है तो लडकी को अगवा करके सेहत से फिरौती मांगते हैं । खूब सारा पैसा मिल सकता है । वो तैयार हो गया । अमर ने पूछा अच्छा पहले तो उसने ना नुकुर के साथ फिर तैयार हो गया । फिर वो लडकी के पीछे उस की दौलत के लिए तो था । फिर एक दिन पता चला की लडकी का पिकनिक पर जाने का प्लान है कालीपहाडी पर वो सुनसान इलाका है इसलिए तो हमें मौका अच्छा लगा । हमने करन से कहा कि वो वहां पहुंचकर उसे जैसा देकर अपने साथ ले आए हैं । हम लोग एक लेकर पहाडी के नीचे इंतजार करेंगे फिर उसे अगवा करके बेहोश करेंगे और उसी होटल ले आयेंगे जहाँ जहाँ से आपने हमें पकडा था । बोलता रह जावेद ने कहा । फिर प्लान के हिसाब से करंट सुबह जल्दी बाइक से कालीपहाडी के लिए निकल गया । हम लोग भी पहन लेकर तो गाडी के नीचे जा पहुंचे और उस साले ने हमें धोखा दिया । खुद लडकी को लेकर चंपत हो गया । कहाँ गया वो? जावेद ने पूछा । समय मालूम होता तो अब तक उसे अगर दर्द पूछते हैं तो वो लोग आया हूँ और फिर आज तुम लोगों को सेट से चुनौती महीने का खयाल आया । हमारे पूछ रहा हूँ तो तीन दिन हमने उसे ढूंढने की कोशिश की वो तो नहीं मिला तो साथ में हमें मालूम पडा कि सेट से किसी ने फिरौती नहीं मांगी तो हमने सोचा क्यों ना हो और हम ही सुंदर ले बहुत हूँ । अमर चाहकर बोला तुम्हारा के अंदाजा है वो कहाँ गया होगा जो हमने दुनिया से पूछा फॅस जो भी ठिकाने हो सकते थे, हमने ढूंढे पर वो कहीं नहीं मिला । इसलिए लगता है वह लडकी के साथ ही पहाडी भाग गया हो हूँ । क्या लडकी उस पर इतना विश्वास करती थी कि उसके साथ भाग जाए? अमर में पूछ रहे हैं हाँ, आप तो करती थी वो करन से पर शायद अपने आप से डरती थी इसलिए करन से बहुत छुपते छुपाते मिलती थी तो मैं तो एक पर बातों बातों में करंट । खुद तो उसके बारे में बताया था वरना हमें तो पता भी नहीं चलता । पद करन जैसे लडके ने उसे अपने जाल में फंसाया कैसे? हाँ वो लूंबा लडका था तो स्माॅल तो भावनी बातों से पटाता होगा । और क्या जानते हैं उन दोनों के बारे में बताओ जहाँ पे बोला तो अब जो जानता था ऐसा बोल रहा हूँ । अब हम पर थोडी रियायत करो, कृपा होगी अब आगे जो भी काम करेंगे ना काली पहली बार गलती हो गई साहब हो । लेकिन जावेद ने कहा फिर वो चार नंबर के साथ उस कमरे से बाहर आ गया । अंदर एक डॉक्टर को भेज दिया गया । आयोजन अब नाराज होंगे । मेरा तो शक अभी यकीन में बदलता जा रहा है । अमर पूरा नहीं तुम्हारा सोचना गलत हो रही है । जहाँ पे पूरा करन निहारिका को अपने साथ ले गया है और उसने पैसे के लिए अभी तक जहाँ मंत्रालय को कॉल नहीं किया है शायद बाकी दोनों भाग गए । हो सकता है कि करण नहीं चाहता होगा कि निहारिका का अपहरण वगैरह हो और अपने दोस्तों से उसे बचाने के लिए उसने ऐसा किया होगा जो हमने अपना विचार साहिर क्या? तभी उन्हें पीछे से श्रीनिवासन ने कहा श्रीनिवासन खुफिया विभाग में एक फॅार्म में बैठ करते थे । निकेश पर काम करता था । क्या बात है मिस्टर श्री अगर पूछा एक जानकारी मिली है आम को लगता है कि यह या निहारिका के से जुडी जल्दी जल्दी बोलिए । जल्दी जल्दी सुनना तो ममता मेले में बोलेगा तो मगर चलेगा । श्रीनिवासन दिखाते हुए बोला सौरभ अमर ने हाथ जोडे, आप धीरे धीरे हिंदी में बोलो । वो कालीपहाडी के नीचे है । एक लाख और एक बाइक मिली है । वहाँ कुछ टूरिस्ट घूमने गया था । उन्होंने रिपोर्ट किया लाश कहा है जावेद उतावले स्वर्ग में बोला पुलिस लाले का इंतजाम कर रहा है । आज शाम तक पहुंच जाएगा । हम इंतजार नहीं कर सकते हैं । कहते हुए जावेद पहाड को लडका अमर और जो पीछे दौडे
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