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बदकिस्मत क़ातिल भाग - 02 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
एक ही दिन में उसके हाथों दो क़त्ल हुए- एक उसके दुश्मन का दूसरा उसका जिसे वो पागलपन की हद तक प्यार करता था। वह एक बदकिस्मत कातिल था। पर उसकी किस्मत कुछ ऐसी थी कि जावेद-अमर-जॉन उसे अंत तक पकड़ न सके। writer: शुभानंद Voiceover Artist : RJ Manish Author : Shubhanand Producer : Saransh Studios
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Transcript
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भाग दो जावेगा मर रहे निहारिका के दोस्त अगले वर्ष को गोल क्या पता चला की वो आज कॉलेज नहीं किया था । इसलिए वे उससे मिलने उसके घर पहुंचे । बस दही आखिरी बात निहारिका को नदी के किनारे देखा ना? अविनाश उन्नीस बीस साल का युवक था । उसके चेहरे पर हल्की दारी मुझे थे । बाल पडे हुए थे और आंखों पर मोटे फ्रेम वाला चश्मा था । क्या देखा था तुमने? चाहे पेट में पूछा बल्कि कब तक देखा था तुमने अब भरने सवाल किया सर मैंने देखा कि निहारिका नदी के किनारे चलते चलते बहुत तोड निकल गई थी । कुछ देर बाद तो वह गायब हो गई । तो इस तरह से बोला जैसे अभी अभी उस घटना को अपने सामने देख रहा हूँ । अकेले हो गई उसका किसी के साथ झगडा हुआ था । जब इतने पूछा हूँ ऐसी कोई बात नहीं । बाकी लोग क्या कर रहे थे । कुछ लोग नदी में नहीं आ रहे थे । कुछ काॅस्ट खेल रहे थे । निहारिका दोनों में से कोई भी काम क्यों नहीं कर रही थी वो मैं नहीं खेलती थी और पानी दो से बहुत ठंडा लग रहा था इसलिए वो बस थोडी देर अन्दर जाने के बाद ही बाहर आ गई थी । अच्छा उसका कोई खास दोस्त नहीं था । ठीक मैं समझा नहीं । मैं समझाता हूँ तुम कितने लोग गए थे । पिकनिक पर हमारे ने पूछा था आठ लाॅज कितने लडके? लडकियां पांच । लडके! तीन लडकियाँ तो उनमें से निहारिका सबसे नजदीक किसके साथ थी? मुझे तो लगता है कि हिलाना मंदिरा दोनों ही उसके अच्छी दोस्ती हो गई । बहुत लडकों में उसने फौरन जवाब नहीं दिया । तहत धीरे से बोला मुझे पता है आप क्या पूछना चाह रहे हैं । अच्छा तो उम्मीद है कि तुम सही जवाब तो अमर उसको पहले निकालो से देखते हुए बोला । पुलिस ने ये सब हम सभी से पहले भी कई कई बार पूछा था हूँ निहारिका का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था । हम सब उसके अच्छे दोस्त है । जवान लडके, लडकियां सब दोस्त हो सकते हैं लेकिन इस उम्र में थोडा बहुत ऍम तो हो ही जाता है । फॅमिली पर कोई तो होगा जो मन ही मन निहारिका को पसंद करता होगा । मुझे क्या पता किसी के मन में क्या है? अपने मन के बारे में फुल उसके मुख्य हल्की हंसी निकल गई नो चांस फिर क्यों तो उसके हर बात को इतनी गहराई से आप कर रहे थे । क्या मतलब अभी लश्कर पढाया तो बहुत पता है कि उसे पानी की तरह ठंडा लगा था और आज खेलते हुए भी तो हमारा सारा ध्यान उसकी तरफ था कि वो अकेली कहाँ जा रही है और क्या कर रही है । मैं हकबकाया था, अमर को देखने लगा आप गलत समझ रहे हैं क्यों कोई खूबसूरत लडकी थी अगर तुम्हें पसंद थी तो इसमें गलती किया है । खूबसूरत है तो क्या हुआ आप हमारे कॉलेज आइए एक से एक खूबसूरत लडकी देखी जाएगी सही में अमर ललचाई स्वर में बोला कौन सा कॉलेज है तुम्हारा जे के मेमोरियल कॉलेज भाईजान बाकी की पूछताछ आप करूँ । मैं कॉलेज घूम कर आता हूँ कहकर हमारे वहाँ कई उठा और बाहर निकल गया । अभी वर्षों से भूख पहाडी क्यों देखता रहा जैसे किसी पागल को जाते देख रहा हूँ क्योंकि भाग्य कॉलेज के लिए गए हैं । उसने जावेद से पूछा हो सकता है जावेद ने उसके सवाल पर खास्ता बच्चों नदी और पूछ रहे हैं देखो हम से सब कुछ सच सच बता ना हमारा काम करने का ढंग पुलिस से थोडा अलग ही होता है । देर सवेर हमें सच पता चल जाएगा । निहारिका तुम्हारी दोस्ती वह फिलहाल किस हाल में है हमें पता भी नहीं विमॅन अच्छा अमेठी उसकी बहुत फिक्र है । ले जाने को कहाँ से कहाँ गायब हो गई । लेकिन वही मैं तो कह रहा हूँ तब सच कह रहा हूँ । जावेद ने संतुष्ट भाव से सर हिलाया फिर कुछ ऐसे किसी लडके को जानते हो जिसमें कभी उसे पसंद किया हो तो पोस्ट वगैरह क्या किसी से कुछ कहासुनी हुई होगी? उससे सोचते हुए ना में सर हिलाया नहीं । निहारिका पैसे भी बहुत कम लोगों से दोस्ती रखते थे । मुझे तो नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ, कभी पर हुआ भी होगा तो मुझे नहीं लगता तो ये बात मुझसे शेयर करते हैं और बंदे से करते हैं । उसने हामी भरी । उस दिन कोई खास बात हुई थी । मतलब जिस दिन हम लोग पिकनिक पर गए थे, कोई भी बात चलने से पहले ही रास्ते में कोई अच्छी बात हुई होगी या फिर निहारिका ने कुछ बोला होगा । उलझन में पड गया आराम से सोच कर जवाब तो तुम पूरा वाॅकर कुछ ज्यादा है या कोई नहीं । बात पता चले तो मुझे पता नहीं हूँ । मैं वादा करता हूँ कि तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी । चीज जरूर । जावेद ने उस अपना नंबर दिया और फिर बाहर आ गया । नमस्कार सहित का आया था । इसलिए मैं ऑटो करके जो हरीप्रसाद के लिए चल दिया हैं

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एक ही दिन में उसके हाथों दो क़त्ल हुए- एक उसके दुश्मन का दूसरा उसका जिसे वो पागलपन की हद तक प्यार करता था। वह एक बदकिस्मत कातिल था। पर उसकी किस्मत कुछ ऐसी थी कि जावेद-अमर-जॉन उसे अंत तक पकड़ न सके। writer: शुभानंद Voiceover Artist : RJ Manish Author : Shubhanand Producer : Saransh Studios
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