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31. Controversy after Death in Hindi

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अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, लेकिन इसके पीछे वर्षों की मेहनत और कठिन साधना थी। मात्र 27 वर्ष की उम्र में सफलता का कीर्तिमान स्थापित करनेवाला यह महानायक मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में संसार से विदा हो गया। अनजाने अंतरिक्ष को जानने की ललक ने यूरी गागरिन को अंतरिक्ष अभियान की ओर प्रवृत्त किया। और वह भी पहली बार अंतरिक्ष में जाने की कल्पना करना ही दिल को दहला देनेवाली थी। वहां पहुंच भी पाएंगे और पहुंच गए तो क्या जीवित धरती पर लौट पाएंगे? इन सभी सवालों से परे यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुंचकर मानव जीवन को एक नई ऊंचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया। सुनें अद‍्भुत जिजीविषा और अप्रतिम साहस के धनी यूरी गागरिन की प्रेरणाप्रद जीवनी।
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ये अफवाहें सादा से रही है कि यूरी गागरिन की हत्या लियोनिड बिजनेस प्रशासन द्वारा की गई । पत्रकार, मित्र और संबंधी अब भी किसी खतरनाक षडयंत्र की बातें करते हैं । ऐसा कोई वास्तविक साक्ष्य भी नहीं है जो गैगरीन की हत्या को एक दुर्घटना से हटकर बतलाए क्षमता और कमजोर प्रशासन का सच मुझे उसकी मौत में योगदान रहा है । लेकिन सोची समझी ईशा की भावना असंभव ही लगती है । जहाँ तक गैगरीन के परिवार की बात है तो वास्तविक अपराध तो संबंधित अधिकारियों द्वारा उन्हें सत्य के विषय में कम से कम जानकारी देना ही था । वेलेंटीन के मुताबिक हम सोचते थे कि यूरी की मृत्यु का आदेश भेजने के द्वारा जारी किया गया था । जब यूरी राजकीय यात्राओं पर भेजने के साथ निकलता था तो लोग उसकी ओर ध्यान नहीं देते थे और जब लोग भेजने की बात नहीं सुनते थे तो उसे बुरा लगता था । ब्रिज नहीं यही चाहता था कि लोग उसकी तरफ ही ध्यान दें, किसी और की तरफ नहीं । जीवन में कोई दुर्घटना नहीं होती, बल्कि ऐसे कारण उत्पन्न होते हैं जिनका अंत दुर्घटनाओं के रूप में होता है । मैं तो संयोगों पर भी यकीन नहीं करता हूँ । ये अंतिम मिनट तक की एक प्रणाली थी । ऍम पिछली बार अपने भाई से पंद्रह फरवरी को मिला । यूरी के डिप्लोमा हासिल करने के कुछ ही दिनों बाद उस दिन शाम के वक्त गैगरीन के मॉस्को अपार्टमेंट में कुछ बिना बुलाए आ धमके । पत्रकारों ने सारा मोड पर बात कर दिया । वेलेंटीन कहता है, उन्होंने घंटी बजाई । मैंने दरवाजे को थोडा ही खोला और धक्का देते हुए भी अंदर आ गए । बोला मैं क्या कर सकता था? यूरी ने कहा कि वे परजीवी की तरह है और वो घर में आराम भी नहीं कर सकता । उन्होंने तस्वीरें लेनी शुरू कर दी । तब एक पत्रकार की नजर यूरी के जापानी कैमरे पर पडी । उसने कहा, मैं आपको अपना कैमरा देता हूँ । आप अपना वाला मुझे दे दीजिए । दोनों की कीमत का जो अंतर होगा वो भुगतान में आपको कर देता हूँ । यूरी ने मुड करवा लिया की ओर देखा बल्कि ये पैसा ही हम उसे दे देते हैं । तो कम से कम वो ये प्रश्न दोबारा नहीं पूछेगा । ये सुनकर वो पत्रकार बडा शर्मिंदा नजर आया । यूरी की बहन जोरा भी एक कटु अनुभव सुनाती है । पिछली बार हम जूरी से उसके ग्रेजुएशन पर अठारह फरवरी को मिले । जहाँ जो को उसकी एकेडमी से उसे और घर मंटो को डिप्लोमा प्रदान किया गया । इतनी कठोर मेहनत के बाद डिप्लोमा हासिल कर यूरी बहुत खुश था । इसके पांच हफ्ते बाद हमें रेडियो पर उसकी मौत की खबर में नहीं । हमें न तो कोई सलाह दी गई और ना पहले से कोई चेतावनी दी गई । हमें कुछ भी बताया नहीं गया । मैंने स्वयं को बहुत बीमार सा महसूस किया । वही हाल माँ का भी था । डॉक्टर हमें शांत रखने के लिए इंजेक्शन पर इंजेक्शन दिए जा रहे थे । चोरी की मौत के कारणों की कोई स्पष्ट आधिकारिक सूचना हमें नहीं दी गई । तमाम अनुमान और अपना ही वे सारी व्यस्ततम बातें जो आपके जहन में आ सकती हैं । किसी ने मरने में उसकी मदद की । यही मेरा कैसा है? जोया को यूरी की अंतयेष्टि की याद बडा बेचैन कर देती है । हम दो दिनों तक सोवियत आर्मी के हाउस में बैठे रहे और अंतहीन अन्त्येष्टि संगीत की धुनें हमारे कानों में गूंजती रही । हमें तो लगा हम पागल हो जाएंगे । उसे अलविदा कहने के लिए आने वाले लोगों का तांता लगा था । लोग बडी संख्या में सभी तरफ से आ रहे थे । बडी बडी कतारें लगी हुई थी । गार्डों द्वारा कुछ कुछ देर में प्रवेश द्वार बंद कर दिया जाता था । बडा हृदयविदारक दृश्य था प्रथानुसार गागरिन की । माँ अपने बेटे के शरीर को शवदाहगृह कि लडकों को भेंट किए जाने से पहले अंतिम बार उसका मुंह देखना चाहती थी । इंजैक्शनों के बारे में वेलेंटीन कहती है, हम ताबूत खोलना चाहते थे, लेकिन अंतयेष्टि दल के प्रमुख इसकी इजाजत नहीं दे रहे थे और जो या नहीं उनसे बहस करनी शुरू कर दी और हर कोई चला रहा था । अंततः उन्होंने जो भी चाहते थे, करने दिया । उन्होंने लाल रंग का देश में कपडा हटाकर ताबूत खोला । उसके अंदर एक प्लास्टिक के थैले में मानव अवशेष रखे हुए थे । उनमें से कुछ की पहचान तकरीबन नामुमकिन थी । यूरी की नाथ अपनी सही जगह थी, लेकिन उसकी काल फटे हुए नहीं । किसी ने मुझे बताया कि सिर्फ चीन का भी ताबूत । ऐसा ही दिखाना तो हमने देखा और ताबूत बंद कर दिया । संगीत बच नहीं रखा और धीरे धीरे ताबूतों को भट्टी में डाल दिया गया है । अगले दिन राजकीय अंतयेष्टि में यूरी के प्रस्ताव शेष क्रेमलिन की दीवार में रख दिए गए । हमारे जोया कहती है कि माँ को अपने बेटे की मौत का बडा गहरा सदमा लगा । इतिहास की इस विचित्र क्रूरता ने उसके जीवन की शांति छीन लिए सामान्यतया लोगों को मृतकों को दफनाने का मौका मिलता है और समय बिताने के साथ उनकी गांव भर जाते हैं । लेकिन हर दिन माँ को इस की याद आती थी क्योंकि उसका यूरी कितना विख्यात जो था । सारे सोवियत यूनियन से लोग श्रद्धांजलि देने हमारे पैतृक निवास पहुंच रहे थे । माँ अस्सी साल की उम्र तक जीवित रही है और मुझे हमेशा बडा आश्चर्य होता था कि वो इस दौर से कैसे गुजर गई । मुझे यकीन है कि उसकी तकलीफ हम सबसे बढकर थी । यूरी के बहुत से मित्र और सहकर्मी उसके माता पिता से मिल अपनी संवेदना प्रकट करने आते रहते थे । सर जी बिलकुल सर को बस की को स्वर्ण आता है । गैगरीन की माँ से मेरी अंतिम मुलाकात के दौरान जब हम अकेले थे तब उसने मुझसे अचानक पूछा, क्या चोरी को मार डाला गया था? मैं बिलकुल स्तंभित रह गया । मैंने पूछा आपको ऐसा क्यों लगता है? उसने मुझे बताया कि एक बार यूरी ने उसे बताया था हाँ मैं बहुत भयभीत हो । उसने कहा तो मेरी समझ में नहीं आया कि ऐसा कहने से उसका मतलब क्या था । लेकिन ये बात उसे साल की जरूरत थी । बिलट सर को उसकी अपनी स्वयं की व्याख्या प्रस्तुत करता है । मैं नहीं मानता कि गैगरीन को अपनी जिंदगी कट था । ये एक अलग किस्म का डर था । ऐसा डर जिसे हम सभी उन दिनों आपस में बांटते थे । हमारे समाज और दुनिया का डर जहाँ हम रहते थे, उस समय पत्र, भयंकर पत्र, बडी तादाद में यूरी के ऑफिस में आ रहे थे । समाज के सभी दुखिया तकलीफ का उस पर असर हो रहा था । वो अपने कंधों पर जिम्मेदारी का बहुत भारी बोझ हो रहा था । उसकी चिंता और तनाव को कोई भी समझ सकता था । कोई भावुक था और कुछ न कर पाने की स्थिति में तो खुद ही परेशान हो जाता था । आपको पार्टी के अभी जाते वर्ग की जीवन शैली में कभी नहीं चल सका और न ही ब्रिज नेट की उच्च स्तरीय प्रणाली । उसकी सोच उनकी शैली से मेल नहीं खाती थी । इसलिए उन्होंने उसे नकार दिया था । उसे रबर स्टैंप बनाने खरीदे जाने का भी प्रयास किया गया । लेकिन वो इन जंगलों में नहीं फंसा । आपको बहुत ही ईमानदार, स्वेच्छाचारी और स्वतंत्र मानसिकता का व्यक्ति था । उसके परिवार में बेलोफ सर को बस की यू नो टिटो और अन्य लोगों को पारिवारिक सदस्यों साथ दर्जा हुआ करता था । लेकिन दूसरे काम अंतरंग लोग बेवजह परिवार के भावनात्मक कस्ट हो छेड देते थे में यूरी की अंतरिक्ष यात्रा के बाद से में उसकी मौत तक उसके पिता अलेक्सेई और छोटा भाई बोर । इससे लगभग प्रतिदिन ऐसे लोग मिलने आया करते थे । फर्स्ट कॉस्ट नॉट यूरी तक उन्हें अपनी गुजारिशें पहुंचाने के लिए कहा करते थे या ऐसे लोग तो यूरी के परिवार के किसी सदस्य से मिलने मात्र की इच्छा रखते थे । यूरी की मौत के बाद भी अजनबी लोगों के आने का क्रम जारी रहा और समय के अंतराल में अलग से ही और बोरिस दोनों भी वजह शराबी हो गई क्योंकि जब विनम्रतापूर्वक उन्हें शराब लेने का अनुरोध किया जाता था तो वे मना नहीं कर पाते थे । लोगों का आदित्य करने के इस दबाव और लोगों से बोर्ड का और ब्रांडी के उपहार स्वीकार करते रहने का उन पर घातक प्रभाव पडा । सानू में बोर इसमें फांसी लगा ली जबकि अलेक्सई का कमजोर स्वास्थ्य और भी होता क्या है? गैगरीन की पत्नी वैलेंटीना ने सफलतापूर्वक अपनी दोनों बेटियों को पाल पोसकर बडा किया । दोनों बेटियां आज अच्छा जीवन जी रही है । वैलेंटीना आज भी स्टार सिटि के एक छोटे से मकान में रह रही है । वो पत्रकारों से तकरीबन है, कभी बात नहीं करती । अंतरिक्ष से जुडे बहुत से अनुभवी लोग उसकी सामान्य आवास तो जीवन शैली को राष्ट्रीय अपमान की संज्ञा देते हैं लेकिन वो लोगों के आकर्षण का केंद्र नहीं बनना चाहते हैं । वो लोग के अनुसार निकिता ख्रुश्चेव द्वारा खर्चीला रहन सहन प्रदान किए जाने के बाद भी वो बहुत कम बदल सकी । क्रिश्चयन नहीं गागरिन की अंतरिक्ष यात्रा के बाद उसे ऑर्डर ऑफ लैंडिंग प्रदान किया । अपने जीवन में उसने कभी भी इसे नही दूसरे किसी पुरस्कार या मेडल को प्रदर्शित किया । वो अंदर से एक ईमानदार महिला थी और वही बात गैगरीन में थी । अपनी शोहरत की बुलंदियों पर होने के बाद भी तो ये कभी नहीं बोला कि वह ऐसे विशाल पिरामिड के शीर्ष पर खडा था जिसे इंजीनियरों, वह ठेकेदारों ने मिलकर उसके लिए तैयार किया था । पिरामिड के इस उपयुक्त रूपक से ये समझने में मदद मिलती है कि गैगरीन का जीवन विरोधाभासों से भरा हुआ था । वो एक महत्वाकांक्षी वह प्रतिस्पर्धी व्यक्ति था । कोई इस बात से पूरी तरह परिचित था कि उसके जीवन की केंद्रीय उपलब्धि कई और लोगों के प्रयासों पर आधारित थी । जिन्हें अपना नाम जाहिर करने तक की अनुमति नहीं थी, उसके साथ सार्वजनिक ख्याति की भागीदारी करना तो बहुत बडी बात है । एक खेती हर लडका होने के कारण वो इंजीनियरिंग के जटिल समीकरणों के प्रति सहज था । एक टेक्निशियन जो स्वयं कुछ सोच सकता था, आम समाज का एक वफादार जो प्रचलित व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह कर सकता था, वो कुछ थोडी, कभी कभार विचारहीन, फिर भी अपने काम के प्रति अनुशासित और दूसरों के प्रति जिम्मेदार और प्राया स्वयं के प्रति भारी जोखिम की स्थिति में रहता था । उसे देश विदेश में राजनयिक कौशल के प्रदर्शन के दौरान राजनीति की ज्यादा समझ नहीं थी । वो ऐसा व्याभिचारी था जिसने वास्तव में अपनी पत्नी को परिवार को धोखा नहीं दिया क्योंकि उसके जीवन के लिए सभी प्रतिकूल तत्व एक दूसरे में मिल जाते हैं । इसलिए उसकी उभरकर आने वाली कहानी निश्चित ही एक संभ्रांत और बहादुर व्यक्ति की है जिसने असामान्य परिस्थितियों में भी अपनी बेहतरीन भूमिका अदा किया । वो एक हीरो था । इस शब्द के सर्वोत्तम तो सर्वाधिक ईमानदार करते हैं ।

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अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, लेकिन इसके पीछे वर्षों की मेहनत और कठिन साधना थी। मात्र 27 वर्ष की उम्र में सफलता का कीर्तिमान स्थापित करनेवाला यह महानायक मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में संसार से विदा हो गया। अनजाने अंतरिक्ष को जानने की ललक ने यूरी गागरिन को अंतरिक्ष अभियान की ओर प्रवृत्त किया। और वह भी पहली बार अंतरिक्ष में जाने की कल्पना करना ही दिल को दहला देनेवाली थी। वहां पहुंच भी पाएंगे और पहुंच गए तो क्या जीवित धरती पर लौट पाएंगे? इन सभी सवालों से परे यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुंचकर मानव जीवन को एक नई ऊंचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया। सुनें अद‍्भुत जिजीविषा और अप्रतिम साहस के धनी यूरी गागरिन की प्रेरणाप्रद जीवनी।
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