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26. Phir Se Ud Chala in Hindi

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अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, लेकिन इसके पीछे वर्षों की मेहनत और कठिन साधना थी। मात्र 27 वर्ष की उम्र में सफलता का कीर्तिमान स्थापित करनेवाला यह महानायक मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में संसार से विदा हो गया। अनजाने अंतरिक्ष को जानने की ललक ने यूरी गागरिन को अंतरिक्ष अभियान की ओर प्रवृत्त किया। और वह भी पहली बार अंतरिक्ष में जाने की कल्पना करना ही दिल को दहला देनेवाली थी। वहां पहुंच भी पाएंगे और पहुंच गए तो क्या जीवित धरती पर लौट पाएंगे? इन सभी सवालों से परे यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुंचकर मानव जीवन को एक नई ऊंचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया। सुनें अद‍्भुत जिजीविषा और अप्रतिम साहस के धनी यूरी गागरिन की प्रेरणाप्रद जीवनी।
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मन में इसी धुन के साथ नए सोयूज कैप्सूल पर जारी कार्य को गति दे दी गई । तदुपरान्त एंड एक प्रोजेक्ट को और पीछे धकेल दिया गया जिससे कोरोलेव के पुराने दुश्मन हो के भी एक पर और ज्यादा रूचि लेने हैं । अंतरिक्ष यात्रियों का दल इन सभी जटिलताओं से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका । यू नो आॅलराउंड मिशन के लिए एक दस्ते को प्रशिक्षित करने लगा जिसमें एक छोटा सा एकल व्यक्ति चंद्रमा पर उतरने वाला बोर्ड भी शामिल था । अंतरिक्ष यात्रियों के एक और दल को प्रोटॉन कि चंद्रमा की अर्धगोलाकार उडान के लिए तैयार किया गया । इसमें जो नामक सोयूज का ही एक पर्याय प्रयुक्त किया जाना था । इसी दौरान एक और दल यूरी समेत सोयूज के आधारभूत पृथ्वी कक्षीय परीक्षण जिसे आर सात के स्तर से जोड दिया गया था, के लिए प्रशिक्षण ले रहा था । नासा के प्रयास जिसमें अपोलो को बढा चढाकर प्रमुख लक्ष्य के रूप में रखा गया था । सोवियत का चंद्रमा कार्यक्रम बटा हुआ उलझन ग्रस्त और विरोधाभासी था । विशेष रूप से कोरोलेव के प्रबंध की अनुशासन के अभाव सन कि वसंत ऋतु तक सोयूज का विकास उसकी पहली महत्वपूर्ण उडान की तरफ बढ रहा था । बाईस अप्रैल को सोवियत के प्रचार विभाग ने बडे यकीन के साथ अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी यूपीआई को कुछ अफवाह ही खबर देने का निश्चय किया । आगामी मिशन में इतिहास का सर्वाधिक भव्या सोवियत अंतरिक्ष कदम का समावेश किया जाएगा । दो यानों के बीच इन फ्लाइट हो कब और दोनों यानों के अंतरिक्ष यात्रियों का एक दूसरे में आना जाना । लेकिन निकोलाई कामनी इनके दिमाग में कुछ संशय उठ रहे थे । उसकी डायरी में सोयूज के प्रक्षेपण की निर्धारित तिथि को आगे बढाने के लिए राजनीतिक दबाव का भी अंदेशा मिलता है । हमें पूरी तरह विश्वस्त होना चाहिए की उडान सफल होगी । ये पूर्व उडानों की अपेक्षा ज्यादा जटिल होगी और इसकी तैयारी में उचित रूप में अपेक्षाकृत ज्यादा लंबी अवधि का प्रयोग किया जाना होगा । हम अपने कार्यक्रम को हडबडी में आगे नहीं बढाना चाहते । अत्याधिक हडबडाहट से घातक दुर्घटनाएं होती है जैसे कि पिछली जनवरी में तीन अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स के मामले में हुआ कामान् । इनकी चिंता में आपदा का एहसास मिलता है । फॅसा है सोयूज का पहला मानव यान परीक्षण गागरिन के पैक अप के साथ लादिमीर कुमार को सौंपा गया था । बाद की तिथि में यूरी के उडान भरने के लिए एक नया सोयूज अंतरिक्ष यान तैयार किया जा रहा था । उसने दो वर्षों तक काफी कठिन प्रशिक्षण लिया और अपने प्रशिक्षण की विस्तृत रिपोर्ट स्टेट कमेटी को देता रहा । तत्पश्चात कुमार ओह में दो दिनों विशिष्ट रूप से सत्ताइस घंटे की उडान भरी और हमारे समक्ष एक बडी समस्या आ गई । कुमारों के लॉन्च के एक दिन बाद एक और सोयूज को तीन एस्ट्रोनॉट्स के साथ प्रक्षेपित किया जाना था । ये तीन ऍम थे वालेरी बाइको, बस की येवगेनी क्रोनो और ऍम दो सोयूज यान को तंग किया जाना था । उसके बाद ऍफ का कुमार ओह के कैप्सूल में अंतरिक्ष चहलकदमी करना निर्धारित वे यान की अतिरिक्त सीटों पर बैठ कर यात्रा करते । इस तरह ये भी अंतरिक्ष क्षेत्र में दुनिया का पहला कारनामा होता है कि वे एक यान से अंतरिक्ष में उडान भरकर जाते और दूसरे से वापस आते हैं । इसे रिहर्सल के तौर पर भविष्य में चंद्रमा के मिशन है तो डिजाइन किया गया था तो यूज में अभी तक एयर टाइप डॉकिंग चैनल को शामिल नहीं किया था । इसलिए कैप्सूल और भविष्य में चंद्रमा पर उतरने वाले यान के बीच एस्ट्रोनॉट ले जाने का एक ही चारा होता है जिससे एच तक स्पेस हो । ऐसा महसूस होता है कि बृज ने प्रशासन चाहता था कि डॉकिंग मई दिवस के आस पास हो जाएगा । सर की कम्युनिस्ट कैलेंडर में विशेष प्रासंगिकता है ये सन उन्नीस सौ में हुई क्रांति की पचासवीं वर्षगांठ दो अंतरिक्ष यानों का पृथ्वी की कक्षा में सहयोग स्थापित कर यूनियन बनाने की धारणा काफी हद तक प्रतीकात्मक थी । खासकर प्रतीकों की मानसिकता से ग्रसित सत्तारूढ सरकार के लिए सन उन्नीस सौ बयासी में सो यूज डेवलपमेंट टीम का एक इंजीनियर विक्टर ये सिकोडने जिसने हीट शील्ड के डिजाइन करने में भी हाथ बताया था । आपने सुरक्षित आश्रय कनाडा से इस बात की स्वीकृति वासिली मिशन बहु के भी एक पर कक्षा में दो सौ यूज जानो को समय पर ले जाने के लिए भारी राजनीतिक दबाव डाला गया था । कुछ प्रक्षेपण लगभग पूरी तरह से प्रचार के उद्देश्य से किए गए थे । इसका एक उदाहरण है सब में इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी डे मनाने के समय ब्लादिमीर कुमारों की दुर्भाग्यजनक उडान का रखा जाना । वो के भी एक डिजाइन ब्यूरो के प्रबंधन को मालूम था कि सोयूज यान पूरी तरह त्रुटिहीन घोषित नहीं किया गया था । इसे कार्यशील बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता नहीं । लेकिन चार अनमैंड परीक्षणों में त्रुटियां दर्शाये जाने के बावजूद कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रक्षेपण का आदेश दे दिया और वासिली मिशन द्वारा एंडॉर्समेंट पेपरों पर हस्ताक्षर की मनाही के बाद भी क्योंकि वह सोयूज नियंत्रि यान की तैयारी अधूरी मानता था । उडान भरी गई । इस मिशन के निर्धारित अंतिम तिथि के नजदीक आने पर भी हो के भी एक टेक्निशियनों को अंतरिक्ष यान में दो सौ तीन अलग अलग कमियाँ क्या थी जिन पर अभी भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता थी । इस मूल्यांकन में यूरी गैगरीन काफी निकटता से जुडा हुआ था । नौ मार्च उन्नीस को उसने और उसके सबसे करीबी अंतरिक्ष यात्रियों ने कुछ इंजीनियरों की मदद से एक दस पेजों वाला प्रलेख तैयार किया जिसमें सभी समस्याओं की विस्तार से जानकारी दी गई थी । परेशानी ये थी कि इस बात को कोई नहीं जानता था कि क्या किया जाए । सोवियत समाज के बीच बुरी खबर की प्रतिक्रिया हमेशा खबर देने वाले पर पडती थी । मिशन के अलावा लगभग पचास वरिष्ठ इंजीनियरों को रिपोर्ट के विषय में जानकारी दी । क्या इसे तैयार करने में उन्होंने मदद की थी । लेकिन उन में से कोई भी क्रेमलिन जाकर इस बात को जाहिर करने का साहस नहीं जुटा पा रहा था ताकि इस प्रक्षेपण में विलंब कर आवश्यक तकनीकी सुधार लाया जा सकता है । फॅस और अंतरिक्ष प्रशासकों ने अंतत था एक बहुत पुरानी तकनीक को अपनाया । उन्होंने सोयूज कार्यक्रम के बाहर के व्यक्ति को उनकी ओर से प्रलेख सौंपने के लिए नियुक्त कर लिया । वो था यूरी गैगरीन का एक चीजे भी मित्र बेन्यामिन चाहिए । ऍम कहता है, कुमार ओह ने मुझे और मेरी पत्नी को अपने घर पर आमंत्रित किया । उसके बाद जब वो हमें विदा कर रहा था तो उस ने सीधे तौर पर बात की । इस उडान से मैं वापस नहीं लौटाउंगा क्योंकि मुझे स्थिति की जानकारी थी इसलिए मैंने पूछा यदि तुम्हें इतनी यकीनी तौर पर मालूम है तो इस मिशन से अलग क्यों नहीं हो जाते हैं? इस पर उसने जवाब दिया, यदि मैं सूडान पर नहीं जाता हूँ तो वे मेरे बदले मेरा बैकप पायलट भेज देंगे । वो पायलट हैं यूरिन मेरी जगह वो मारा जाएगा । हमें उस की हिफाजत करनी चाहिए । दूसरा यह ने कहा जिस विषय में वो बात कर रहा था उसका उसे ज्ञान था । ऐसा कहते हुए वह सुबह सुबह कर रोने लगा । हालांकि अपनी पत्नी के सामने वो अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बरकरार रखे हुए था । लेकिन कुछ क्षण के लिए जब हम अकेले हुए तो वह पूरी तरह से धाराशाई हो गया । रूस आइए स्वयं से ज्यादा मददगार साबित न हो सका । रात भर बेचैन रहने के बाद अगली सुबह उसने के जीबी के वरिष्ठ मेजर जनरल कॉन्स्टेंटिन मेघा रोग की मदद लेने की सोची । मेघा रोका विभाग अंतरिक्ष के कार्मिक संबंधों को देखता था । वो कोरोलेव के साथ काफी करीब से जुडकर काम करता था । लेकिन वो रह नहीं गया था और उसका उत्तराधिकारी मिशन उसके जैसा व्यक्ति नहीं था । मेरे विभाग के लोग इस कार्य में अपना योगदान करते थे लेकिन मिशन से निपटना नामुमकिन था । खासकर तब जब कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता होती है । उसे अत्यधिक मार्गदर्शन की जरूरत होती थी । मैं खा रोक के कार्यालय गया और उसे बताया कि रॉकेट में गंभीर खामी हैं । उसने बडे ध्यान से मेरी बात सुनी और फिर कहा, मैं कुछ करूंगा । इस बीच अपनी मेज पर पास ही डटे रहना । एक्शन के लिए भी वहाँ से मत हटना । मैंने अपना वादा पूरा किया और तभी अपनी मैच से हटा जब उसने मुझे फिर से बुलाया । उसने मुझे यूरी के नेतृत्व में एक समूह द्वारा तैयार किया गया एक पत्र दिया । अधिकतर फॅसने अनुसंधान में भाग लिया था । देखा रोकने पत्र ऊपर की मंजिल पर ले जाकर डिपार्टमेंट थ्री के प्रमुख ईवान फिर यकीन से मिलने के लिए कहा इस पत्र में सोयूज हार्डवेयर की दो सौ तीन खामियों का वर्णन करने वाला दस पृष्ठ का प्रलेख और सह पत्र था । गुसाई ने अपनी बात पर अडिग रहते हुए कहा मैंने इसे नहीं पडा । मेरे पास तो समय ही नहीं । तभी उसे केजीबी से जुडे होने के कारण ये ऐसा ऐसा हुआ कि उस प्रलेख पर चुपके से भी नजर डालना काफी खतरनाक हो सकता था । उसने जो ही से देखा फिर यकीन ने वहीं बात की और सीधे अपनी जिम्मेदारी से ये कहकर इतिश्री कर ली मेरी इसमें विशिष्टता नहीं है । उसने रूस आइए को लम्बा का में और ज्यादा खतरनाक की जॉर्जी किसी के पास भेज दिया किसी ने? वस्तुतः लियोनेड बिजनेस का नजदीकी मित्र था । वे युद्ध के दौरान मुकाबले में एक दूसरे के साथ थे । यदि फर्स्ट सेक्रेटरी को खास खबर देने की कोई हिम्मत कर सकता था तो वो था किसी ने दुर्भाग्य । वर्ष दो साल के लिए परिस्थितियां इतनी साधारण नहीं, केजीबी में किसी ने क्रेमलिन के अपने दबंग आपका की मदद से बहुत तेजी से उभर रहा था । वो उस मधुर संबंध में किसी भी तरह की कोई आंच नहीं आने देना चाहता था । रूसा ये कहता है पत्र पढते समय किसी ने मेरी ओर ये अनुमान लगाने की प्रतिक्रिया भागते हुए देखा कि मैंने ये पढा था या नहीं । उसे निश्चित रूप से पता था कि किसी देव को पहले से ही इस प्रलेख की पूरी जानकारी थी और वो इसके तकनीकी विवरणों से दूर दूर तक वाकिफ नहीं था । वो मेरी ओर एक गिद्ध की तरह एक तक होता रहा । फिर अचानक उसने मुझसे पूछा मेरे विभाग तक आने की पदोन्नति तो मैं कैसे लगी? उसने मुझे एक बेहतर पद का प्रस्ताव भी दिया । दूसरा ये अब बडे खतरे में था । किसी ने पदोन्नति से उसे खरीद लेना चाहता था । साथ ही ऐसे विभाग में उसे रखना चाहता था जहाँ से उस पर और बारीकी से नजर रखी जा सकती है । यदि रूसा ये ये सौदा स्वीकार करता तो कुमारो और गागरिन के मकसद में मदद करने का मौका चूक जाता हूँ । दूसरी तरफ यदि वोट किसी ने का प्रस्ताव ठुकरा देता तो उसके परिणाम के बारे में भी कुछ सोचा नहीं जा सकता था । ये सब मेरा मानना था, इस खेल का हिस्सा था । मुझे बहुत नाराजगी थी, लेकिन मैं इसे जाहिर नहीं करना चाहता था । मैंने बडी सावधानी से किसी ने के प्रस्ताव पर असहमती जताते हुए दे दी है कि मैं उसके विभाग में काम करने की योग्यता नहीं रखता था । किसी ने उसका लेख को अपने पास ही रहने दिया और दोबारा उसे खोलकर नहीं देखा । कुछ हफ्तों के अंदर ही पे दिए की इनका तबादला ईरान में एक जूनियर काउंसलर ऑफिस में कर दिया गया जिसकी वजह मात्र ये थी कि उसने प्रदेश की ओर एक नजर चुराकर देखा भर था । किसी ने इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के सभी काउंटर के प्रमुख का पदभार संभाल लिया । गुरुसाई को अंतरिक्ष मामलों की संबंधित जिम्मेदारी से अलग कर उसे मॉस्को से बाहर लुब्यांका से काफी दूर किसी कार्मिक प्रशिक्षण विभाग में तबादला कर भेज दिया गया । वो कहता है, अगले दस सालों तक मैं किसी तपस्वी की तरह अपना सिर्फ नीचे की रहा । मूल निर्धारित तिथि के अनुसार तेईस अप्रैल उन्नीस सौ की सुबह सोयूज को प्रक्षेपण के लिए तैयार कर बेकानूर में कंट्री पर टिकाकर खडा कर दिया गया । जब कुमार ओह कैप्सूल पर अपनी सीट पर लिफ्ट से ऊपर जाने के पहले अंतिम तैयारी कर रहा था तभी ऐसा लगा मानो यूरी ये भूल गया था कि वोस्टोक के समय बैकप पायलटों को दी जाने वाली यातना अब व्यवहार में नहीं थी । उन्हें जबरदस्ती अंतरिक्ष पोशाक पहनाकर उनकी ज्यादा भाग्यवान सहकर्मियों को रॉकेट के शीर्ष तक ऊपर चढते हुए दिखाने के लिए उन्हें हांकते हुए पेड के नीचे तक ले जाने के बदले उन्हें बैकप पायलटों को अब उडान से पूर्व रात्रि में ही छुट्टी दे दी जाती थी । इस बार कुमारों को ज्यादा भाग्यवान तीन नहीं ठहराया जा सकता था । पत्रकार यार उस लिए गोलोवानोवा ने गागरिन को बडा अजीब बर्ताव करते पाया । उसने सुरक्षात्मक अंतरिक्ष पोशाक पहनने की मांग की । ये बात पहले से स्पष्ट थी कि कुमारो उडान भरने के लिए पूरी तरह तैयार था । वो लिफ्ट ऑफ समय के लिए मात्र तीन या चार घंटे रह गए थे । तभी अचानक वो बाहर निकल कर कहीं कुछ मांग करने लगा । ये दोनों से अचानक सवार हो गई । गोलोवानोवा को ये महसूस नहीं हुआ कि ये यही किया जाने वाला दुर्व्यवहार था । दूसरा, ये और अन्य दूसरे इस बात के प्रति अडिग हैं कि गैगरीन कुमारो को मौत के मुंह से बचाने के लिए स्वयं उडान पर जाने का प्रयास कर रहा था । ग्लोबल की बात के साथ समस्या के है कि इस मिशन के लिए कुमारों को अंतरिक्ष पोशाक नहीं दी गई थी । सोयूज के सामने के मॉड्यूल में दोनों छोरों पर एयरटाइट हैच लगे हुए थे जिसमें मॉड्यूल एक एयरलॉक के तौर पर काम करता था । दूसरे सोयूज के बाद से स्पेस वाकर्स को उनकी पोशाकों की जरूरत पडने लगी । लेकिन कुमार ओह ने इसकी मांग नहीं गैगरीन ने इस उडान में अंतरिक्ष पोशाक की मांग क्योंकि इसका ज्यादा यथार्थवादी कारण ये हो सकता है कि यूरी चाहता था की अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कुमारो अंतरिक्ष कोषाध् धारण करें । ये जितना हम सुनते हैं उतना सरल नहीं है । अंतरिक्ष पोशाकें कैप्सूल प्रणाली का इतना अभिन्न अंग हैं । उन्हें किसी ओवर कोट की तरह सहज ढंग से हमेशा नहीं पहना जा सकता । दूसरी संभावनाएं किए बताई जा सकती है कि यूरी सारी तैयारियाँ निष्फल कर देना चाहता था, वो भी बिना किसी पूर्व कार्ययोजना के ।

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अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, लेकिन इसके पीछे वर्षों की मेहनत और कठिन साधना थी। मात्र 27 वर्ष की उम्र में सफलता का कीर्तिमान स्थापित करनेवाला यह महानायक मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में संसार से विदा हो गया। अनजाने अंतरिक्ष को जानने की ललक ने यूरी गागरिन को अंतरिक्ष अभियान की ओर प्रवृत्त किया। और वह भी पहली बार अंतरिक्ष में जाने की कल्पना करना ही दिल को दहला देनेवाली थी। वहां पहुंच भी पाएंगे और पहुंच गए तो क्या जीवित धरती पर लौट पाएंगे? इन सभी सवालों से परे यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुंचकर मानव जीवन को एक नई ऊंचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया। सुनें अद‍्भुत जिजीविषा और अप्रतिम साहस के धनी यूरी गागरिन की प्रेरणाप्रद जीवनी।
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