Made with in India
विद्यालय की शिक्षिका । ये लेना को याद आता है कि यूरी एक प्रतिभाशाली छात्र था । अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह वो भी शरारत क्या करता था । लेकिन पूछने पर वो अपनी गलती स्वीकार कर दोबारा ऐसा न करने का वादा करता है । वो कहती है कि यूरी को एक बार उन्होंने अपनी निगरानी में कुछ दिनों के लिए कक्षा में सबसे आगे की कतार में बैठाया था । किंतु उसकी इस चौकसी के बावजूद वो शरारत करने से नहीं चुका है । उसने बेंच की सारी कीलें निकाल डाली थी ताकि जब कोई उस पर बैठे तो धाराशाही हो जाएगा । यूरी की रूचि संगीत में नहीं नहीं शेष सभी इवेंट्स में कुछ शौकिया तौर पर भाग लिया करता था । स्कूल में बहुत ही की एवं गणित उसके पसंदीदा विषय है । वो मॉर्डल हवाई जहाज बनाने वाले अन्य छात्रों के साथ खासतौर से संलग्न रहता था । कई बार इससे स्कूल के शिक्षक विशेष रूप से ये लेना परेशानी में पड जाती थी । एक बार उन्होंने खिडकी से हवाई जहाज उडाया क्योंकि वहाँ से गुजरते एक राहगीर पर जा गया । उसने आकर स्कूल के शिक्षकों से शिकायत कर दी । पूछने पर कक्षा में हर कोई तब बैठा रहा हूँ । अन तथा यूरी ने खडे होकर अपनी गलती स्वीकारी और क्षमा याचना की । मॉर्डल हवाई जहाज बनाने का ये शौक यूरी के उडान के प्रति जुनून को प्रकट करता है । सोलह वर्ष की आयु पूरी करने पर यूरी घर से बाहर जाकर आजीविका कमाने के प्रति चिंतित रहने का, अपने माता पिता को आर्थिक परेशानियों से घिरा देखकर उसे लगता की जल्द से जल्द उसे किसी काम धंधे में लग कर उनकी मदद करनी चाहिए । लेकिन उसकी माँ चाहती थी कि वो अपनी पढाई आगे भी जारी रखी है । यूरी ने लेनिनग्राड के कॉलेज ऑफ फिजिकल कल्चर में प्रवेश हेतु अपनी इच्छा व्यक्त जहाँ वो जिमनास्ट या स्पोर्ट्स मैन के रूप में प्रशिक्षण लेना चाहता था । उसके पिता उसके इस रुझान से खुश नहीं थे । लेकिन यूरी के भौतिक विषय के शिक्षक बेस्ट पाव लोग ने उसके पिता को उसकी इस रूचि के लिए मनाने का प्रयास किया । अलेक्सई को उम्मीद थी कि बडे होकर उसके तीनों बेटे बतौर कारपेंटर उसके काम में हाथ बटाएंगे लेकिन ऐसा नहीं होना था । मॉस्को के लिए ओवैसी स्टील प्लांट में प्रशिक्षुओं के लिए एक संस्थान भी था । जूरी संस्थान में किसी ट्रेड में प्रशिक्षण ले सकता हूँ । सन उन्नीस सौ पचास में उसे प्रशिक्षु के रूप में प्रवेश में मॉस्को चला गया जहां उसके एक रिश्तेदार सेवली इवानोविच की यहाँ उसके लिए कुछ दिनों तक ठहरने खाने की व्यवस्था कर दी गई । युवक सी में प्रवेश के दौरान यूरी को व्लादिमीर गोल्डस्टीन नामक फोरमैन के अधीन कहना होता था वो कठोर किंतु अनुशासन प्रिय व्यक्ति था । यूरी उसके व्यक्तित्व जीवन निष्ठापूर्ण कार्यशैली से बहुत प्रभावित हुआ । सन उन्नीस सौ इकसठ में दिए गए एक साक्षात्कार में उसने व्लादिमीर के बारे में कहा, आग शक्तिशाली होती है । पानी आग से भी ज्यादा शक्तिशाली होता है लेकिन इंसान तो सबसे ज्यादा शक्तिशाली है । सबसे पहला कार्य जो उसे करने के लिए सौंपा गया वो था नए बनकर तैयार हुए धातु के प्लास्टिक के कब्जों में की हो । यूरी को स्मरण आता है कि एक बार जब वह कब्जों में कील ठोक रहा था तभी उसके काम का अवलोकन करते हुए ब्लादिमीर ने उस पर झल्लाते हुए कहा कि उसने ये कार्य बिल्कुल गलत ढंग से किया था । अगले दिन से ही यूरी के काम में सुधार हो गया । प्रशिक्षण के दौरान एक ही बार में कोई काम सही सही करने में यूरिको कठिनाई महसूस होती है । शायद ऐसा काम को एक ही बार में न समझ पाने की वजह से होता है किन्तु वह हार नहीं मानता था और बारह बार अभ्यास जारी रखते हुए अंततः सफल हो ही जाता है । व्लादिमीर ने कई वर्षों बाद एक साक्षात्कार में बतलाया । शुरू शुरू में यूरी मुझे काफी कमजोर वह अक्षम महसूस हुआ । मेरे पास काउंट्री ग्रुप में ही एक जगह खाली था, जहाँ काम करने का मतलब था भयंकर धूल । धुआ और गर्मी का सामना करते हुए वजन उठाने का काम करना है । मैंने सोचा कि ये काम यूरी के बूते का नहीं है, लेकिन मुझे याद नहीं है की क्यों? मैंने उसके प्रति नकारात्मक सोच को दरकिनार कर उसे इस काम में लगा गया । शायद मुझे उस की संकल्प शक्ति का भान हो गया था । फिर मेहनती तो था ही । प्रशिक्षण वर्ष के अंत में यूरी की रिपोर्ट सराहनीय और साथ में नवनिर्मित टेक्निकल स्कूल में प्रशिक्षण हेतु चयनित मात्र चार प्रशिक्षुओं में एक उसका नाम था । यहाँ उसे ट्रैक्टर के मैकेनिजम पर प्रशिक्षण लेना था । सन उन्नीस सौ इक्यावन की वसंत ऋतु के दौरान यूरी अन्य तीन चयनित प्रशिक्षुओं वो एक नए शिक्षक टीमों ही नहीं की फोटो के साथ साथ चारो पहुंचा । उनके वहां पहुंचने के कुछ ही घंटों के अंदर उसकी नजर एक सूचना पर भी जिसमें लिखा था रोकना । उसने उत्सुकता वर्ष अंदर जाकर सदस्यता के लिए अपना नाम दे दिया । कुछ दिनों में उसका नाम स्वीकृत कर लिया गया किंतु ज्यादातर समय वो टेक्निकल स्कूल में जारी प्रशिक्षण में व्यस्त रहता था । इस वजह से वह कई सप्ताहों बाद ही सातारा की सीमा पर बने एरो क्लब के एयरफील्ड पर पहुंच सका । एरो कब की प्रमुख प्रशिक्षक थे दामित्री मारकिनो जिन्हें युद्ध के दौरान वायुयान चालन का अच्छा खासा अनुभव था । उन्होंने पहली बार यूपी को कैनवास से ढके एक प्रशिक्षण विमान याद अठारह को एक तक घूमते हुए देखा । यूरी के नजदीक पहुंचकर उन्होंने विमान में उडने का प्रस्ताव रखा जिसे यूरी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया । अगले ही क्षण पंद्रह सौ मीटर की ऊंचाई पर सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उडान भर रहे थे । कुछ मिनटों की उडान के बाद इस जमीन पर लौट आए यूरी कहते हैं, इस पहली उडान में मैं गर्व से फूला नहीं समा रहा था । इस उडान नहीं मेरे जीवन को एक मकसद दिशा दी । भारतीय लोग नहीं । यूरी की प्रशंसा करते हुए कहा, तुमने काफी अच्छा कर दिखाया । कोई भी यही सोचेगा कि तुमने पहले भी कभी विमान उडाया है । उत्तर में यूरी ने कहा अब तक मैंने सारी जिंदगी उडान तो भरी है हूँ । मार्च भलीभांति उसका तात्पर्य समझते थे और उसी क्षण से दोनों में गहरी मित्रता हो गई । सन उन्नीस सौ पचपन में इक्कीस वर्षीय यूरी ने उत्कृष्ट ग्रेड लेकर सातारा ट्रेनिंग स्कूल में अपना प्रशिक्षण पूरा किया । अब डॉक्टर के प्रति उनमें कोई रूचि नहीं रह गई । आखिर एरो क्लब में विमान चालन याद अठारह को सीखते हुए हैं । उन्होंने पिछला यादगार समय जो बताया था । जहाँ एक ओर उसे उपनयन के सिद्धांत पर शाम को व्याख्यान में शामिल होना था वहीं दिन के दौरान टेक्निकल स्कूल में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम हेतु जागते रहना पडता था और सफल न होने के निश्चय के साथ वो अतिरिक्त कार्यभार संभालने में जुटा रहता था । उसने एक विमान के विंग से पैराशूट की मदद से छलांग लगाने का रोंगटे खडे कर देने वाला कारनामा कर दिखाया जिसके लिए उन्हें क्लब द्वारा सम्मानित किया गया था । मार्च जनों द्वारा यूरिको यूरल नदी के तट पर स्थित पायलट स्कूल के लिए भी अनुशंसित किया गया जहां प्रवेश लेने के लिए उसे बतौर मिलिट्री कैडिट आवेदन करना पडता है । ये कुछ छोटा मोटा शौकिया ना क्लब न होकर सैन्य उडा को को तैयार करने वाला एक ट्रेनिंग सेंटर था । हालांकि एयर उपलब्धि केवल शौकिया तौर पर चलाया जा रहा केंद्र नहीं था । यूरी ने सातारा में बहुत से स्पोर्टिंग क्लब में सदस्यता ले रखी थी जिससे उसकी शारीरिक संरचना, पर्याप्त व्यायाम, भोजन शैली से मजबूत हो गई थी । फुटबॉल और वॉलीबॉल खेलने के अलावा वो वोल्गा में एक पैर से वॉटर्स का ये भी क्या करते हैं । परिणामस्वरूप औसत से भी कुछ काम कद काठी के साथ वो खूबसूरत नवयुवक देखते थे । अच्छे चाल चलन वह मृदुभाषी स्वभाव के कारण उनके बहुत से मित्र बन गए और इन बहुत के प्रशिक्षक सक्रिय ड्यूटी पर लगे हुए सैनिक जिन्हें आसानी से खुश नहीं रखा जा सकता था । आगामी वर्षों में यूरी को उनके कठोर अनुशासन के प्रति स्वयं को कटिबद्ध रखना, प्रशिक्षण समाप्त होने के उपरांत उसे युद्ध पर लडने वह शहीद हो जाने के लिए भेजा जा सकता है । उनके माता पिता मिलिट्री सेवा में शामिल होने देने के पक्ष में नहीं थे । उडान के प्रति उसके जुनून को विक काफी गैर जिम्मेदाराना मानते थे । किंतु यूरी के भविष्य के मिलिट्री पायलट बनना है तो आवश्यक कठोर अनुशासन की झलक पहले ही नजर आने लगी थी । ऑरेनबर्ग प्रशिक्षण केंद्र में कुछ अंक प्राप्त करना आसान नहीं था । यूरी के एक वरिष्ठ प्रशिक्षक ने सन उन्नीस सौ में कहा था, ये कल्पना मत करो कि यूरी बचपन से ही अति प्रतिभाशाली था । ऐसा कुछ भी नहीं । वो एक उत्साही पूर जवान युवक था और अन्य लोगों की तरह सामान्य गलतियां उससे भी होती थी । लैंडिंग में वह बडी गंभीर गलतियां क्या करता हूँ । खडे चढाव युक्त मोडों पर उसका कार्य संपादन सही नहीं हुआ करता था । लेकिन उसके लंबवत टाइप चढाव को देख मैं दातों तले उंगली दबा लेता था । इसके बाद जमीन पर उतरना भी बिल्कुल त्रुटिहीन रहता था । जब उसके वरिष्ठ प्रशिक्षक ने पूछा तुम इसी तरह हमेशा लैंडिंग क्यों नहीं करते तो उसने कहा अब मुझे हल मिल चुका है । वो अपनी सीट के नीचे एक गति रखता था ताकि रेलवे में उसकी दृष्टि बेहतर जमी रहे हैं । वस्तुतः वो गड्डी वह कुछ अन्य बातें लैंडिंग की समस्या के हल खोजने की दिशा में उसकी संकल्पित प्रयास का हिस्सा थी । इसके बाद बात आती है लक्ष्याभ्यास एक मिलिट्री पायलट के लिए अपने विमान से गोलीबारी करने में प्रमीण होना अति आवश्यक है । शुरू शुरू में वह लक्ष्यों पर गोली चलाने में बडी चुकी क्या करता था जबकि उसके अन्य साथी लक्ष्यों पर बिल्कुल सटीक निशाना साथ लेते हैं । यूरी इससे संबंधित सैद्धांतिक कक्षाओं में पुणे शामिल हुआ । उडान के दौरान लक्ष्य पर निशाना दागने की बार बार कोशिश और अंततः उसने सही तरीके से लक्ष्यों को उडाने में महारत हासिल कर ली । किसी दौरान ऑरेनबर्ग में ही यूरी की मुलाकात वेलेंटीना गोरियां सेवा से हुई । पूरी आंखों वाली ये युवती काफी खूबसूरत थी । वो यूरी से उम्र में एक साल छोटी थी । वो ऑरेनबर्ग बेस में कार्यरत थी । यही से दोनों की मुलाकातों का दौर शुरू हुआ है । वेलेंटिना के माता पिता उसे प्यार से वालिया भी कहाँ कर देते । वालिया के माता पिता इवान गोरिया जो और वारवरा सोम्य इनोवा और इन भरके चेरिन स्ट्रीट में रहते थे, वे भी यूरी को पसंद करते थे । उनका घर यूरी के लिए एक और ठिकाना बन चुका था । फरवरी में यूरी ने ऍम ट्रेनिंग सेंटर से सार्जेंट का दर्जा हासिल कर अपना प्रशिक्षण पूरा किया और छब्बीस मार्च उन्नीस सौ सत्तावन को उसने मिग पंद्रह जेट में अपनी प्रथम सोलो उडान भरी । चार अक्टूबर को सोवियत ने दुनिया का प्रथम कृत्रिम उपग्रह लॉन्च किया । इस खबर से ऑरेनबर्ग में प्रशिक्षण लेने वाले वह प्रशिक्षण ले चुके कैडेटों में काफी उत्साह वार रोमांच भर गया । यूरी का सबसे खास मित्र जूरी डर गुनो हवाईपट्टी पर तेजी से दौडते हुए यूरी के पास पूरी ताकत से स्पुतनिक चलता हुआ पहुंचा । यूरी भी काफी रोमांचित था हो लेकिन तब उसका रुझान पायलट स्कूल में होने वाली अंतिम परीक्षाओं वह कुछ हद तक वालिया के साथ बढते प्रेम के प्रति ज्यादा था । उनकी शादी की तारीख सत्ताईस अक्टूबर पहले ही तय हो चुकी थीं । इस विषय में स्वर्ण करते हुए उसने बताया कि अंतरिक्ष में उडान के विचार के बदले शादी के इंतजाम का बोझ उस पर ज्यादा पड रहा था । उसने कभी ये कल्पना नहीं की थी की साढे तीन साल की अवधि में ही वो अंतरिक्ष की कक्षा में भ्रमण कर रहा होगा । वाला को भी ये बयान नहीं था कि उसने भविष्य में अंतरिक्ष का हीरो कहलाने वाले व्यक्ति से शादी की थी । उसे इस ऐतिहासिक कार्य के साथ जुडे जोखिमों का भी ऐसा था । उसे यूरी के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान आना जाना भी पडता था क्योंकि यूरी को अलग अलग स्टेशनों में जाने की आवश्यकता होती थी । जहाँ एक ओर उसे इस बात की खुशी होती थी कि सेना विभाग द्वारा उसकी आवाज, स्वास्थ्य सुविधा, बच्चों की शिक्षा, वो पेंशन की व्यवस्था की जाएगी । वहीं दूसरी ओर जेट प्लेन में उडान के दौरान अपने पति को खो देने का अज्ञात भय भी मन में घर बनाता रहता था । अन्य सैनिक पत्नियों के साथ भी चर्चा के दौरान ये बात उभर कर सामने आ ही जाया करती थी लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी नहीं की थी कि दुनिया के सबसे प्रसिद्ध इंसान की पत्नी बनने का गौरव उसे हासिल होगा । ऑरेनबर्ग से छह नवंबर को उत्कृष्ट ग्रेड लेकर उत्तीण होने के बाद शीघ्र यूरी का लेफ्टिनेंट में कमीशन हो गया । तत्पश्चात उसे आर्थिक सर्कल से तीन सौ किलोमीटर उत्तर में उत्तरी छोर बिंदु पर स्थित निकल एयरबेस में सैन्य निरीक्षण हेतु मिग पंद्रह जेट की उडान है तो भेज दिया गया । वाल्या भी उसके साथ नहीं जहाँ उसे शून्य डिग्रीसेंटीग्रेट से भी कम तापमान की स्थिति का सामना करना पडा । यही दस अप्रैल उन्नीस सौ उनसठ को उसने अपनी पहली संतान सुपुत्री लीना को जन्म दिया । यहाँ शीत ऋतु के महीनों के दौर में यूरी को मिगके नियंत्रन में बाधाएं होती नहीं ऍसे यहाँ लगातार खतरा बना रहता था । साथ ही आकाश और जमीन सफेद चादर के रूप में इस तरह मिले हुए नजर आते थे कि क्षितिज स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर नहीं होती थी । उन दिनों उडान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक अप्रोच वन लैंडिंग सिस्टम विशेष तौर पर संवेदनशील नहीं हुआ करते थे । स्नो ब्रांडेड पायलटों को अपेक्षाकृत बडे जमीनी नियंत्रण, गिटार पर भरोसा करना होता था । साफ मौसम के दौरान भी खतरा मंडराता रहता था । एक दिन यूरी ने अपना विमान काली बर्फ से ढकी लैंडिंग स्ट्रिप पर उतारा जो की खुली आंखों से पारदर्शी नजर आती थी तो उसमें तेल जैसी फिसलने ऑरेनबर्ग में प्रशिक्षण के दौरान उसने इस तरह की दशाओं में अभ्यास नहीं किया था । उसका विमान तेजी से बेकाबू होकर एक ओर फिसल गया और लैंडिंग गियर का टायर अचानक ब्रेक लगने के दबाव के चलते हट गया और इन बहुत पायलट स्कूल में यूरी के एक अच्छे मित्र यूरी डेर चुनाव की मौत ऐसी ही स्थिति में उसकी भर्ती के एक माह के भीतर ही निकल के निकट हो गई थी । इस घटना के कई सप्ताह तक यूरी मानसिक रूप से परेशान रहा था ।
Producer
Sound Engineer