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अच्छा अध्याय बी जब हम शाम को घर पहुंचे । हम यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि हमारे दरवाजे पर एक पुलिस की जीत थी और कुछ पडोसी पुलिस वालों के साथ थे क्योंकि हमने अस्पताल में अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था । हमें नहीं मालूम था कि वहाँ क्या घटित हुआ था । हमने एक दूसरे की तरफ देखा और टैक्सी से उतरे । जल्दी सब कुछ स्पष्ट हो गया । सामने का दरवाजा आधा खुला हुआ था और इसके पास की नौकरानी अपनी ही खून में लथपथ पडी थी । की पूरा साफ था कि उसने मरने से पहले हत्यारे के साथ अपनी पूरी शक्ति के साथ संघर्ष किया था । यह देखकर मैं इतना स्थल थी कि मेरी आंखों में आंसू सूख गए थे और मैं ये सोचने लगी कि प्रकाश मुझे क्यों मारना चाहता था और नौकरानी को किसने मारा? क्या बे उसके आदमी थे जिन्होंने इस अपराध को अंजाम दिया? ये सभी सवाल मेरे दिमाग में आने लगे और मैं उनका उत्तर जानने में असमर्थ थी । पूजा एक पुलिस वाले से बात कर रही थी और शायद उसने घटना के बारे में उसे बताया था जो हमारे साथ रास्ते में घटित हुई थी क्योंकि पुलिस वाला तब मेरे पास आया और बोला विशेष प्रकाश आप की जिंदगी खतरे में हैं । आपके लिए और ज्यादा सचेत रहना जरूरी है और तब उसकी मुझे सीक्रेट नंबर देते हुए कहा कि उसे फोन करुँ । जब भी मुझे अपनी चारों और हल्का सा भी खतरा महसूस हो, मैं शब्द भी नहीं कह सकी । यहाँ तक कि उसे धन्यवाद भी नहीं किया क्योंकि मैं डर से अत्यंत घबराई हुई थी । उसके बाद में पोस्टमार्टम तथा अन्य गतिविधियों के लिए मृत शरीर को लेकर । उस समय तक पूजा का पति भी वहां पहुंच चुका था क्योंकि पूजा ने उसे टेलीफोन किया था । लेकिन मैंने उसे तब देखा जब उसने सांत्वना देने के लिए अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा । उसे देखकर में बुरी तरह से रोने लगी । इसलिए पूजा वहाँ आई और उन्होंने मुझे स्थिति का सामना करने के लिए पर्याप्त साहस देने की कोशिश की । लेकिन प्रकाश का क्या? पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार नहीं किया । भाभी ने पूछा, रोहिणी ने अपना सिर भावी की तरफ मोडा और दुखी होकर बताया । उन्होंने मुटभेड से उसी मार डाला । कैसे? अमर ने पूछा, उसके फिर कहानी जारी रखी । पुलिस की जाने के बाद हम पीछे के दरवाजे से घर में घुसे क्योंकि सामने का दरवाजा सील कर दिया गया था । उस रात हम नहीं सुन सके । पूरी रात हम जाते हुए ये बात करते रहे कि प्रकाश मुझे क्यों मारना चाहता था । अचानक मुझे याद आया कि प्रकाश ने मुझे उस रात ब्रीफकेस के साथ बाहर जाने से पहले एक डायरी की । टायरी को पीले रंग के कागज में पैक किया गया था और मैंने बगैर ज्यादा महत्व दिए उसे अपने बैग में रख लिया था । जिस क्षण ये मेरे दिमाग में आया, मैं खडी हुई । हालांकि पूजा जानना चाहती थी कि मैं कहाँ जा रही थी लेकिन मैंने उत्तर नहीं दिया और मैंने अपने कमरे में जाकर अपना बैग खोलकर उसमें से डायरी निकाली । पूजा के पति ने इसे बढा उसके चेहरे का भाव बदल गया और इससे हम इसके बारे में जानने को उत्सुक हो गए । क्या तुम हमें कुछ बताओ की? पूजा ने पूछा । उसके पति ने कुछ देर के लिए चुप चाप उसे सुना और तब उत्तर दिया कि ये बहुत महत्वपूर्ण आई थी और जल्दी इसे पुलिस को सौंप देना चाहिए । इसमें सब कुछ प्रकाश और उसके गिरोह के बारे में था । वो मेरी भगवान पूजा ने आश्चर्य प्रकट किया और कहा कि यही कारण था कि रोहिणी पर हमला हुआ और नौकरानी को मार डाला गया । तब हमने एक दूसरे की तरफ डर की निगाह से देखा और चुपचाप रहकर यह सूचना चाहती थी कि अब क्या किया जाए । लेकिन तभी हमने गोली चलने की आवास और नहीं समझ सकी कि क्या करना चाहिए और कुछ । लेकिन बाद हमने अपने घर के चारों और रोशनी देखी और उसके बाद एक घोषणा हुई । अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो । भागने का कोई मौका नहीं है लेकिन उत्तर में वहाँ इस तरह से गोलीबारी शुरू हो गई जैसे कि दीपावली का दिन हो । हमने ये सोचते हुए डर से कांपने लगे । किसी भीषण हमारी जान जा सकती है । यू तो हमने अपना दरवाजा और अपने कमरे की खिडकियां अंदर से बंद कर ली थी लेकिन हम खुद को बाहर बीत होने से नहीं रोक सके । कुछ समय बाद गोलीबारी बंद हो गई । उनका साथ देने के लिए ज्यादा पुलिस वाले आ गए और वे उन दो लोगों को मारने में सफल हो गए जो हमारे घर पर चढने की कोशिश कर रहे थे और खिडकी के रास्ते कमरे से घुसना चाहते थे । लेकिन वहाँ पुलिस केसीआई कमलेश ने पूछा । रोहिणी ने उत्तर दिया, वास्तव में पुलिस हमारे घर के चारों और सादी कपडों में थी और वृद्ध दृष्टि के साथ सुरक्षा कर रहे थे कि कोई निश्चित रूप से मेरे घर में कोई ऐसी चीज पाने के लिए घुसने की कोशिश करेगा जिसे वे दिन में नौकरानी की आपत्ति के कार्य नहीं ले पाए थे । वो दो मृत पेट की कौन थे? अमन ने उत्सुकता से पूछा उनमें से प्रकाश था । रोहिणी ने उत्तर दिया उसके बाद क्या हुआ? भाभी ने सवाल किया, हमने डायरी पुलिस को सौंप दी और अगले हफ्ते हमने अखबार में पढा कि पुलिस ने कई स्थानों पर छापा मारा था और उस औरत का क्या हुआ जो प्रकाश के साथ थी । कमलेश ने पूछा वो भी छापेमारी के दौरान मारी गई भगवान को धन्यवाद । भाभी ने उत्सुकता पर विजय पाते हुए पूछा । उसी समय दरवाजे पर दस्तक हुई । सब नी एक दूसरे की तरफ संदिग्ध दृष्टि से देखा कि कौन हो सकता है । तब रोहिणी ने उठकर दरवाजा खोला और देखा की पूजा वहाँ खडी मुस्कुरा रहे थे हूँ
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