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पोखर -03 in Hindi

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Authorहरप्रीत सेखा, सुभाष नीरव
‘बर्फखोर हवायें’ कहानियों का संग्रह है जिसमें 12 चुनिंदा कहानियां शामिल है। कहानियों की सबसे बड़ी खूबी है कि वे लिसनर्स को निराश नहीं करेंगे। इन कहानियों में समाज, रिश्‍तें, परिवार, सामाजिक संस्‍कर, रूढि़यों, सीख शामिल हैं, जो लिसनर्स को उनसे जोड़ता है। Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Harpreet Sekha Script Writer : Subhash Neerav
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बुखार ये तो बुरा ही पहुँच गए तो उन्हें सुबह पुल की तरफ देखकर सोचा । पिछले साल जब तुमने ये फूल वाला मकान खरीदा था तो तेरे दिल दिमाग में भी नहीं था कि इसकी इतनी देखरेख करने पडा करेगी । काम पर से लौट कर तेरा मन किया कि पूल के किनारे बैठ कर आराम से धूप सेक आऊंगा । तब बैठते ही तेरी ने कहा पूल के पानी पर जा पडी । काम पर ओवर टाइम ने लगा होने के कारण तो दिन रहते घर पहुंच गया । रसोई में जाकर तूने अपनी लंच किट सिंह के पास रखकर स्टोर की और देखा । तेरे भीतर चाय पीने की तलब उठी । पता नहीं किधर गई है । उन्हें अपनी पत्नी के बारे में सोचा । एक पालतू उसी तरह खडा रहा और फिर शराब वाली अलमारी की ओर देखने लगा । कल काम पर जाना है । अगर पीने लग पडा तो फिर हटा नहीं जाएगा । सोचकर तुमने अपना ध्यान उधर से हटाकर दूसरी तरफ कर लिया । फिर फ्रिज खोला । तेरी नेता बीयर की बोतलों के साथ टकराई । इसका क्या देना? तूने सोचा और फिर बोतल उठा ही ली । बोतल खोलने से पहले तो बाहर की और देखा अप्रैल महीने की पहली गुनगुनी धूप में तेरा घर के पिछवाडे बैठने को दिल क्या हमसे बैठकर पिएंगे सोचकर तूने बीयर की एक और बोतल फ्रिज में से निकालकर बगल में दवा ले । फिर कार्डलेस फोन की और देखा यदि उसकी रिंगटोन बनने लगी तो अंदर की और भागना पडेगा । सोचकर तूने उसको भी उठा लिया और पिछवाडे की सीढियां उतर गया । सुबह पूल के किनारे बोतलों और फोन को रखकर तो शेड के नीचे रखी प्लास्टिक की कुर्सियों की तरह पडा । सर्दियों में इस्तेमाल न कि जाने के कारण मैली हुई पडी कुर्सियों की तरफ देख कर तुझे अपनी पत्नी पर खीचडे ये नहीं कि कुर्सी ही साफ कर दूँ । पता भी है कि अब बाहर बैठने की रोता आ गई है बढाकर तूने कुर्सियां साफ करने के लिए किसी पुराने कपडे की तलाश में इधर उधर देखा लेकिन देरी ने कहा किसी कपडे पर ना पडी तूने हाथ से ही कुर्सियां झाडकर धूल के किनारे ला रखी और एक कुर्सी पर बैठकर दूसरी पट्टा ऍम डिग्री नजर पूर्ण कि गंदे हो गए । पानी पर पडी स्कूल के पीछे बीस पच्चीस हजार अधिक का खर्च करना पडा तो मैं सोचा तुम लोगों ने सर्दियों में पूर्ण को ढका भी नहीं था । सारी सर्दी इसमें बारिश का पानी पडता रहा था । अगर इसमें कोई खराबी आ गई थी । अगर यही कोई पूल के बगैर मकान लिया होता तो उतने पैसों की अब जीप ले लेते । तेरे मन में खयाल आया जब तो कनाडा आया था । तेरी इच्छा थी कि जीव खरीद कर इसके पीछे जलदार लिखवाए । जैसे इंडिया में तेरे बापू की जीत के पीछे लिखा होता था, पर तब तेरी इतनी पहुंच नहीं थी कि कोई अच्छी जीत खरीद सके । पाँच छह साल तो तू अपनी घरवाली की पुरानी इम्पाला के साथ ही गुजारा करता रहा था । फिर मकान खरीदने के चक्कर में तिराहे शौक पीछे पडता चला गया । अब कुछ महीने से जब से तेरे बेटे ने लाइसेंस लिया था, तेरह शॉप फिर से जाग उठा । मेरी ख्वाहिश थी कि अगले साल जब ये यूनिवर्सिटी जाने लगेगा तो उसको जीप लेकर रहेगा । जब तूने अपनी अच्छा एक दिन उसके साथ साझी की तो उसका उत्तर था डाॅ । इस पर तूने नशे की झोंक में कहा था उत्तर पैसे की चिंता ना अगर हम बढिया जीप लेंगे और उसके पीछे जेलदार लिखवाएंगे फॅस अपने पुत्र की बात सुनकर तो झट से कहा वो ये बंपर स्टीकर नहीं और रेड ग्रैंडफादर मुँह जेलदार जब प्राउड होना चाहिए । क्या ऑटो लॅास कई बार बताया आपने पर डैडी लोगों को से क्या अपने पुत्र की ये बात तो ये अच्छी नहीं लगी थी । उन्हें सोचा पता नहीं किस पर गया है चल अपनी महंगी जीत नहीं मांगता तो न सहित मैं चला लिया करुंगा मारता रहेगा । ताक रहे मेरे पुरानी कार के साथ और जब तुम ने अपने पुत्र की अगले साल से यूनिवर्सिटी की पढाई पर आने वाले खर्च के बारे में पता लगाया तो जीप लेनी तो एक तरफ तो बडा घर लेकर भी पछताने लगा । स्विमिंग पूल की और देखते हुए तुझे मकान पर खर्च किए फालतू डॉलर चुभने लग पडे । लेने खराब होना था ठीक करवाने पर पता नहीं कितने लगेंगे तो तो उठा दूसरे तीसरे दिन क्लोरीन चेक करो रात को ढको साले बीस झंझट है तो मैं सोचा फिर तुझे अपने गांव वाली होगी की याद हुआ । उन्हें सोचा उसमें किसी को कडी क्लोरीन चेक करने की जरूरत नहीं पडती थी । निचले हिस्से में बनी मोरी में पत्रा अडा दो और भर गई । पत्रा निकाल दो तो खाली जब नहाने धोने के लिए इस्तेमाल करनी होती । बापू सीरी को कहकर कांच की तरह चमक वाले था । फिर तो मैं सोचा आप क्या बराबरी करना तुझे अपने बापू का अपने यहाँ गोबर कूडा उठाने वाली के साथ बहुत ही में नहाने वाला किस्सा याद हुआ या जिसके बारे में पता चलने पर तेरी बेदेने लडते हुए कहा था मैं तो उस की बाटी अपने बर्तनों में नहीं मिलना देती । वो देख ले आलेख में पडी है और तू वो शर्म का घाटा है तो उन्हें वोट में दो वक्त अगर आपने बापू की गस्ती आवाज में कहे शब्द सुने थे, यूनान कुटाई खा लेना जबर जबर किए जाती है । उन्हें मोरी में से देखा था कि ये कहकर तेरा बापू बाहर की ओर जाता हुआ मंद मंद हंस रहा था । तब मेरे बाल मन को अपने बापू का इस प्रकार करना समझ में नहीं आया था बल्कि तेरे भीतर भिंडूसी पैदा हुई थी । लेकिन अब अब तो तूने वह सब कुछ याद करके सोचा ऍम कौनसा पटियाला वाले महाराजा से कम था । ये सोचते ही तरह होठों पर मुस्कुराहट आ गई । पिछले साल मकान खरीदते वक्त पूल की और देख कर तेरे भीतर गुप इच्छा भी उठी थी । इस पोल में घरवालों के कई बाहर चले जाने पर तो किसी पडौसन पडोसन गोरी किसन रहा है लेकिन ये अच्छा एक पल के लिए ही उठी थी । मकान पर अधिक डॉलर खर्च करने में पूल वाले मकान से घर की शान बनेगी वाला विचार अधिक सहायक हुआ था । पहले तो तू मीनमेख निकालता कहता था जरूर लगाने हैं फालतू पैसे आस पास कोई दूसरा मकान सेल पर लगेगा तो उसका सौदा कर लेंगे । पर मेरी पत्नी ने कहा था बेटा अभी फोर्थ क्लास में है, तीन साल और स्कूल में जाना है उसने । इससे करीब और कौन सा मकान लगेगा? सेल पर रहे घर के बिल्कुल करीब है । मैं ही जानती हूँ मैं कैसे काम पर से हफ्ते हुए । लौटती हूँ कि कहीं लेटना हो जाऊँ । लडकी खडी इंतजार करेगी जल्दबाजी में किसी दिन एक्सीडेंट करवा बैठ होंगी इस घर में । अगर मैं पांच सात मिनट लेट भी हो जाऊंगी तो ये खुदिया जाया करेगी । और फिर जब अपग्रेड करने की लगे हैं तो ढंग से करेंगे । पूल से घर की शान बनती है तुझे । ये दलील जज गई थी और तुम लोगों ने मोर्चा मार लिया था । पर आप खराब हुए पूल की और देखकर तूने सोचा देखने वाला कहेगा कि पूल वाला घर लेने का तो बडा शौक है । तब पता लगता है जब मेन्टेन करना पडता है । ऐसे मकान साले दिखते भी नहीं नहीं तो चार डॉलर कमा ही ले । फिर तूने चल जो कुछ होना था हो गया । इतनी कौन सी बात है चलता रहता है सोच कर अपना ध्यान पूल की तरफ से हटा लिया । बीयर के घूंट भरते हुए तेरे निगाहा शेड के नीचे पडे बार्बी क्यू पर पडी तेरा मन बार्बी क्यू क्या चिकन खाने को हुआ तेरे दिल में अच्छा पैदा हुई कि किसी भाई बहन को बुला ले और बार्बी क्यू करते हुए डर हुए । उन्होंने अपने दो तीन मित्रों के बारे में सोचा तो वीक होने का खयाल आया । चल आप ही करते हैं कुछ सोच कर तूने अपनी पत्नी का सेल फोन मिला । इधर शहर गलती होती है दुबई में शहर करती लगती हूँ काम से सीधी लडकी को स्कूल से लेकर ग्रॉसरी लेने आई हुई हूँ । खत्म हो गई थी अच्छा फिर आती हुई तंदूरी चिकन उठाती लाना । बार्बी क्यू करते हैं, कहकर तो फोन बंद करने वाला था की तो दूसरी ओर से आवाज सुनाई दी । अकेले ही हो के साथ में कोई और भी है, अकेला ही हूँ और क्या फौजी होंगी । साथ में मैंने इसलिए पूछा था कितना लाऊं उन्हें फोन बंद करके बीयर का बडा सा खून भरा फोन की घंटी बजती सुनकर तुमने सोचा पत्नी का ही होगा फिर पूछेगी कुछ और तो नहीं लाना वो नॉन करके तूने कहा और दूसरी तरफ तुझे अजनबी आवाज सुनाई दी पाई जी हैं फॅर गुरजंट ऍम गांव से जगत सिंह का बेटा ऍम दो पूछना चाहता था पर पूछा नहीं अंदाजा लगाने के लिए चुप हो गया और तरह दिमाग में नहीं आया कि कौन है तो दूसरी तरफ से सुना पाई जी पिछली बार जब तुम इंडिया गए थे, मेरे बैंक में आए थे । अब तो आ गया यार सोलाह चडक सिंह कहीं का अब सीधा नहीं किया था कि चढते का जनता हूँ । कहना चाहता था पर कहा नहीं बल्कि वो अच्छा अच्छा कह दिया । दूसरी ओर से तुझे थोडा हंसने की आवाज के बाद सुनाई दिया मैं तुम्हारे शहर आ गया हूँ भाई जी अच्छा तूने कहा तो मुझे अपने भाई का बताया याद आया जिस आदमी ने बाहरी मुल्क में जाने की उम्मीद में विवाह नहीं करवाया था, पैंतीस साल का हो चुका था । ये बात तुझे उसने करीब दो साल पहले तेरे इंडिया गए पर बताई थी । जब तुम बैंक से वापस आ रहे थे । जहाँ ये आदमी क्लर्क था पहुंची गया फिर दबाया था तो उन्हें पूछा पिछले इतवार और गांव का क्या हाल चाल है? एक पल तेरे दिल में आया कि कहीं आज आप मेरे गांव की बातें करेंगे । पर तूने कहा नहीं जहाँ से ज्यादा वास्ता ही नहीं था । मेरा तो बहुत देर से लुधियाने में ही रहता था । सुनकर तूने कहा हम मान की जरूरत हो तो बताना । ये कहते हुए तेरह सीना गर्व से फूल गया । हम की कोई प्रॉब्लम नहीं है । भाई जी मेरे मिस्टर यहाँ किसी फैक्ट्री में सुपरवाइजर है । वो कहती है, पार्ट टाइम काम पर साथ ही लगवा लूंगी । मेरा विचार पडने का है । लेदरी नहीं हो पायेगी मुझे दस बारह साल बैंक में नौकरी करके दफ्तरी काम की आदत पड गई है । सुन कर तेरे भीतर कडवाहट भरने लगी । उन्होंने कहा अच्छा फिर अगर किसी हेल्प की जरूरत पडे तो बताना दूसरी ओर से मेहरबानी सुनकर तुम्हें चल अच्छा फिर कहा और फोन बंद कर दिया हूँ । लेदरी नहीं होने की तो बढ बढाया । तेरे अंदर की कडवाहट बेचैनी में बदलने लगी तो उन्हें अपने भाई को गांव में फोन लगाकर पूछा चढते का जंटा यहाँ आया घूमता है, उन्हें कभी बताया ही नहीं । अच्छा पहुंच गया । पंद्रह बीस दिन पहले गांव में आया था तेरा नंबर मांगता था, नंबर क्यों देना था? और फिर गुरु मेरे गांव की बातें तो बता दिया कर मैंने सोचा ही कौनसी बडी बात है और बहुत सारी जनता बाहर के मुल्कों की तरफ चली फिरती है । बीच में चढते का भी जा घुसेगा । वैसे बिहार का भी छोटा मोटा सा शहर में क्या है? कहीं कहते हैं बिहार भी किसी बडी उम्र की औरत के साथ ही हुआ है । सुनते हैं छुट्टी है भरे बच्चा भी बताते हैं और उसको कोई कुमारी कन्या कौन देता है कहकर तुम्हें फोन बंद कर दिया । अपनी अंतिम कहीं बात के बारे में सोचते हुए तेरे अंदर की बेचैनी खत्म होने लगी । तुझे नई नरम छमक जैसी अपनी घरवाली का ख्याल हुआ जिसमें तुझे कनाडा में बुलवाया था । कनाडा पहुंचकर तो उसके होश नहीं हो गया था । मुझे याद आया कि वह मुझे कोई ना कोई कोशिश कर लेने के लिए बहुत कहा कर दी थी । तब तू कहाँ करता था? आप पढना नहीं हो सकेगा । मैंने तो बी ए करके बडी मुश्किल से पढाई से पीछा छुडाया था । लेकिन अब तरह दिमाग में आया कि यदि पढ लेता तो अच्छा ही था । फिर तूने सोचा फॅसा जज बन जाता है जितने डॉलर ही बनने थे और छह महीने तक रात की शिफ्ट वाला सुपरवाइजर ऍम रिटायर हो जाएगा । फिर रात की शिफ्ट का सुपरवाइजर बनने की अपनी ही बारी है ये सोचते हुए तेरे भीतर खुशी की लहर दौडने लगे फिर तूने सोचा नहीं नहीं इधर आए लोग कहाँ ही करते हैं ये कर दूंगा वो कर दूंगा जब अंग्रेजी बोलते गोरों का कुछ भी पालने नहीं पडता तब छोड छाड जाते हैं सबको अच्छा तूने बियर का खून भरा तो जब बीयर बक बक ई सी लगी तुम्हें बियर एक तरफ रखकर पूल की और देखा तेरे चित्र में आया कि भूल को ठीक करवा ही लेना चाहिए घर की शान बनती है फिर टूटकर अंदर से राम और वो का गिलास भर लाया वापस आकर बैठते हुए तूने सोचा होते कहीं इंडिया में ऐसा पूल बनाते खेत में आनंद दिया जाता है आॅड आप वहाँ मछलियां पकड रहे हो तो उसे अपने बेटे की आवाज सुनाई दी । तूने नजर ऊपर उठाकर ॅ की और देखा जहाँ वो खडा था तो जो उसका मजाक समझ में नहीं आया तो उन्होंने कहा आ गया हजार रूप में बैठते हैं । फॅमिली में तूने देखा कि वह कुर्सियों की तरफ गया और फिर वापस सीढियाँ चढने लगा अब मूड चला उन्हें पूछा कोई रैप लेने जा रहा हूँ ॅ पडी हुई हैं वो आ जा तो मेरी मॉम वाश कर देंगी वीकेंड पर । पर वो अंदर जा चुका था । उसने अंदर से पुराना तौलिया लाकर सारी कुर्सियां साफ करके एक कुर्सी तेरह बराबर ला रखी । दायक अब समझ आ रहा है हमें पूर्ण ठीक करवाना चाहिए ऍम खराब हो गया है । अच्छा पिछले पंप पे होता है । पानी सर्कुलेट करने के लिए होता है करवाएंगे किसी दिन बार्बी क्यू करें शॉर्ट लगानी है बियर की बोतल तूने उस की ओर इशारा करके पूछा खाॅन तो उन्हें हस्कर कहा ठीक है मेरी मर्जी तो मुझे याद आया कि जब तो इससे भी छोटी उम्र का हुआ करता था तो तेरा बापू तुम दोनों भाइयों को पास बुलाकर थोडी थोडी लगवा देता था और तो उलटे हाथ से होट पहुंचता नशा होने से पहले ही नशेडी हो जाता था । फिर तुझे अपनी बे देखा कहा याद आया हूँ तेरे बापू को कहती तो खुद पि लिया कर जो पीनी होती है बच्चों को क्यों उल्टी रहा? लगता है तेरा बापू जवाब देता ये रहेंगे रहे की कर्मों में नहीं होती । तब मुझे अपने बाप ऊपर बेहद हुआ था । अब उन्होंने अपने पुत्र के बारे में सोचा । चलो इतनी नहीं पीता तो अच्छा ही है । कुछ पढ लिख जाएगा । मैं बार्बी क्यू की गैस चेक करता हूँ कहकर तेरा बेटा उठा और बार्बी क्यू का कवर उतारकर उसकी सफाई करने लगा । ऍम तुझे अपनी बेटी की आवाज सुनाई दी । उन्हें आवाज की दिशा में देखा । उसने तेरे पास आता स्विमिंग पूल की तरफ देखा और फिर पूछा ऍम? और तेरह जवाब की प्रतीक्षा किए बगैर ही बोली आॅड पूरा उसकी तरफ देखकर सोचा कितनी बडी हो गई है । कुछ ही दिनों में पिछले साल गर्मियों में ये स्कूल में एक दो बार नहीं दी थी । तब पूजा जी नहीं लगा था और एक साल में ही वह इतनी कदकाठी निकाल गयी थी कि तू उसका पूल में नहाना सुन नहीं सकता था । ने कहा था ऍम के साथ जाकर ग्रॉसरी रखवा काम क्या कर अब तो बडी हो गई है और मोहन से कहना कि चिकन पकडा जायेगा बेटी के तब तब करके सीढियाँ चढने से तुझे लकडी की सीढियां कहाँ टी सी लगी टूटकर बार्बी क्यू की ग्रिलों को साफ कर रहे अपने बेटे के पास चला गया चिकन पकडाने आई तेरी पत्नी ने पूछा आज मेरी बिटिया रानी ऍफ बनाएगी । घायल होगे तुझे यद्यपि मॅन अच्छा नहीं लगता पर तूने कहा रहेंगे क्यों नहीं? लडकी बडी हो जाती है । अपने साथ काम में लगाया कर तो उसकी चिंता मत करो । बडा काम कर लिया करेगी । बहुत सयानी है मेरी बेटी । अपनी पत्नी की बात सुनकर तो जब बहुत अच्छा लगा तो बार्बी क्यू चलाकर उसके बीच चिकन के पीस ठिकाने लगा । साथ ही साथ तो आपने गिलास में से खून भी भरता रहा । फिर तो उन्हें करीब खडे अपने बेटे से पूछा नहीं बढाई कैसी चल रही है? ठीक है बढिया वकील बनना है के? उन्होंने कहा तो उसको पहले भी इस तरह कई बार कह चुका था । जिस दिन मुझे पता चला था कि वह वकील बनना चाहता है तो तेरह अंतर्मन खुशी से भर गया था । फिर अवसर मिलते ही तो उन्हें उससे ऐसा कहा । ऐसा कहते हुए तो खुशी होती है । तेरा बेटा मुस्कुराकर पूल के किनारे खडा हो गया तो उसकी आवाज सुनाई दी । उसने कहा ऍम लेने के लिए मैं किसी को बुलाऊं, इस बार का एस्टीमेट पूल फिक्स करने का और किस बात का? हमें इससे इस्तेमाल तो करना है । नहीं ये तो गोरों के एस है । हम से बदला करवा दें । वो हूँ नया गार्डन बना लेंगे, सब्जियाँ हुआ करेंगी क्यों नहीं मेरे लिए और बडा दो काम पास आई तेरी पत्नी ने कहा तो उसकी तरफ वहाँ के तरह कर देखा ऐसा मत करना डेट फ्रीज चल देखेंगे छुट्टी वाले दिन करेंगे । कुछ ऍम ठीक करवाना ही है । तेरे बेटे ने जोर देकर कहा जी मेरे लिए आलू बीरभूम दो । देरी पत्नी ने आलू पकडाते हुए कहा तेरे द्वार आलू पकडते ही बेटा बोला ॅ तुम ॅ करूँ बार्बी क्यू करके डेट तुम्हारी हर कर दिया करेंगे । अदर वाइज तो झूठे बर्तन भी सिंह में नहीं रखते । जो ये अब बार्बी क्यू करके दे रहे हैं ये वो भी करना बंद कर देंगे । अपनी पत्नी का कहा सुनकर तो बोला जो बन्दों के करने वाले काम होते हैं तो कर देते हैं तेरे भाई जैसा तो मैं नहीं बन सकता । वो गुरु बूढियों जैसा है । बर्तन तक साफ करने लग जाएगा । बिट्टू बिना जाया करो यूटी बातें तो अपने मामा से सीखता है कहकर तूने अपना गिलास खाली कर दिया । मैं तो खुद ही खूब काम कर लूँ । रोज बार्बी क्यू करवाना महंगा पडेगा तो रोज ही बोतल बैठ कर बैठ जाया करेंगे कहकर तेरी पत्नी भीतर चली गई । बातों बातों में इधर मेरा पीस चलवा दिया तो उन्हें काले हो गए । इसको प्लेट में रखते हुए कहा तो जल गया । तेरे बेटे ने कहा तुझे उसके द्वारा जल गया । कहने पर चुटकला याद आ गया तो हल्का साहस पडा । ब्लॅक और ऍम अरे कुछ नहीं, एक जोक याद आ गया क्या? कहते हैं जब रब बंदे बनाने लगा तो सबसे पहले उसने गोरे बनाएंगे । डरते डरते बनाए जाने के कारण उन से कम लगा । इसीलिए वो कच्चे पक्के से रह गए । अगली बार रब ने से कुछ ज्यादा लगवा दिया तो जल गए, वो काले बन गए । तीसरी बार रब ने पूरा केयरफुल होकर बनाए तो फिर कहीं जाकर अपने जैसे वाॅर्डन लोग बने । तुम्हें खासकर बताया तेरा बेटा थोडा सा मुस्कराया । फिर बोला, आॅटो वो गुरु मजाक की बातें हैं । बस में खेलने के लिए कहकर तूने ऍम पीस उठाकर प्लेट में रख लिया । फिर तो बेटे को ग्रिल पर से तीस उलटने पलटने के लिए कहकर अपना क्लास भरने अंदर चला गया । फोन की घंटी सुनकर तुझे तुरंत गुरजंट के फोन का ख्याल आ गया तो उन्हें शराब का बडा घूंट बडा बार्बी क्यू में सिद्धू उठा तो उसको ढक कर उठाकर पीस हिलाने लगा तेरी नजर संडे पर खडी अपनी पत्नी पर पडे तो वो कुछ अधिक ही सुन्दर लगे तूने गिलास खाली करके अपनी पत्नी को आवाज लगाई ऍम आप ही अब बनाये घर आकर उसके आते ही तो गिलास पुनः भर लाया मेरे ऊपर नशा भारी होने लगा तो आपने ब्रेड में दो लाख बीस रखकर पूल के करीब पडी कुर्सी पर आकर बैठ गया । आवाज से रहा हम आराम से बैठकर खाया । तूने अपने बेटे को पुकारा वो तेरे पास आकर जैसे ही बैठा उन्हें कहा छह रहा उसे करना कर देरा पूल हम यू टेंट करके बढिया बना देंगे । जब वकील बन गया ना तब हम एक एकड लेकर वहाँ तेरे लिए पूल बना कर देंगे । रूप उत्तर शौक पूरे करना अपने भारी बात और थी मेरी जवानी तो साला कनाडा था, गया तू अपने दादा यानी मेरे बाबूजी की तरह यू नो ऍम । इंदरसिंह इंदर के अखाडे वाला उस गुरु ने सारे शौक पूरे किए तो नहीं करना रविंदर सिंह की जीत निकलती थी ना गलियों में लोग अब तो हर कोई घंटे जैसा ऐरा गैरा मनोतियां लिया करता है । इंदर सिंह की कौन बराबरी कर सकता है? हैं ऍम युवा ड्राॅ बेटा बोला ड्रंग कहाँ से हो गया । चार पाँच में तो मैं तो बोतल भी जाऊँ । इंदर सिंह भी पूरी बोतल पी जाता था । वो ऍम कहकर तेरे उत्तर ने तेरी प्लेट सामने कर दी । तूने दो बार डाँट मार कर तीस प्लेट में रख दिया और उसने फिर पीस उठाकर तेरे हाथ में पकडा दिया । देखो तो कैसे फिजूल की बातें करने बैठे हैं । पहले विकेट पर शराबी होते थे । आज मुझे अपनी पत्नी की आवाज सुनाई दी और आज आजा जॅानी हमारे पास बैठाकर डर उनसे कहा कल काम पर नहीं जाना जाॅन तेरा बेटा तो जब वहाँ से पकडकर उठाने लगता और तूने उसकी वहाँ झटक दी और गुनगुनाने लगा जाॅय ऍम इस तरह गुनगुनाता हुआ तो ऊपर जाकर अपने बैठकर पड गया और फिर बडबडा ऍम था ऍम रहते हैं जलदार आनी वो जलदार नी तो आवाज से लगाने लगा । इस तरह जेलदार नहीं कहकर उसे बुलाना तो बहुत अच्छा लगा और फिर तुझे पता ही नहीं चला की तू कब हो गया । सवेरे जब तरी पत्नी ने तुझे झकझोरकर जगाया तो तुझे अपना सिर भारी भारी लगा देना उठने को मन नहीं कर रहा था । पर दू अधखुली आंखों से ही मुंह हाथ धोकर ब्रेड खाता अपनी कार में जाता था । तो हम पर जाते हुए तुझे अपने अंदर खालीपन का एहसास हुआ, पर तुझे इसका कारण समझ में नहीं आया । देर काम की शिफ्ट शुरू होने के वक्त तेरी सुपरवाइजर पिंकी गिल जब तुझे आज के काम के बारे में बताकर हटी तो मेरे भीतर खालीपन का एहसास और तीव्र हो उठा । पर चित्र के ना चाहते हुए भी तो काम नहीं छूट गया । लंच टाइम का सायरन बजते ही तो फोर्कलिफ्ट पड से नीचे उतारा तो पिंकी के साथ एक जाना पहचाना चेहरा दिखाई दिया । तुझे उसे पहचानने में देरी नहीं हुई तो झट से फॅमिली ओट में हो गया । एक काम तो याद आया कि पिंकी गिल पिछले साल लुधियाना में ही शादी करवा कराई थी । तो जिस बात समझने में देर ना लगी तेरे अंदर गुबार सा उठा तेरा जी क्या है कि यहाँ से पलक झपकते ही गायब हो जाएगा । तू दूसरी तरफ से तेज कदमों से मैनेजर के पास गया और अपनी तबियत ठीक होने का कहकर लंच शुरू में चला गया? नहीं । तूने वहाँ बैठे कुछ सहकर्मियों से कहा अपनी दवाइयों नमस्ते अब और काम पर नहीं आना । ऐसा कहते हुए तुझे अपना आप हल्का हल्का सा लगा । बात तो बताओ क्या हो गई धूप ही नहीं एक साथ आवाजें सुनाई दी । बस रूम नहीं मानती कहकर तुल्लन शुरू में से बाहर निकल गया । किसी का कहा तो सुनाई दिया । आवाज थी मूर्खों के सिर पर सीन नहीं हुआ करते । अगर होते तो बारह सिंगर कौन होगा? तुझे एक और आवाज सुनाई दी फिर तुझे किसी के द्वारा लिया गया तेरा नाम सुनाई दिया और कईयों के एक साथ घुसने की आवाज । ये तो मेरे द्वारा ही अपने सहकर्मियों में प्रचलित किया गया चुटकुला था । तेरा मन हुआ कि वापस जाकर उन से बात करेंगे । पर तुझे पिंकी गिल और उसके साथ गुरजंट के उधर आ जाने का डर था । इसीलिए तो उन्हें जल्दी से अपना चोगा उतार कटांगा और बाहर निकल गया । पिंकी गिल का चेहरा तेरी आंखों के सामने घूम रहा था । ऍफ चमडे का छोटा टुकडा बढाकर तूने अपनी कर आगे बढा ली । जेल दारों का बेटा चडक सिंह की बहु के नीचे काम करता है । वही तो मुझे लगा जैसे किसी ने कहा हो, बहन के चलते हैं तो उन्हें कुछ गाली निकाली । इस कमबख्त ने भी यहीं मरना था और कम्बल पडे थे जाने के लिए । तूने सोचा यह सोचते हुए तो क्या की तो जीत जी कर गालियाँ बन गए । तेरे कार खुद खुद ही स्ट्रैप क्लब की ओर मुड गई । अंदर प्रवेश करते ही तो सीधे बार की तरफ गया । बारटेंडर लडकी से रमका डबल मांगा और अपनी आदत से मजबूर होकर तो उन्हें एक नजर लडकी के लोग कट ब्लाउस प्रणाली पढते ही नहीं वहाँ नहीं देगी तो उन्हें वहीँ खडे खडे ही एक साल उसने अपना क्लास खाली कर दिया । तो आपने बापू की कहीं बात स्मरण हुआ । वो कहता था खेत में घुसी और और और गिलास में डाली दारू हूँ वहाँ पे उठालो तुझे इस तरह की सांस पीने की आदत नहीं थी और अब तो उन्हें झटके से गिलास खाली करके एक और डबल मांग लिया । बारटेंडर लडकी ने क्लास पकडाते हुए तो उससे कहा ऍम पीजी! दो । अपना ग्लास उठाकर गोल स्टेज के गिर पडे । स्कूल पर बैठ गया । स्टेज पर स्टाॅक्स कर रही थी पर मेरे दिमाग में बिंग की गिलकी काम के लिए खुद देती उंगलियाँ घूम रही थी तो उन्हें अपना क्लास जल्दी खत्म करके दूसरा मंगवा लिया । तुझे पता ही नहीं चला कि कब एक स्ट्रिपर नाॅट खत्म किया और कब दूसरी स्ट्रिपर नहीं आकर निर्वस्त्र होना शुरू कर दिया । तेरा ध्यान उस वक्त उधर गया जब किसी ने जोर से सीटी मार कर कहा फॅस तो स्ट्रिपर के पूरे जिसमें से पिंकी गिल का भ्रम होने लगा । तूने अपने साथ वाले स्टोन पर बैठे आदमी का खादी ग्लास देखकर कहा फॅमिली धूने वेटर को उंगली के इशारे से बुलाया फिर स्टेज की और देखने लगा स्ट्रिपर की और एक कर तुझे लगा मानो पिंकी गिल नृत्य कर रही हो । दोनों ने अपनी जेब में से एक नोट निकाला और झूमकर स्टेज पर चढ गया । दू नोट को स्ट्रिपर के सिर्फ बढते घुमाने ही लगा था कि दो हट्टे कट्टे बाउंसरों ने तो बहुत से पकडकर स्टेज पर से नीचे खींच लिया और बाढ से बाहर फेंक दिया । उन्हें डर डर देखा कि कुछ परिचितों नहीं देख रहा । आसपास किसी को भी न पाकर की ये तसल्ली हुई और तू पैंट झाडकर उठ खडा हुआ तो अपनी कार में जाकर बैठा और सोचने लगा हूँ और तो जब कुछ न सूझा तो खत्म नहीं बना बनाया सारा खेल बिगाड कर रख दिया तो बोला तूने घर जाकर सारी बात अपनी पत्नी को बता दी । उस ने कहा कौन सा खेल बिगड गया । पहले भी तो करते थे काम और अब इतनी बढिया जॉब तो मैं और कहाँ मिलेगी । इतनी सीनियरिटी बनी हुई है । तू सुनते ही भडक उठा आंखों देखी मक्की कैसे निकली जायेगी? गांव में तो लोगों ने तेरी पत्नी चुप कर गई पर तू अपना नजला उसपर झाडकर भी शांत नहीं हुआ । अभी तो उसका ये वाकया अब इतनी बढिया जॉब कहाँ मिलेगी तेरे अंदर और आग लगा गया और उन् टू गुरजंट का जहरा और पिंकी गिलकी काम के लिए इशारा गलती उंगलियाँ तो फिर दिल में से निकलना सके तो बडबडाया ऐसी नौकरी उतरने लेनी है जब बंदे की दारू चढते ही उतार जायेगा । इस प्रकार नशे में तो पिंकी, गुरजंट और चढते की बहु के अधीन काम करने की सोच के साथ गुत्थमगुत्था होता बेहसूद हो गया । सुबह जब तेरी नींद खुली तो तू खाली खाली नजरों से कमरे की छत को खोलने लगा तो जब बाहर से अपनी पत्नी की आवाज सुनाई दी वो कह रही थी, उठो आज छुट्टी है तो पूल का करो, कुछ गंदा पोखर बना पडा है और तूने अनसुनी कर देंगे । अब तक छुट्टियाँ छुट्टियाँ है तो उन्हें सोचा इस सोच के साथ मेरे अंदर जैसे कचोट से उठे । फिर तूने सोचा आज ये भी घर में ही घूम रही है । ये तो तबियत खराब होने पर भी घर में नहीं टिकती । आज कैसे तो ये धुंधला सा कुछ याद आया कि तेरी पत्नी ने कहा था मेरा काम भी धीमा होता लगता है तो मुझे पूरी तरह याद आया कि वह के उसने कब कहा था । तेरा ध्यान एकदम कैलेंडर की तरफ गया तो कुछ देर उलझी नजरों से कैलेंडर की तरफ देखता रहा । जब तक समझ में आया कि आज शनिवार है तो थोडी सी तसल्ली हुई कि आज छुट्टी का दिन है । फिर मुझे लगा जैसे मेरी पत्नी ने कहा था यदि मुझे ले ऑफ हो गई और उधर तुमने काम छोड दिया तो मॉडगेज की किस कैसे चलेगी और फिर चार महीनों में लडका यूनिवर्सिटी जाने लगेगा । ऊपर से लडकी की बारिश स्तर पर खडी है इसका विभाग भी करना है । यू काम छोड देना कहाँ की समझदारी है । अगर ज्यादा ही है तो रात की शिफ्ट ले लो । ये छुट्टी ले लो जब तक सुपरवाइजर नहीं बनते अगर तुझे अपने लंच रूम में बैठे सहकर्मियों का तो ये बारहसिंगा कहकर हसना याद आया । एक पल तूने सोचा कि अच्छा ही किया कि मैनेजर को तबियत ठीक न होने का बहाना बना कर आया था । पर अगले ही पल तेरे सामने गुरजंट और पिंकी गिल के चेहरे आ गए । मेरे अंदर की जो थी तो उन्हें सोचा साले ने बडी बनाई खेल बिगाड देखो किसी दूसरी जगह काम करता हूँ ऍम मैंने आज तुम्हारे लिए स्पेशल ब्रेकफास्ट बनाया है तो उसे अपनी बेटी की आवाज सुनाई दी । तेरह दिन उठने को नहीं करता पर फिर भी तो उठ खडा हुआ रसोई में तुझे कोई भी दिखाई नहीं दिया । फिर तरी निगाहें पिछवाडे की और गई सहारा परिवार पूल के किनारे पडे ने इसके इर्दगिर्द बैठा था जिसपर खाने पीने का सामान रखा था । ऍम अपनी बेटी की आवाज सुनकर तो पिछवाडे की सीढियां उतर गया । तेरे बेटे ने तेरे चेहरे की और देखकर पूजा ऍम पर तूने कोई उत्तर नहीं दिया तो उन्हें देखा कि वह जवाब की प्रतीक्षा में तेरे चेहरे पर से नजरें हटाकर मॉम की ओर देखने लगा था । उसने कहा बात क्या होनी है मेरे डैडी की जो सुपरवाइजर है ना? पिंकी गेल वो तेरे डैडी के गांव के हरिजनों के लडके के साथ भी आ गई है । तो बीच में ही बोल पडा चढता उम्र भर हमारा सीरीज ही रहा है तो वो अपने बेटे का इस तरह कहना सुनकर तेरे अंदर आपके बगुले उठने लगे । साला सो वॉट का । इसके लिए तो कोई बात ही नहीं तो उन्हें सोचा पर कहा कुछ नहीं तुझे वहाँ और खडे रहना असंभव लगा । पूरे अपने बेटे की तरफ घूरकर देखा और चल पडा पैर में ठोकर लगने पर तो स्कूल में जा गिरा जाए तो मैं आगे देख कर चलना चाहिए तुझे बेटे के शव सुनाई दिए कितनी देर तो अपने बेटे की मूंग की तरफ देखता रहा और उसके कहे शब्द के अर्थ को समझने में उलझा वह साहब जहां का तहां खडा रहा मानो तेरे पैर पोखर की गाद में फंस गए हूँ ।

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‘बर्फखोर हवायें’ कहानियों का संग्रह है जिसमें 12 चुनिंदा कहानियां शामिल है। कहानियों की सबसे बड़ी खूबी है कि वे लिसनर्स को निराश नहीं करेंगे। इन कहानियों में समाज, रिश्‍तें, परिवार, सामाजिक संस्‍कर, रूढि़यों, सीख शामिल हैं, जो लिसनर्स को उनसे जोड़ता है। Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Harpreet Sekha Script Writer : Subhash Neerav
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