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पंद्रह अगस्त उन्नीस सौ निन्यानवे मैं भी ऋषभ के खर्चा आया हूँ और ये सब लिखने में मेरा दिल दुख रहा है । मेरी उंगलियों में चार जगह चीजे आए हैं और अलग अलग जगह से खून रिस रहा है । मुझे केवल दर्द ही नहीं हो रहा । अपनी हार का दुख भी है । धामी नहीं कहा था की हमें स्वतंत्रता दिवस को ठीक वैसे ही मनाना चाहिए जैसे लोग मनाते हैं । उसका मतलब पतंग उडाने से था । इससे पहले कि हम समझ पाते कि उसने ऐसा क्यों कहा उसने हमें नाको चने चबवा दिए । वो तो पतंग उडाने के मामले में सबकी उस्ताद निकली । उसमें बडी आसानी से हमारी पतंगे ऐसे काटी जैसे कुछ चाहूँ से मक्खन गाता है । साहिल और ऋषभ संतरी सफेद और हरे रंग के मेल से सजे कपडे पहन कर आए थे । बाकी अरुंधति पर रॉक डाल सकें जिससे वो पहली बार मिल रहे थे । बहुत प्यारे लग रहे थे । पहली कुछ पतंगे काटी तो बात को मजाक में लिया गया । उसके बाद कहा गया कि ब्राहमी का दिन ही अच्छा था और तीसरे राउंड में हम अपनी कटी हुई पतंगों वो देख गुस्से से बहुत धूम बनाए । पूरे दो घंटे और सोलह पतंगे गवाने के बाद हम सब ने अपनी हार कबूल कर लेंगे । घाम वाकई उसकी थी । ये सब हमें नीचा दिखाने की चाल थी । साहिल ने पूछा क्यों नहीं ग्रामीण बोली । उसके बाद हम ऋषभ के कमरे में बैठे तो उसने हमें अपना वीसीआर कैसेट कलेक्शन दिखाया । हमें टीवी पर बॉर्डर मूवी देखी और जब सुनील छेत्री सनी देवल अाॅफ रहे, हमारे देश को जिताया तो हम खुशी से खूब चलाया । मुझे लगता है तुम लोगों को सिगरेट पीना चाहिए । अरुंधति ने कहा मैंने कभी ऐसे तीन लडके नहीं देखे जो छत पर होने के बावजूद सिगरेट पी रहे हो । अगर माँ को पता चला तो मेरी चार निकाल देंगे । ऋषभ ने कहा अरुंधति हसी कमेठी कहा था कि बहुत क्यूट है । तुमने कहा रिषभ नाम मुझसे पूछा । धामी ने कहा था । मैंने कहा हम भी नहीं कहा था । उसने कहा उसका सीना दर्द से चौडा हो गया क्या तो सिगरेट पीना चाहोगी । मैं नुक्कड की दुकान से पैकेट ला सकता हूँ । साहिल ने पूछा और कोई हर्ज भी नहीं है और अंदर जी बोलिए पहले कभी पी है । रानी ने पूछा हम मैं कल यूजर हूँ, शक्ति है और तुम ने अरुंधति ने पूछा । ग्रामीणों गर्दन हिला दी । कुछ ही मिनट बाद हम फिर से ऋषभ भी छत पर थे । हमने एक घंटे में पूर्व पैकेट पीलिया क्या जब ऋषभ अरुंधति को ताकते हुए मुस्कुराने लगा तो वो बोली रिश्ता बोला जैसे हम चारों ने अभी एक दूसरे को चूमा हो । अरुंधति ने कहा और सिगरेट तक चेहरा प्रश्न लेकर उसे ब्राहमी को थमा दिया । धामी ने लंबा गहरा करलिया । उसके होंठों से दुआ निकला और छाती भरी होती है । उसकी उंगलियों में सिगरेट लापरवाही से झूल रही थी । इससे पहले की कोई सिगरेट के उस पक्ष पर दावा करता मैं । लगभग फॅमिली घर आते हुए अरुंधति ने बताया कि वो ऋषभ को डेट करना चाहेंगे । रानी ने से कहा कि वह बिल्कुल ठीक कर रही है । दिनों से पूछना भी तो पडेगा क्यों? अरुंधति हस्ती तुम्हें क्या लगता है उसका जवाब क्या होगा, बात तो पता ही है ।
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