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द बॉय हू लव्ड -29 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
मैं रघु गांगुली हूँ। आज मैं अपनी आपबीती लिखने बैठ ही गया हूँ। कागजों की सरसराहट और उस पर चलती हुई कलम की तीखी निब, धीरे-धीरे स्याही का सोखना तथा इन अजीब से लगने वाले मुड़े हुए अक्षरों को देखना निश्चित तौर पर संतुष्टि दे रहा है। मैं कह नहीं सकता कि मेरे जैसे मौनावलंबी (सिजोफ्रेनिक) के लिए इस डायरी लेखन में ही सारे सवालों के जवाब होंगे; पर मैं आज कोशिश कर रहा हूँ। मेरा सिर बुरी तरह से चकरा रहा है। पिछले दो साल से मैं जिंदगी की सबसे ऊँची लहरों पर सवार था। अधिकतर दिनों में मैंने जान देने के लिए तरह-तरह के साधनों की तलाश की—मेरे घर के आस-पास की सबसे ऊँची इमारत, रसोई का सबसे तेज धार चाकू, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन, कोई केमिस्ट शॉप—जो बिना कोई सवाल किए सोलह बरस के लड़के को बीस या उससे ज्यादा नींद की गोलियाँ दे दे, एक पैकेट चूहे मारने की दवा और कभी-कभी तो यह भी चाहा कि माँ-बाबा से गणित के पेपर में अच्छे नंबर न लाने के लिए फटकार मिले। सुनिये क्या है पूरी कहानी| writer: दुर्जोय दत्ता Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Durjoy Dutta
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चार जून जब से ज्यादा घर से निकले हैं उस बात को दो दिन हो गए और माकर होना नहीं थमा । हर बीतते घंटे के साथ उनके रोमी का स्वर्ण पूरा काम मानवीय होता जा रहा है । मुझसे ज्यादा के सारे दोस्तों, सहकर्मियों, जुवैदा काजी के घर और उनके ऑफिस फोन करवाया गया । ज्यादा का कुछ पता नहीं है । मैं बार बार अपने हाथों से बाबा पर दो हफ्ते बरसा रही हैं जो बाबा के चेहरे तक नहीं जाते हैं । उनका कहना है कि अगर बाबा की वजह से ज्यादा को कुछ हुआ तो वो उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे । उन्होंने कहा कि वह गाडी के आगे जाकर कट मिलेगी । क्या ये आत्महत्या की प्रवृत्ति मेरे होंगे? परिवार में है जिसकी भारत नहीं थी । माँ का ध्यान बाबा से हटा तो उससे बोले तो उस मुसलमान लडकी के बारे में जानता था । माँ बताया क्यों नहीं झूठ क्यों बोला तो दोनों तो उससे कभी झूठ नहीं बोलते थे आपने एक बार भी अपनी माँ का ख्याल नहीं है । माँ मेरी पीठ पर मुक्के बरसाने लगे । कोई जवाब नहीं दे सकता हूँ । मैं केवल हो सकता था । दादा वापस आ जाएंगे, उससे कुछ नहीं करेंगे माँ मैंने कहा वो वापस नहीं आएगा । मैंने उसकी आंखों में देखा है वो वापस नहीं आएगा । जानती हो मेरा दिल कहता है वापस नहीं आएगा । माँ माँ कश्मीर थोडा धीमा हुआ तो ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा ना अपने दादा की तरह ठेंस नहीं देगा और तेरह वहाँ से कैसे कर सकती हैं तो वैसे ही जो बोलेगा तो भी वही करेगा तो तेरे भाई नहीं किया । वो भी तो मुझे मरने के लिए अकेला छोड देगा । माँ कमरे से बाहर चली गई । उस रात हमने डिनर टेबल पर बैठकर चुप चाप नहीं देखिए । टैंकर ने बताया कि युद्धबंदी पायलट नचिकेता को प्रताडित करने के बाद जब सौंप दिया गया था बाबा ने पहले की तरह मुझे सशस्त्रबल में जाने के लिए नहीं कहा । रात को लेट कर में नचिकेता और उसके विंग मैन अजय आहूजा के बारे में सोचता रहा । मैंने मूवीज में जो देखा है उसके अनुसार रिंग मैन आपस में भाइयों जैसा प्यार रखते हैं । जब नचिकेता को पाकिस्तानी बलों ने मार गिराया तो उसके बैंक मैन, उसके भाई जैसे दोस्त को उसे खोजने भेजा गया । कुछ भी गोली लगी और वो मारा गया । उसके दिल के पास गोली चली गई, वो शहीद हो गया । स्क्रीन पर नचिकेता को देखते हुए मैंने अपने भीतर एक गहरी उदासी महसूस ऍन । अजय के परिवार का सामना कैसे कर सकेगा? अजय तो एक नायक की मौत मना पर अब उसके भाई नचिकेता को नतीजों के साथ जीना होगा । अगर ज्यादा वापस नहीं आएगा तो अपने प्यार के लिए सुबह से शादी कर लेंगे । वो एक हीरो शाहिद होंगे । पर मेरा क्या होगा? मैं सोच रहा था कि क्या नचिकेता के मन्ने कभी आया होगा कि वह सब के बीच न बचता है । मीना का दुलारा भी हालत को बेहतर नहीं कर पा रहा था । मुझे ब्रहमी की याद आ रही थी । मैं सोचने लगा कैसी होगी । तभी बाहर फोन की घंटी बजी । ज्यादा की कॉल थी । उन्होंने कहा की हम उनसे संपर्क करने की कोशिश न करें ।

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Voice Artist

मैं रघु गांगुली हूँ। आज मैं अपनी आपबीती लिखने बैठ ही गया हूँ। कागजों की सरसराहट और उस पर चलती हुई कलम की तीखी निब, धीरे-धीरे स्याही का सोखना तथा इन अजीब से लगने वाले मुड़े हुए अक्षरों को देखना निश्चित तौर पर संतुष्टि दे रहा है। मैं कह नहीं सकता कि मेरे जैसे मौनावलंबी (सिजोफ्रेनिक) के लिए इस डायरी लेखन में ही सारे सवालों के जवाब होंगे; पर मैं आज कोशिश कर रहा हूँ। मेरा सिर बुरी तरह से चकरा रहा है। पिछले दो साल से मैं जिंदगी की सबसे ऊँची लहरों पर सवार था। अधिकतर दिनों में मैंने जान देने के लिए तरह-तरह के साधनों की तलाश की—मेरे घर के आस-पास की सबसे ऊँची इमारत, रसोई का सबसे तेज धार चाकू, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन, कोई केमिस्ट शॉप—जो बिना कोई सवाल किए सोलह बरस के लड़के को बीस या उससे ज्यादा नींद की गोलियाँ दे दे, एक पैकेट चूहे मारने की दवा और कभी-कभी तो यह भी चाहा कि माँ-बाबा से गणित के पेपर में अच्छे नंबर न लाने के लिए फटकार मिले। सुनिये क्या है पूरी कहानी| writer: दुर्जोय दत्ता Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Durjoy Dutta
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