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द बॉय हू लव्ड -26 in  | undefined undefined मे |  Audio book and podcasts

द बॉय हू लव्ड -26 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
मैं रघु गांगुली हूँ। आज मैं अपनी आपबीती लिखने बैठ ही गया हूँ। कागजों की सरसराहट और उस पर चलती हुई कलम की तीखी निब, धीरे-धीरे स्याही का सोखना तथा इन अजीब से लगने वाले मुड़े हुए अक्षरों को देखना निश्चित तौर पर संतुष्टि दे रहा है। मैं कह नहीं सकता कि मेरे जैसे मौनावलंबी (सिजोफ्रेनिक) के लिए इस डायरी लेखन में ही सारे सवालों के जवाब होंगे; पर मैं आज कोशिश कर रहा हूँ। मेरा सिर बुरी तरह से चकरा रहा है। पिछले दो साल से मैं जिंदगी की सबसे ऊँची लहरों पर सवार था। अधिकतर दिनों में मैंने जान देने के लिए तरह-तरह के साधनों की तलाश की—मेरे घर के आस-पास की सबसे ऊँची इमारत, रसोई का सबसे तेज धार चाकू, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन, कोई केमिस्ट शॉप—जो बिना कोई सवाल किए सोलह बरस के लड़के को बीस या उससे ज्यादा नींद की गोलियाँ दे दे, एक पैकेट चूहे मारने की दवा और कभी-कभी तो यह भी चाहा कि माँ-बाबा से गणित के पेपर में अच्छे नंबर न लाने के लिए फटकार मिले। सुनिये क्या है पूरी कहानी| writer: दुर्जोय दत्ता Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Durjoy Dutta
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ऍम अट्ठाईस मई उन्नीस सौ निन्यानवे मैं अपने आत्महत्या मिशन के लिए तैयार था । इस मुझ का एक ऐसा मिशन नहीं था । मैंने अब तुम साल दी है । अब समझ नहीं सकेंगे इसलिए सोचा कि आपको साथ साथ बना दूँ । जब मैं फिजिक्स लैब में गया तो ग्रामीण और साहिल नाॅट रहे थे । मुझे देखते ही ऐसे खडे हो गए मानो चोरी करते हुए रंगे हाथों पकडे गए करीब आ गए । यहाँ पे इतने दिनों से तुम ध्यानी ने पूछा ॅ आगे बढकर हाथ मिलाया साहिला हो जाये पास उसकी दाडी देखकर लग रहा था जैसे कोई बडा लडाकू हो जी तो ऐसा कर रहा था उसे कुर्सी जवान कर सौरभ बॉल ही के करके उखाड कुछ हो गई थी । उस बारे में बात नहीं करना चाहता हूँ ऍम हमारे साथ ही प्रयोग करना चाहोगे । साहिल ने कहा मैं कराया था और ये ऍम वाला प्रयोग कर लिया था तो थोडा मुश्किल है पर मेरे पास के निरीक्षण नोट चाहें पर चाहिए तो ले लेना । मैंने कहा उन्हें डायरी सवादी उस डायरी के बीच बडी सफाई से एक लेटर लिखा था । ऍम की ओर से मुझे लिखा गया था उसे एक तस्वीर के पीछे लिखा गया था जिसमें हम दोनों हाथ था में कैमरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे । मैंने उदासीनता से कहा मैं जाकर कुछ मैंने कहा कहता हूँ ऍम तो बोर कर रहे हैं । मैं बाहर जाकर इंतजार करने लगा । पाकिस्तान ने हमारे जो विमान गिराए थे उनकी रिपोर्ट पडने लगा । मैं इंतजार में था डायरी से तस्वीर वाला लेटर उनके हाथ कम लगेगा । और जब ऐसा हुआ तो उन्होंने बडी हैरानी से उसे पडा और एक दूसरे को दिखाया । उनके चेहरे कि हैरत साफ पढी जा सकती थी । अब मैं आपको बता दूं मैंने उसमें अरुंधती और अपनी प्रेम कहानी बयान की थी । उसमें लिखा था कि मैं और अरुंधति पत्थर मित्र जल्द ही लवर्स बन गए । हमने दूसरे को एक बार नहीं कई बार चुना था । हमारा प्यार सारी सीमाओं से परे था और अब टूट रहा था । मैंने उसका दिल तोड दिया था क्योंकि अभी हम प्यार मोहब्बत के लिए छोटे और नादान थे । अभी तो देखने के लिए सारी दुनिया पडी थी और मुझे लगता था कि हम दोनों अपने आप को बहुत सीमित कर रहे थे । वो खत्म उसकी और समझे लिखा गया हूँ । इसमें वो खुद को कोस रही थी कि उसने मुझे जैसे दिलकश लडके को अपना बिल क्यों दिया और वो चाहकर भी मुझे ना पसंद नहीं कर पा रही थी । उस वक्त में मैं उसका दिल तोडने वाला बन गया था तो मर जाती के साथ कैसे कर सकते हो? यानी ने कैंटीन में पूछा क्या कर सकता हूँ? समझा रहे हैं हमें तुम्हारी डायरी में एक लेटर मिला था । हम सब जानते हैं क्या तुम ने एक बार भी नहीं सोचा किसके दिल पर क्या बीत रही होगी तो समझ नहीं हरा के तो क्या कह रही हूँ आॅउट बोलना बंद करो जब खुद ऐसे होता अपने भाई को उन बातों के लिए दोषी कैसे ठहरा सकते हो? रघु तो बडे पाखंडी निकले । हम बोले चुनाव नहीं तुम सुना हूँ तुम उस लडकी को छुआ ऍम छोड रहे हो । नहीं तो अपने भाई का पुरजोर विरोध किया था । उसी तरह से पेश आए थे । मैं जानता हूँ कि सुनने में खराब लग रहा है और तुम मेरी बात भी सुनी होगी । मैंने कहा हूँ तुम अपनी और उसी का सफाई देना चाहते हो रहा हूँ । मैंने आराम से पीछे होते हुए अपनी वही पोजिशन ली जिसका पहले से अभ्यास किया हुआ था । फिर कहा मैंने अपने लिए नहीं उसके लिए ऐसा क्या कैसा आसान था ना बिल्कुल ऐसा नहीं था । अगर इस बाद में होना है तो अभी क्यों ना होगा । हम दोनों अभी एक साथ रहने का निर्णय लेने के हिसाब से बहुत छोटे हैं । मैं तो बाईस साल से पहले किसी को ऐसा करने की सलाह नहीं दूंगा । मैं मानता हूँ कि मुझे भूल हुई और मैं अभी से सुधर रहा हूँ । चाइल्ड हम जानते हैं एक मैंने तुम्हारे बारे में भी बहुत कुछ सुना है । तुम भी कई लडकियों के प्यार में रहे होगी । उन के दिल तोडे होंगे । उन्होंने रोता छोड दिया होगा । धामी ने मुझे देखा उसके आंखों से मायूसी टपक रही थी । साहिल आह भरकर कहा हाँ, कई बार ऐसा भी होता है । धामी ने हम दोनों को देखा । मुझे तो लगा था कि तुम दोनों का ही बेहतर हो । अगर तुम प्यार के छोटे से फल संडे को नहीं समझ सकते हैं तो हमारी दोस्ती की भी कोई तुक नहीं बनती है । उसने तो मैं उठाया और चलती । मैं उसे कैंटीन से बाहर जाता देखता रहा । उन के रिश्ते में दरार डालने का काम पूरा हुआ तो मैं भी उठ खडा हुआ । अब उनका जा रहे हो । सेना पूछता हूँ घर जा रहा हूँ । सीनियर्स मेरे पास घर ने को करने को कुछ नहीं है । बास्केटबॉल का एक गेम हो जाए । क्या तुम ॅ टेबल के साथ मेमोरी गेम खेलना पसंद करोगे? मैंने पलटवार किया और बाहर निकल आया । उस शाह मैंने पूरे दस मिनट तक माँ को फोन पर खिलखिलाकर छोडा । उन्होंने मेरे हाथ में फोन दे दिया । मैंने किसी दो साहिला हो जाता है । लडका तो बडा प्यारा है फॅस ऍम वाली बात के लिए साढे मुझे लगा की बनी खेलती है । तुम भी खेलते होगी । मैं नीचे नहीं दिखाना चाहता था । नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगा । मुझे लगता है कि ये बेवकूफी जवारा ये खेल ग्रामी और तुम्हारे जैसे लंबे लोगों के लिए ही बनाए । इसमें किसी खास तरह का हुनर नहीं चाहिए । मैं ऐसी नजर से नहीं देखता हूँ । अच्छा सुनो बात तो कुछ और करनी है । समझ नहीं आ रहा कि कैसे कहा जाए पर उनसे बात करना चाहता हूँ । मुझे पता है तुम धानी को पसंद करते हो क्या बात कर रहे हो? मैं तो हूँ मैंने तो मैं स्कूल उसका पीछा करते देखा है तो पिछले दो सप्ताह से लैब की खिडकी से तांकझांक करते रहे हो । उसके अलावा उसकी और क्या वजह होगी? मैं जानता हूँ कि वह खत्म झूठा था । तुम अरुंधति से डेट नहीं कर रहे तो कभी ऐसा नहीं किया । ऍम करता आया हूँ तुम्हें सारा खेल रानी को मुझे दूर करने के लिए रखा है । है ना ठीक कह रहा हूँ मेरे फोन पटक दिया, हरा लाल हो गया । मैंने अपनी आखिर कस्टर बंद कर ली । दोबारा फोन उठाया तो उसने काटा नहीं था । आए तो बोला मैं बात धामी को नहीं बताने जा रहा । तुम बदले में क्या चाहते हो? सचिव कुछ नहीं । उसने कहा और हसने लगा अगर तुम चाहो तो आगे से कभी भी ध्यान से बात नहीं करूंगा । मुझे धामी पसंद नहीं है । बस तुम दोनों से दोस्ती करनी थी और अगर मेरा राज जानना चाहूँ तो मैं बता देता हूँ कि वो चिट मैंने ही रख पाई थी ताकि उससे दोस्ती हो सके । प्रथम तो पहले से जानते हो हम हम से दोस्ती करना चाहते हो तो नहीं चाहूँगा मुझे तुम दोनों पसंद हो । स्कूल की छुट्टियों में स्कूल कौन आता है? बोरिंग दिनों को मजेदार कौन बनाता है? दोनों को उसमें कमाल हो । वाकई काबिले तारीफ बात है है । पर अब समझ नहीं आ रहा कि ब्राहमी को कैसे मनाया जाए । वो बहुत नाराज होकर गई है । अच्छा चलो अगले सप्ताह स्कूल जाना वहीं मिलेंगे । मैं उसे कुछ नहीं कहूंगा । अपनी बात का पक्का हूँ तो मेरा भरोसा कर सकते हो । ऍम हूँ मैं आपको देखने के लिए बडा । उनके चेहरे पर वही भाव थे जब किसी राज को जानना चाहती थी और सामने वाले को मौका दिया जाता था कि वो खुद ही अपना राजभक्त दें । उन्होंने पूछा क्या तो मुझे कुछ बताना चाहता हूँ । अब क्या बात कर रही हो? हो गया काम । मुझे लगा कि अब उन्हें मुझे ब्राहमी और साहिल वाली सारी बात बतानी पडेगी । मेरे पास बैठ गई और मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर चलाने लगे तो मुझे घुमाते हुए कहा तो उन्हें होना बाबा आंखों का तारा है । कुछ पता है तो उससे कभी झूठ नहीं बोलेगा । जल्दी बता है जल्दी बता क्या बात छिपा रहा है । नहीं माम, मैं आपसे क्यों को छुपाने लगा का जीमा स्कूल का पहला दिन याद है जी हो तुझे । मुझे घसीटकर दूसरे कमरों में बच्चों के साथ रखा गया था । पिक्चर ने बताया कि तुमने क्लास में मौजूद हर पच्चीस से ही पूछा था कि मैं कहाँ गई और क्या मैंने तो छोड दिया है । बाबा के लिए शर्मिंदगी की बात थी और मुझे खुशी थी कि तू मुझे इतना प्यार करता था । कुछ पर जान छिडकता था तो बडा हो गया है । अब तुम उससे पहले जैसा प्यार नहीं करता हूँ । अब मेरी पहले जैसी जरूरत नहीं रही । याद है जब मैं तुझे तेरे भाई के साथ कमरे में छोड देती थी तो कैसे दरवाजे पर मुक्के बरसाता था हम आप कहाँ हो? आप कहाँ मम्मा घंटों रोया करता । तेरे दादा ने कभी ऐसा नहीं किया । उन्होंने मुझे हमेशा से ज्यादा प्यार किया । मुझे सब याद है तो मेरे दादा ने तो कुछ नहीं बताया । हाँ, आजकल बहुत तनाव में देखता है । पता नहीं काम की वजह से या कोई और कारण है । वो कई दिनों से अच्छी तरह से नहीं खा रहा और दुबले भी हो गया है । अगर उससे बात खा रही है तो तो मुझे बताएगा थी कॅश । और फिर उन्होंने अचानक पूछ लिया वो क्या कर डाला की कोई गर्लफ्रेंड है? क्या वो किसी को प्यार करता है? क्या नहीं अभी क्या पूछ रहे युवा? मैंने पिछले महीने फोन का मिल देखा । उसमें नंबर पर फोन किया हुआ है । बंगलौर का नंबर है । उनका ऑफिस का नंबर होगा । मैंने कहा मैंने एक कोर्ट देखा था वो ऑफिस का नहीं है । मैंने नंबर भी मिला वो किसी लडकी के घर का नंबर था तो बोली उनके साथ काम करने वाली होगी । सुवैदा क्या तुम्हें नाम सुना है? रहती जानता है तो सब बता देगा ना? मुसलमानी नाम लेते हुए उनके जवान पूरी लडखडाई थी । क्यों नहीं जरूर हाँ लोग अच्छे नहीं बडे हो गए हो । उन्होंने कहा और मेरा हाथ छोडकर कुछ नहीं । मैं तो नहीं सकता । तो की हालत तेजी से बदल रहे हैं । उन का प्रारंभ हो चुका है और मैं बत्तर हालत की कल्पना से डरा हुआ हूँ । मैं रानी को पहले ही खो चुका हूँ । ऐसा लगता है कि मैं भी दूसरों की तरह प्यार के मामले में खोखले और झूठे खैरात रखता हूँ । मैंने अभी अभी माँ से ज्यादा के बारे में झूठ बोला और ज्यादा अपनी मुसलमानी पत्नी को लेने गए हैं । मैंने खुद कुसन अठारह सौ अट्ठावन बावडियों जैसा महसूस किया । इन तोपों से बांधकर उडा दिया गया था । उन आखिरी पलों में उनका दिमाग में क्या चल रहा होगा जब उन्होंने गनपाउडर की गंध सूंघी होगी । क्या उन्हें माचिस चलने की आवाज आई होगी? पैसा ही ठीक वैसा ही महसूस कर रहा हूँ । पीएम मेरे घर के पास वाली अपार्टमेंट बिल्डिंग में ढाई सौ लोगों को घरों का कब्जा मिला है । नौ मंजिला इमारत है । बस यही बता रहा था

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Voice Artist

मैं रघु गांगुली हूँ। आज मैं अपनी आपबीती लिखने बैठ ही गया हूँ। कागजों की सरसराहट और उस पर चलती हुई कलम की तीखी निब, धीरे-धीरे स्याही का सोखना तथा इन अजीब से लगने वाले मुड़े हुए अक्षरों को देखना निश्चित तौर पर संतुष्टि दे रहा है। मैं कह नहीं सकता कि मेरे जैसे मौनावलंबी (सिजोफ्रेनिक) के लिए इस डायरी लेखन में ही सारे सवालों के जवाब होंगे; पर मैं आज कोशिश कर रहा हूँ। मेरा सिर बुरी तरह से चकरा रहा है। पिछले दो साल से मैं जिंदगी की सबसे ऊँची लहरों पर सवार था। अधिकतर दिनों में मैंने जान देने के लिए तरह-तरह के साधनों की तलाश की—मेरे घर के आस-पास की सबसे ऊँची इमारत, रसोई का सबसे तेज धार चाकू, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन, कोई केमिस्ट शॉप—जो बिना कोई सवाल किए सोलह बरस के लड़के को बीस या उससे ज्यादा नींद की गोलियाँ दे दे, एक पैकेट चूहे मारने की दवा और कभी-कभी तो यह भी चाहा कि माँ-बाबा से गणित के पेपर में अच्छे नंबर न लाने के लिए फटकार मिले। सुनिये क्या है पूरी कहानी| writer: दुर्जोय दत्ता Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Durjoy Dutta
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