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21. Kaun Dega Heart in Hindi

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AuthorArpit Agrawal
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
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वाॅटर डॉक्टर अवस्थी ट्रॉमा सर्जन्स की टीम के साथ घटनास्थल से लाए गए मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल के प्रवेश द्वार पर खडे थे । पुलिस ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था । कॅरियर फाउंडेशन ने पहले कभी इस तरह के आघात का दृश्य नहीं देखा था क्योंकि अस्पताल विस्फोटस्थल के सबसे नजदीक था इसलिए बचाव अधिकारियों ने हर मरीज को वहीं पर भर्ती कराया था । उस समय तक सैकडों मरीज अस्पताल में भर्ती किया जा चुकी थी और आने जारी थे । डॉक्टर अवस्थी सूची के मोबाइल पर कॉल कर रहे थे क्योंकि उन्हें मरीजों के इलाज के लिए उनके सबसे काबिल डॉक्टर की जरूरत थी । मगर उन्हें क्या पता था कि उनकी डॉक्टर खुद एक मरीज बन चुकी थी । एंबुलेंस आई डॉक्टरों को वाहन के पिछले दरवाजे से अंदर जाने की सुविधा अनुसार लगा दी गई । एंबुलेंस वार्डबॉय ने तीन की गिनती पर एंबुलेंस के बिस्तर से मरीजों को अस्पताल के स्ट्रेचर पश्चिप क्या डॉक्टर अवस्थी मरीजों को लेने के लिए वहाँ खडे थे । लेकिन उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि उन मरीजों ने एक चेहरा शुचि का भी होगा । छुट्टी को स्ट्रेचर पर देखते ही उनका खून जम गया । हे भगवन! इसे क्या हुआ विस्फोटस्थल पर हम भी थे । राहुल ने जवाब दिया उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाओ । चीज उसकी गंभीर हालत को देखते हुए चलाए । राहुल शिवजी का हाथ पकडे हुए इसके साथ चल रहा था । अस्पताल के प्रत्येक व्यक्ति को शुचि से खास लगाव है । डॉक्टर अवस्थी ने राहुल को रुकने के लिए कहा नहीं मैं उसके साथ जाना चाहता हूँ । राहुल ने कहा वह अभी भी रो रहा था । ये मेरा आदेश है । डॉक्टर अवस्थी ने अंदर जाकर राहुल के चेहरे पर दरवाजा बंद कर दिया । उसके अंदर जाने की अनुमति नहीं थी । शायद इसीलिए की वो समय एक डॉक्टर की तरह मजबूत नहीं बल्कि सूची के रिश्तेदार की तरह कमजोर था । हालांकि उनके बीच एक रिश्ता जुडना अभी भी बाकी था । वो बाहर खडा इंतजार कर रहा था । जैसे मरीज के रिश्तेदार करते हैं । वे सब कुछ भगवान के जिम्मे छोडकर इंतजार करते हैं कि डॉक्टर आकर उन्हें अच्छी खबर देंगे । राहुल पहली बार दरवाजे के इस तरफ खडा था । उसने सूची की माँ को फोन किया । हालांकि उसने फोन पर पूरी सच्चाई नहीं बताई । राहुल ने एक और फोन किया पता नहीं क्यों लेकिन उसे जरूरी लगा उसने सिद्धार्थ को फोन किया । वो स्थिर है लेकिन अभी भी बेहोश है । डॉक्टर अवस्थी ने लगभग आधे घंटे के ऑपरेशन के बाद बाहर आकर घोषित किया । हमें आगे के इलाज करने के लिए कुछ टेस्ट करने होंगे । अस्पताल के वार्ड में का जीत से समझाता था शुचि की माँ और सिद्धार्थ कुछ ही समय में वहाँ पहुंच गए और राहुल से सूची के बारे में पूछा । उसने उन्हें पूरी स्थिति बताई । वे अस्पताल की लॉबी नहीं थे जब डॉक्टर अवस्थी अपना सिर झुकाए पहुंची क्या रिपोर्ट्स आ गए? डॉक्टर अवस्थी ने हामिद सर हिलाया क्या लिखा है रिपोर्ट में? डॉक्टर अवस्थी चुप रहे । सर आप मुझे कुछ बता क्यों नहीं रहे? राहुल नाम के हाथों से रिपोर्ट ले ली और खुद पडने लगा । कंजस्टेड हार्ट फेलियर उसने पढा थोडी देर के लिए चुप हो गया और फिर उसने सूची की माँ को समझाया । सूची कंजस्टेड हट पीलिया से पीडित हैं । क्या? ये कैसी बीमारी है जिसमें दिल की मांसपेशियां, ब्लड काम करने के अपने प्रयास में विफल हो जाती है और अन्य सभी उपलब्ध इलाज दिल के कार्य को बेहतर बनाने में मदद नहीं करते हैं । शुचिः अभी वेंटिलेटर पर है । उसे हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है नहीं तो वह नहीं बचेगी । डॉक्टर अवस्थी ने कहा वेंटिलेटर क्या है? उसकी माँ ने फिर पूछा डॉक्टर अवस्थी तब तक दूसरे मरीजों की जांच के लिए जा चुके थे । उस दिन अस्पताल में बहुत सारे मरीज थे । दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर भी विस्फोट पीडितों के इलाज में मदद करने आए हुए थे । अगर मरीज को दिल का दौरा और सांस लेने में तकलीफ होती है तो उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है । राहुल ने समझाया वॅार एक प्रतिन दिल की तरह होता है जो दिल के अनुपस्थित होने पर खून के प्रवाह में मदद करता है और इन्सान को जीवित रखता है । राहुल की बात संकर आंटी रो पडी, क्या वो ठीक हो जाएगी? राहुल को इस सवाल का सही जवाब नहीं पता था । ये विशेषज्ञ डॉक्टर्स के लिए भी सबसे कठिन सवालों में से एक था । एक डॉक्टर होने के नाते राहुल ने पहले भी हार्ट ट्रांसप्लांट के मामले देखे हैं और सच कहाँ जाए तो बचने की उम्मीद कम है । जब दूसरे मरीज के रिश्तेदार राहुल है बाकी डॉक्टर से पूछते हैं तो वहाँ कुछ बेकार के आंकडे समझाते हैं तो उन्हें बताते हैं कि दस में से हमारे चिकित्सा इतिहास के अनुसार सर्जरी के बाद केवल चार मरीज बच पाते हैं । उनका पेशा उन्हें झूठी उम्मीद बांधने की इजाजत नहीं देता । लेकिन शुचि कोई दूसरी मरीज नहीं थी, बेशक वो बिल्कुल ठीक हो जाएगी । मुझ पर विश्वास कीजिए । राहुल ने उनकी आंखों में देखते हुए कहा, डॉक्टर अवस्थी फिर आई । सिद्धार्थ ने वहाँ पहुंचने के बाद से एक शब्द भी नहीं कहा था । वह पुतले की तरफ वहाँ पर खडा था और सभी बातों को ध्यान से सुन रहा था । उसके दिमाग में कुछ चल रहा था । हम उसका हृदय प्रत्यारोपण करके नया रहते भी तो दे सकते हैं । सिद्धार्थ ने अपने सीमित मेडिकल ज्ञान के आधार पर कहा, प्रत्यारोपण करने के लिए हमारे पास स्वस्थ हृदय नहीं है । डॉक्टर अवस्थी ने कहा, आपके पास देते क्यों नहीं है कि आपने सभी ऑर्गन बैंक्स में पता क्या है । सिद्धार्थ के आवास सामान्य सी ऊंची थी । विजय आसानी से नहीं मिलता । हम मुर्दे से आंखें और दूसरे अंक प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन विदेश नहीं । एक बार जभी धर्ता बंद कर देता है तो किसी काम का नहीं रहता तो हमें रेट कम मिलेगा, ये तो कोई नहीं बता सकता, लेकिन हमें बस इंतजार करना होगा । अगर हमें प्रत्यारोपण के लिए रिटेन नहीं मिला तो क्या होगा? चीज शब्द खोजते रहे और फिर उन्होंने छुपे बनाए रखने का फैसला किया । मैं सोची को सिर्फ इसलिए मरने नहीं दे सकता कि हमारे पास ट्रांसप्लांट के लिए कोई संभावित उपलब्ध नहीं है । मैं उसे अपना हृदय दे दूंगा । अब सर्जरी कीजिए, मैं इसके लिए तैयार हूँ । मैं किसी भी दस्तावेज में हस्ताक्षर करने को तैयार हूँ । सिद्धार्थ सूची के लिए बहुत भावुक हो गया । उसके सेवा मेरे दिल में कोई नहीं है और मैं उसके बिना अपने दिल का क्या करूंगा । सिद्धार्थ ने सोचा भावुक मत हो सिद्धार्थ हम आप करेंगे नहीं ले सकते । चीज ने कहा दिक्कत क्या है? मैं आपको अपनी सहमती दे रहा हूँ । कानून हमें इसकी इजाजत नहीं था । हम एक की जिंदगी बचाने के लिए दूसरे को नहीं मार सकती । चीज ने कहा फिर कानून के मुताबिक कौन अपने और गन को दान कर सकता है? सिद्धार्थ ने डॉक्टर अवस्थी से कानून के जिक्र पर विशेष रुचि लेते हुए पूछा क्योंकि उसे कानून से खिलवाड करना बखूबी आता था । ऐसा कोई शख्स है जिसका दिमाग काम करना बंद कर चुका हूँ या फिर कोई ऐसा चोरी देख के सिवा किसी और अंग के फेल होने की वजह से मरने वाला हूँ । केवल वही अपनी सहमती से हमें दिल दे सकता है । अगर वह व्यक्ति बेहोश है तो उसके परिवार का कोई सदस्य भी हमें उसके अंगों के ट्रांसप्लांट की सहमती दे सकता है । क्या आपने दुनिया भर के ऑर्गन डोनेशन बैंक्स में पता क्या है? क्या हम सच में कुछ भी नहीं कर सकते? इस बार राहुल ने डॉक्टर अवस्थी से धैर्य होते हुए पूछा खुद को संभालो राहुल शुचि मेरे लिए किसी मरीज से कहीं ज्यादा बढकर है । जब भी मैं बीमार होता हूँ मेरी बेटी की तरह मेरे ख्याल रखती है । हमने कैलिफोरनिया फॅस को भी भी पता क्या है जो दुनिया में सबसे बडा ऑर्गन डोनेशन बैंक है । उनके पास भी कोई व्यक्ति नहीं है जो इस समय रहे दान कर सकता हूँ और अगर उन्हें कोई संभावित दाता मिलता भी है तो उनके पास उनकी अपनी वेटिंग लिस्ट है । मुझे पता है कि तुम क्या महसूस कर रहे बेटा लेकिन तुम खुद जानते हो कि हम इंतजार के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं । डॉक्टर अवस्थी ने कहा, हमें स्वस्थ्य दिलवाले किसी मरीज के मरने की प्रतीक्षा करनी होगी । सिद्धार्थ कमरे से बाहर निकल गया । वो उन लोगों में से नहीं था जो इतनी आसानी से हार मान लेते हैं । वो विजिटर के लिए वहाँ पर रखे सोफे पर बैठ गया । दीवार पर टंगी एलईडी टीवी पर लोकल समाचार दिखाया जा रहा था । वहाँ मौजूद कुछ लोग देख रहे थे । सिद्धार्थ कुछ भी महसूस नहीं कर पा रहा था । वहाँ लगा बैंड बहुत ठंडी हवा फेंक रहा था, लेकिन सिद्धार्थ को कुछ महसूस नहीं हो रहा था । उसका दिमाग सुना था । छुट्टी के पहले दिन से ही कहे गए सभी शब्द उसके दिमाग में गूंज रहे थे । मुझे वादा करो तो अपने बारे में सोचने से पहले लोगों के बारे में सोच हो गई । मेरी कहानी के खलनायक मत बनो । उसकी आंखों से छलके आंसू की दो बोलते उसकी दाडी में समाधि । वह होश में था, लेकिन अपने आस पास शो नहीं सुन पा रहा था । हमेशा की तरह दवाओं की गंदा उसे परेशान नहीं कर रही थी । वह जोर से चिल्लाकर के अपना दर्द अनंत दुनिया में वहाँ देना चाहता था । लेकिन वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रहा था । हमें कैसे व्यक्ति के अंग की आवश्यकता है जो हार्ट फेल के अलावा किसी अन्य कारण से मरने वाला हूँ । डॉक्टर अवस्थी के शब्द उसके दिमाग में गूंज रहे थे । इसी बीच किसी ने टेलीविजन का वॉल्यूम बढा दिया । दिल्ली उच्च न्यायालय के सामने खडे समाचार संवाददाता ने ब्रेकिंग न्यूज थी । अदालत ने लिया सबसे तेज फैसला नरीमन पॉइंट बम विस्फोट के मास्टरमाइंड को मौत की सजा, उसे अगले हफ्ते दी जाएगी फांसी वहाँ मौजूद हर कोई खुश था कि दोषी को सजा मिल रही है । सिद्धार्थ को भी संतोष मिला लेकिन किसी और बच्चे से खबर सुनते ही उनके चेहरे पर भी खुशी की लहर दौड गई । मुझे पता है कि मुझे क्या करना है । मुझे पता है कि शिव जी को अपना दिल कौन दे सकता है । सिद्धार्थ ने अचानक से सोच और जल्दबाजी में अस्पताल से निकल गया मान उसे पता था की सूची के लिए उसे दिल कहाँ मिल सकता है और उसके बाद एक सेकंड भी बर्बाद नहीं करना चाहता था । सिद्धार्थ को तेजी से जाती देख राहुल डॉक्टर अवस्थी हैरान थी कि अचानक से उसके दिमाग में क्या आया लेकिन अगर उन्हें ये अंदाजा लग जाए कि सिद्धार्थ ने क्या सोचा था तो देश के सबसे बडे वकील और एक साधारण व्यक्ति के बीच में क्या अंतर रह जाएगा । सिद्धार्थ ने आकाश को फोन किया और उसे कुछ कागजात के साथ सीधे अदालत पहुंचने को कहा

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मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
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