Made with in India
कवित नवासी चल भाई चोरवाड बाबा फर्क पर नहीं उतार की जागल रही या भाई कहीं कोई मतलब नहीं । हाँ रक्षा खूब पन सूरत या संभाल के चल भाई छोर बाबा पर पर नहीं होता कि बनने के खूब हित आपन अनहित करीब डाला पुतले में लेह उजाला कुल गहन हवा उतार के चैनल भाई जो रवा मा पद गुप्ता नहीं उतार की जन्म के संगीत सोरवा संघ ही में रहे नहीं रही या बता बेला ही जीवन के उबर के चल भाई जो रवा बाबा पर गुप्ता नहीं उठा रखी सुर नर मुनि के बहुत नाथ सुनना चाहते मिला ली के कटारी मारे चौरासी धार के चल भाई छोर वाबा पद पर नहीं उतार के हरीश एक कवि गोपाल चोरवाड के मर्लन शब्द के बीच में सुरतिया के दायरे के चैनल ढाई चोर वाबा अब पर नहीं ताज की
Sound Engineer