Made with in India
हूँ कभी त् इक्यासी सच्ची रे प्रेमी हो ये सो जाने सखी रे प्रेमी हो ये सोचा नहीं क्या जाने वो निपट अनाडी जो माया में और रिझानी भाव भक्ति का मार मन ना जाने चलते हैं सीना ताने सखी रे प्रेमी होई सो जाने सखी रे प्रेमी कोई सो जाने टन धान पे अभिमान करें सब माया हाथ विकास नहीं सत्य दया को दिल्ली में न धारे पडे हैं चौरासी के बने सखी रे प्रेमी होई सो जा नहीं सकते मेरे प्रेमी कोई सो जाने राग द्वेष जाहीन चित्र नही पांच विषय बिसराने हरीश कभी में सात सौ का है तो हूँ शब्द में सूरत समान्य सखी रे प्रेमी होई सोजा ने सखी रे प्रेमी होई सो जाने
Sound Engineer