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हूँ कभी तो कोई जाने का गुरु जानी यह घटको अकथ कहानी मानेंद्र की पहुंच नहीं जहाँ साखी सबका नवाणी कहन सुनन से जो है न्यायालय कोई कोई बिजली जानी सिंगला से पिंगला को मिला वे सुखमनी सूरत सामान्य कुंडली ने शक्ति जब वही जागे सुधबुध सब ही है रानी कुमार की छोड सुमति को धारे बोले अमृत वाणी काम क्रोध मद, लोभ को त्यागी लोग मोह नहीं आनी समदर्शी बन जज मेरे डोले रागद्वेष मिसरानी हरीश कभी कहीं जांच पुकारी फिर हो आवन जानी कोई जाने का गुरु जानी ये घटको अकथ कहानी
Sound Engineer