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कर्म चक्र - 8 in Hindi

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Authorडॉ. राहुरीकर
This is a thrilling, unbelievable story of five friends, who were unsatisfied with the way they had to live their life and relations. Then an unusual phenomenon happened, which turned their life around, and they came to know what life actually is and what true happiness is. This is a very uncommon but true story. Read how they find the way to happiness and satisfaction. Voiceover Artist : Rj ARV Author : dr vinita rahurikar
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भाग आठ तुम किस तरह की इंसान होने शी तुम चाहती हूँ की मैं तुम्हारे लिए अपने माता पिता को छोड दो । राहुल नशे की बात सुनकर हैरान होकर बोला, हाँ, यह मेरा आखिरी फैसला है । मैं शादी के बाद तुम्हारे माता पिता के साथ नहीं रहने वाली । अगर तुम मुझसे शादी करना चाहते हो तो सबसे पहले मेरे लिए एक अलग मकान खरीद लोग निशिका, स्वर्ग कठोर प्रतिनिध था । तुम दिन पर दिन मेरे जीवन में नित नई परेशानियां खडी कर दी जा रही हो । प्लीज समझने की कोशिश करो यार दिमाग को सुकून देता है । मन को एक अच्छी भावना देता है । खुशी देता है न कि राहुल । कुछ कहने जा ही रहा था कि निशी बीच में ही जोर से चल रही है । तुम कहना क्या चाहते हो क्या? मैं तो सिर्फ परेशान ही करती हूँ । दुखी दे रही हूँ तुम क्या इस रिश्ते से खुश नहीं हूँ । अभी भी बहुत समय है । राहुल एक बार फिर से सोच लो लेकिन मेरा फैसला बदलने वाला नहीं है । अगर तुम सचमुच में मुझसे प्यार करते हो तो तुम्हें अपने माता पिता से अलग होना ही होगा । मैं उनके साथ नहीं नहीं आ सकती । निःशुल्क बोली तो मैं ऐसा बोल भी कैसे सकती हो । उन्होंने मेरे लिए कितने त्याग किए हैं । मैं उन का एकलौता बेटा हूँ । मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ कि मुझे अपने माता पिता से अलग होने का मत बोलो । राहुल में उससे विनती की तो मैंने छोड क्यों नहीं सकते हैं? क्या इंजीनियर बनने के बाद बच्चे माता पिता को छोडकर विदेशों में नहीं बस जाते हैं? निशि ने पूछा है वहाँ एक अलग बात है लेकिन एक ही शहर में रहते हुए बाबा आपको छोड देना अलग हो जाना दर्द भरा है । राहुल बोला तो मैं अपने प्राथमिकताएं निर्धारित करनी होंगी तो मेरे साथ जीवन बिताना चाहते हो या उनके साथ चाॅस निःशुल्क घोषणा की । केबिन का दरवाजा खोला और गुस्से में भरकर बाहर चली गई । राहुल अपमानिक होकर मूर्ति की तरह खडा रहा । अभी यह पहली बार नहीं था कि नहीं । इस तरह से उसके क्लिनिक में आकर उससे झगडा करके चली गई थी । उसका पूरा स्टाफ बाहर सब सुन रहा होगा । अपमानित महसूस करते हुए वह कुर्सी पर बैठकर निशि के चले जाने के पांच मिनट बाद प्रिया दो कप कॉफी लेकर कैबिन के अंदर आई । उसने एक कप राहुल के सामने रख दिया कॉफी लीजिये सर, आप थोडा अच्छा महसूस करेंगे । प्रिया ने एक मीठी मुस्कान के साथ कहा ॅरियर मुझे सच में इसकी बहुत जरूरत थी । राहुल आभार भरे स्वर में बोला, बहुत सारे कॅालिंग पडेगा । असर हर दिन किसी न किसी संस्थान से या एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से सेमिनार या मोटिवेशनल लेक्चर के लिए कौन आ रहा है? प्रिया ने बताया, अभी हाल ही में कौनसा सेमिनार है? एक ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन अगले शुक्रवार को अपने स्टाफ मेंबर्स और स्टूडेंट्स के लिए एक सेमिनार कम मोटिवेशनल लेक्चर करवाना चाहते हैं । उन्हें क्या? जवाब दो सर क्या मैं तारीख और समय दे दो उन्हें । प्रिया ने उससे पूछा । राहुल ने एक्शन के लिए कुछ सोचा । फिर गहरी सांस लेकर बोला, हाँ बोल दो, मैं सेमिनार करूंगा । बहुत अच्छा सर । प्रिया ने कहा । और कॉफी के खाली प्याले लेकर क्या दिन के बाहर चली गई । राहुल आंखे बंद करके भविष्य की चिंता करते हुए बैठा रहा ।

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Sound Engineer

This is a thrilling, unbelievable story of five friends, who were unsatisfied with the way they had to live their life and relations. Then an unusual phenomenon happened, which turned their life around, and they came to know what life actually is and what true happiness is. This is a very uncommon but true story. Read how they find the way to happiness and satisfaction. Voiceover Artist : Rj ARV Author : dr vinita rahurikar
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