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कर्म चक्र - 5 in Hindi

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Authorडॉ. राहुरीकर
This is a thrilling, unbelievable story of five friends, who were unsatisfied with the way they had to live their life and relations. Then an unusual phenomenon happened, which turned their life around, and they came to know what life actually is and what true happiness is. This is a very uncommon but true story. Read how they find the way to happiness and satisfaction. Voiceover Artist : Rj ARV Author : dr vinita rahurikar
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वह मुझे वैसा ही स्वीकार क्यों नहीं करती जैसा मैं हूँ । राहुल उदास स्वर में बोला, मैंने कभी भी अपने आप को किसी और तरह का दिखाने की कोशिश नहीं । मैंने कभी भी उसके सामने अपना नकली रूप प्रस्तुत नहीं किया । उसे पता था मैं कैसा हूँ तो वह क्यों चाहती है कि मैं बदल जाता हूँ तो वो सिर्फ मेरे बाहरी रूप को ही तैयार क्यों करती है? वह मेरे मन को क्यों नहीं देखती है? प्यार करती है वो ऐसी ही है तो उस की सोच को बदल नहीं सकते हैं । हम कुछ नहीं कर सकते हैं । सेवाएं इसके कि वह जैसी है उसे उसी रूप में स्वीकार कर लो हूँ । अपनी ने उसकी हथेली थपथपाते हुए प्यार से कहा मैं उसे सच में बहुत प्यार करता हूँ और उसके ऐसे व्यवहार से बहुत आहत हो जाता हूँ । राहुल सचमुच परेशान था । उसके बारे में मत सोचो । राहुल मैंने तो मैं पहले ही दिन चेतावनी दे दी थी तो की उसके साथ बॉल मत हो तो मैं समझ नहीं पाएगी और तुम्हारे साथ चल नहीं पाएगी हूँ । अभी भी समय है । एक बार और इस रिश्ते के बारे में सोच लो । अपनी बोली मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ । मैंने उससे प्यार किया है यार प्यार कोई खेल तो नहीं है अपनी की अगर मुझे मजा नहीं आ रहा तो मैं बीच में ही छोड दो । मैं उसे पूरी सच्चाई से प्यार करता हूँ और तुम्हें बहुत अच्छे से जानती हो हैं । मैं जानती हूँ कि तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो लेकिन बाहर एकतरफा नहीं होना चाहिए और तुम्हारे केस में यह एक तरफ आ ही है । अग्नि ने उसे समझाने की कोशिश की यह पूरी तरह सच नहीं है । शुरुआत में वह भी मुझे प्यार करती थी । हालांकि राहुल का स्वर बहुत कॉन्फिडेंट नहीं था था । उसने तुमसे कभी प्यार नहीं किया । राहुल वह बहुत महत्वकांक्षी लडकी है । वह सिर्फ जीवन का आनंद लेना चाहती है और कुछ नहीं । निशि सिर्फ तुम्हारे प्रसिद्धि से प्रभावित हो गई थी और उसे लगा था की तो मैं का मेरे लडके हो । यही बात थी जिसने उसे तुम्हारी तरफ आकर्षित किया था । उसके जीवन की महत्वकांक्षा बस इतनी सी है कि एक अवेल लडके से शादी करनी और फिर पूरी उम्र भर और फिर पूरी उम्र भर बस घूमने फिरने और मनोरंजन पर पैसा खर्च करते रहे । तो अब जब उसका सामना इस सच्चाई से होने लगा कि तुम्हारे ऊपर बहुत सी पारिवारिक जिम्मेदारियां है तो अब वह तुमसे इस रिश्ते से जुडने लगी है । अपनी नहीं उसे सच्चाई से अवगत कराया । मैं था मैं प्रसिद्ध था पर बहुत तेजी से सफलता की सीढियां चढता जा रहा था तो मैं तो कहता हूँ कि उससे मिलने से पहले मैं क्या था? लोग मेरे लिए पागल थे और अब दो साल में ही उसने मुझे क्या बना डाला है । सिर्फ एक सफल इंसान ऍम राहुल बहुत फ्रस्ट्रेट लग रहा था । यह सब तुम्हारी गलती है । तुम अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हो तो तुम अपनी दिमागी क्षमता, अपना समय, ऊर्जा सबकुछ उस लडकी पर बर्बाद कर रहे हो और अपने जीवन को नर्क बना रहे हो । अपनी चढकर बोले अवनी तो मैं क्या करूँ? मैं इस लडकी के पीछे पागल हो गया हूँ । इसमें मेरी जिंदगी हराम कर दी है । राहुल बोला उसकी वजह से नहीं । राहुल उसे दोष मत दो । तुम्हारी अपनी इच्छा शक्ति पर निर्भर है कि तुम खुद से क्या चाहते हो और भविष्य में क्या बनना चाहते हो और तुमने अपने करियर में सफल होना चुना । इसमें उसका दोष नहीं है । अभी भी कुछ नहीं बिगडा है उसे छोडो और अपने काम में कडी मेहनत करो । तुम शीर्ष पर बहुत जाओगे, ऐसा मेरा विश्वास है । अपनी नहीं, उसे उत्साहित और प्रेरित करना चाहता हूँ । हालांकि उसे भलीभांति पता था कि यह समय और ऊर्जा की बर्बादी है और कुछ नहीं क्योंकि राहुल उसकी सुनेगा नहीं । दो साल से ज्यादा हो गया है कि वह अपनी सारी सफलताओं और तनाव के लिए निशि को खोसा आ रहा था । मैं बिलकुल भी ध्यान नहीं लगा पा रहा हूँ आपने काम पर मेरा दिमाग और सोच बस उसके चारों और सिमट कर रहे गए हैं । राहुल बेचैनी से बोला तो उससे बाहर निकलने की कोशिश करो । कैसे भी अपने आप को उसके विचारों से मुक्त करूँ और अपने काम पर लग जाओ । वापस अब नहीं नहीं उससे रिक्वेस्ट की जबकि उसे पता था कि इससे कुछ होने वाला नहीं है । मैं कोशिश करूंगा लेकिन अभी कुछ भी मेरी मदद नहीं कर पा रहा है । रिलैक्सेशन प्रॉसेस भी नहीं और मेडिटेशन भी नहीं । आॅड पता नहीं मेरे साथ क्या हो रहा है । दिन पर दिन में मानसिक रूप से व्यथित होता जा रहा हूँ । राहुल उदास स्वर में बोला अपनी को उस पर दया आ गए । वह उसे इन सब मानसिक परेशानियों से बाहर निकालना चाह रही थी लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे थे । राहुल उसका बचपन का दोस्त है । दोनों एक दूसरे के काफी करीब थे और विभिन्न विषयों पर घंटों चर्चा करते थे । दोनों बरसों से दोस्ती में बहुत अच्छा समय बिताते आए हैं । शाम को राहुल घर लौट आया है । वह एक जाना माना मनोवैज्ञानिक था, एक मोटिवेशनल स्पीकर और मेमोरी बूस्टिंग गुरु भी । उसने साइकोथैरेपी और हिप्नोसिस के द्वारा कई मानसिक रूप से परेशान और डिप्रेशन के मरीजों को ठीक किया था । मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों के लिए वह मुख्य रूप से हिप्नोसिस तकनीक का इस्तेमाल करता था । हिप्नोसिस ध्यान केंद्रित करने वाली स्थिति है जब एक व्यक्ति आरामदायक स्थिति में होता है और जब उसका मष्तिष्क ऐसी अवस्था में होता है जब कोई बाहरी आवाज या परिस्थिति उसे डिस्टर्ब न कर सकें । तब है हल्की सी फॅस की स्थिति में होता है वो ऍम दोनों का उद्देश्य चेतन तक पहुंचना होता है हूँ । चेतन मस्तिष्क विचारों के निरंतर प्रवाह के बीच भावनाओं, बाहरी उत्प्रेरकों, विचलित करने वाले कारकों के बीच चेतन मस्तिष् के ठीक नीचे स्थित होता है और चेतन मस्तिष् एक व्यक्ति की सामान्य जागरूकता के स्तर से अधिक गहरे स्कारबरो काम करता है । चेतन में वह सारी मानसिक गतिविधियां चलती रहती हैं जिनका हमारे चेतन मन को कोई पता नहीं होता है । जब इन प्रक्रियाओं का असर कॉन्सियस माइंड यानी कि चेतन मन पर पडता है, तब मनुष्य को पूर्वाभास होते हैं, उसकी मानसिक क्षमता बढ जाती है और अधिक जागरूक और रचनात्मक हो जाता है । चेतन मन पर तर्क वितर्क स्पेस समय की सीमाओं का कोई बंधन नहीं होता है । यह चेतन जगत के सारे बंधनों से मुक्त होता है । चेतन मन समय के किसी भी कालखंड से किसी भी बात को याद रख सकता हूँ । चेतन मन में प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक हर याद सुरक्षित रहती है । यहाँ तक कि मनुष्य के पूर्वजन्मों की थी । एक एक क्षण की सारी बातें तो सारी स्मृतियां इसके खाते में जमा रहती हैं । यह हमारी समस्याओं के लिए रचनात्मक हाल भी सुझाता है । हिप्नोसिस में ही लें यानी समस्या के समाधान के लिए ध्यान केंद्रित करके इसी चेतन की जागरूकता का उपयोग किया जाता है । फॅस की बहुत सारी तकनीकि उपलब्ध है । ये तकनीकें हिप्नोसिस के विभिन्न स्तरों पर पहुंचने के लिए ऊपरी स्तर के गहरे स्तर तक जाने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है । राहुल को इनमें से अधिकतर तकनीकों की जानकारी थी । और वह अपने मरीजों का इलाज करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग करता था । ग्रुप हेलिंग और मोटिवेशनल लेक्चर में भी वही आत्मविश्वास बढाने के लिए कई सारी तकनीकों का उपयोग करता था । वह व्यक्ति जिसने कई व्यक्तियों को चेतन और अवचेतन स्तरों पर थैरिपी देकर विभिन्न मानसिक परेशानियों से कुंबारा था, ठीक किया था उसे आज स्थिति में स्वयं को ही इलाज की जरूरत महसूस हो रही है । निशि कहती है, हाँ, मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित थी लेकिन तुमने हिप्नोटाइज करके मुझे जबरदस्ती अपने से प्यार करने को मजबूर कर दिया था । तो मैं अपने आप पर भरोसा था ही नहीं कि तुम अपने गुणों से मुझे आकर्षित कर पाओगे और प्राकृतिक रूप से मेरा प्यार हासिल कर लोगे । इसलिए तुमने मुझपर अपनी नोटिस तकनीकी आजमाई ताकि तुम मेरे दिमाग को अपने काबू में करके प्यार करने को मजबूर कर सको । आप मेरा दिमाग तुम्हारे मस्तिष्क दीपक अड से छोड चुका है । क्या बकवास है? राहुल जवाब देता निशि से वह अपना आत्मविश्वास कैसे बढाएं और याददाश्त कैसे तेज करें? विषय पर आयोजित एक प्रयोगशाला में मिला था विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में मिला था । जब लेक्चर खत्म हो गया तब लोगों ने उस की बहुत प्रशंसा की और उसके आस पास इकट्ठा हो गए । उस भीड में ही निशि भी थी । उसकी सुंदरता ने दब राहुल की आंखों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया था और तब उसने निशि के प्रश्नों पर खास ध्यान दिया था और अब और सुन्दरता के पीछे स्थित मन और व्यवहार उसे जहर जैसे प्रतीत होते हैं । वो अपनी ही उसे जरा भी आकर्षक नहीं लगते हैं । उसकी सारी सुंदरता और आकर्षण बहुत दूर हो गया है और अब इस रिश्ते में सिर्फ पूरे समय की परेशानी ही बाकी रह गई है लेकिन फिर भी वह उसे छोड नहीं पा रहा है । एक समय था जब वह मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों की समस्याएं सुलझा करता था । पडे क्या है, समय आ गया है जबकि उसे स्वयं को ही किसी कि मदद की जरूरत महसूस होने लगी है । परेशानियों से उबरने के लिए कभी वह दूसरे लोगों के दिमाग और विचारों को नियंत्रित कर लेता था और आज मैं खुद अपने दिमाग और विचारों को नियंत्रण में नहीं रख पा रहा है । आजकल वह अपने काम पर भी ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा है । उसके लेक्चर और सेमिनार बंद है । उसका क्लिनिक भी अछूता नहीं रह गया है । अधिकतर समय उसे झूठ बोलना पडता है कि वह शहर से बाहर है । भगवान इन सब से बाहर निकलने में मेरी मदद कीजिए । यह सब मेरे लिए इतना मुश्किल क्यों होता जा रहा है? मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरे स्वयं का मस्तिष् किसी और के नियंत्रन में हैं । यह सब मुझे क्या हो रहा है? राहुल कुर्सी पर बैठ गया । पिछले कुछ महीनों से मेडिटेशन भी नहीं कर पाया था । यह सब क्या है जो उसके मष्तिष्क को विचलित कर रहा है? निशि उसके जीवन में क्यों आई? वह सिर्फ उसी के प्रति आकर्षित क्यों हुआ? जबकि उस दिन वहाँ बहुत से लडकियां उसके खरीद थी । वहाँ उसके साथ बेचैनी अनुभव करता है, उसके स्वभाव व्यवहार से ही जाता है तो फिर वह उसे छोड क्यों नहीं पा रहा है? ढेर सारे सवाल पर जवाब नदारत, वह बहुत परेशान हो गया । क्या करें, क्या ना करें वह व्यक्ति जो दूसरों के मन मस्तिष्क को अपने नियंत्रण में लेकर उनसे अपने कहीं बातें मनवा लेता था । आज इतना ऐसा हो गया है कि आज उसका स्वयं का मस्तिष्क उसकी बात नहीं सुन रहा है । उसके आदेश का पालन नहीं कर रहा है ।

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This is a thrilling, unbelievable story of five friends, who were unsatisfied with the way they had to live their life and relations. Then an unusual phenomenon happened, which turned their life around, and they came to know what life actually is and what true happiness is. This is a very uncommon but true story. Read how they find the way to happiness and satisfaction. Voiceover Artist : Rj ARV Author : dr vinita rahurikar
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