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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -30 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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वो विजय की माँ से मैं वार्ड में गए और उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया । सरगम आस्था के बगल में बैठी थी । उसने मुझे बधाई दी और मैंने तुरंत उसे अपने घर में पीने की घटना से पहचान लिया । छह । हमने फोन आने का नाटक किया और कमरे से बाहर निकल गई । कुछ लगता है कि वो मेरे साथ शहद नहीं थी । कमरे के भीतर हम दोनों ही रह गए थे । आस्था सुस्त हो गई थी कि विश्वास करना मुश्किल था कि वो वही लडकी थी जो हमेशा चाहती रहती नहीं । उसके चेहरे का आकर्षण खो गया था । मैंने उसे कभी भी पसंद नहीं किया । लेकिन उसे इस तरह देखकर मुझे खुद से लगी हुई हैं । ऍम ऍम मैंने पूछा नहीं ऍम मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा है । उन कैसा महसूस कर रही हूँ? इतने वर्षों से उससे नफरत करने के बाद मैं अपराधबोध से ग्रस्त थी । ऍम मैं खुश हूँ और आपको यहाँ देख कर थोडा आश्चर्यचकित हो । मैं अपनी बेटी से मिलने आॅल मेरा दिल भारी था । उसने नकली मुस्कान की कोशिश नहीं । जब मुस्कराई तो अच्छी लग रही नहीं । मैं देख रही हूँ । सब कुछ बदल गया है । उसने कहा पर चलती दादी बनने जा रही हूँ । पिछले मैंने तुमसे मिलने का फैसला किया । ऐसा लगा कि उसने मेरे शब्दों को अन्यथा लिया गया मैं मुझे किसी भी सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है । मैं समझती हूँ कि मेरे दिन गिने चुने रहे गए हैं लेकिन मैं अभी भी खुश हूँ । उसने कहा किसने कहा की मैं सहानुभूति प्रकट करना चाहती हूँ । मैं तो बस मैं धन्यवाद देना चाहती हूँ । मैं कठिन स्थिति में थी । मैं कारण हूँ की आपका बेटा के साथ नहीं रहना । मैं कारण हूँ कि आपको अपना घर बेचना पडा । उसके बिना किसी भावना, मुझे आपकी मदद के लिए आपका आभारी होना चाहिए । आपके और आपके परिवार के प्रति कुछ की जिम्मेदारी है ऍम इस बच्चे हम परिवार हैं । हमारे बीच अतीत में मतभेद थे लेकिन तुम ने ऐसा किया है जो मैं कभी नहीं कर सकते हैं । तुमने मेरे बेटे को जिम्मेदार बना दिया है । वो पहले से ज्यादा आत्मविश्वासी का परिपक् हुआ है । वह एक असहाय व्यक्ति नहीं है । उसमें कुछ भी नहीं कहा । इसीलिए मैंने आगे कहा, अच्छा देर से ही सही जन्मदिन मुबारक हो । मैं तुम्हारे लिए कुछ बुखार लाई । मैंने उसे गुलाबी शौल दिया और उसके लिए लाया गया टेक्निकल चाहिए । ऍफ है तो उसने मजाक में पूछा मैं हंसी हमें एक घंटे तक बात की । मैं देख सकती थी कि उसके लिए बात करना कुछ मुश्किल था लेकिन फिर भी वो एक मिनट भी नहीं रोकना चाहती थी । उसने मुझे पिछले कुछ दिनों के बारे में सब कुछ पता है । मैंने इस बार उसके साथ अलग महसूस किया । कुछ पता था की मैं बच्चे को पालने वाली एक व्यक्ति होंगे कि लंबे समय बाद हुआ की हम लडे नहीं थे और सामान्य व्यस्कों की बात की । मैंने देखभाल करने वाली एक माँ की तरह व्यवहार किया था । इस की बेटी कुछ दिनों में बच्चे को जन्म देने जा रही थी । उसकी अच्छी तरह देखभाल करो । बेटा मैं चलूंगी । मैं अपनी सीट छोड गई । हाँ, मेरा एक अनुरोध है पीस कुछ गलत मत समझिए, बिल्कुल बेटी हो गया है और जानती हैं कि मुझे ठीक नहीं किया जा सकता है और मैं बहुत जल्दी चली जाऊंगी तो इस तरह की बातें मत करो । हाँ, सब को स्वीकार करेंगे । मैं अपने प्रियजनों को आंसू भरी आंखों के साथ खडा नहीं देखना चाहिए । हम सभी लोगों को नहीं चाहती । जिनकी उपस्थिति मुझे कमजोर कर देगी उसकी ना गुलाबी हो गई । उसकी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी । तुम एक बहादुर लडकी हाँ, बेटा तो उम्मीद नहीं हो सकती । मैं वहाँ पर सहारे खडी थी । मैं उसकी मदद करने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं और केवल झूठ बोल सकती थी । हाँ, मेरे पास ज्यादा समय नहीं है और मैं नहीं चाहती कि किसी को भी आहत होता । देखो ये मुझे कमजोर बनाता है तो क्या मुझे फिर से देखने के लिए बताइएगा? को मजबूत लडकी थी जिसे मैं जानती थी और मैंने हमेशा इसके लिए उसका सम्मान किया था । मैं तुम्हारी इच्छा का सम्मान करेंगे । मैंने अपना बैग उठाया और ऐसा लगा ये मेरा बहु के साथ आखिरी मिलना था । इसे मैंने अभी हो जाता हूँ । मैं कुछ और कहना चाहती थी लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ भी कह सकता हूँ । आस्था ने कहा, रहने वाला मुझे उनके जैसा पति देने के लिए । मेरे कारण आपको हुई सभी परेशानियों के लिए मुझे वाकई बहुत फिर है । हम दोनों आंसू बहा रहे थे । मैंने उसकी माफी अनदेखा करने की कोशिश की और से बताने की कोशिश की कि मुझे वास्तव में क्या लगा था । मैंने हमेशा तुम्हारी आलोचना की है और उनको अपमानित किया है तो तो मैं अवैध संतान थी लेकिन अब मुझे ऐसा हो रहा है । कि कोई भी बच्चा अवैध नहीं होता है । इसके लिए जिम्मेदार नहीं है । मैंने गहरी सांस नहीं । मुझे पता है कि ये थोडा अजीब होगा लेकिन मैंने तो भी कभी करले नहीं लगाया । मैं भी करना चाहती हूँ क्या? मैं तो नहीं लगा सकती हूँ । आंखों में आंसू के साथ उसके पैसे लगा । मैंने उसे गले लगा लिया और मेरे पास उसके लिए और कुछ नहीं केवल प्यार था । उन सभी सालों में उसके साथ मेरी सबसे अच्छी यादाश्त थी । मैंने अपनी आस्था अपनी बेटी को अपनी पहली और आखिरी बार गले लगा लिया और मोहन में हुई थी । मुझे खेद है बेटा मैं हूँ । मैं ये बताना चाहती थी कि मैं कितना शर्मिंदा थी और न केवल इतना चाहती थी कि वह खुश रहे । मुझे कभी नहीं पता था की मांग करो ना ऐसा होता है मेरी सौतेली माँ ने । मुझे कभी गाली नहीं लगा है । उसके परवाह नहीं । मेरा क्या मेरी एकमात्र थी लेकिन ऍम मेरे जाने के पहले मुझे होने का एहसास कैसा होता है ये महसूस करने के लिए आप का ऍम बहुत प्यार करती हूँ । मैं तो बहुत प्यार करते हैं । मैंने भरी आंखों से जवाब दिया कमरे में एक निर्दलीय चुप्पी नहीं । मैंने दरवाजे की और पढना शुरू कर दिया । उसके हाथ मिलाया और मुस्कुराने की कोशिश । मैं देख सकती थी कि वो कितना दुखी महसूस कर रही थी लेकिन वो एक भयानक लडाई लग रही थी । मुझे अकेला नहीं है तो बदल गया है । तुम भी बदल गई हो ।

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“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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