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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -28 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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पढाई विजय स्थिति एक जबरदस्त गति से बदल रही है । ऐसा लगता है कि हमें दस दिनों के भीतर ऑपरेशन करना होगा । डॉक्टर रजा ने मेरे जीवन के सबसे बडे सवाल का जवाब दिया । डॉक्टर को पता था की आस्था को आधिकारिक तौर पर उसकी बीमारी और एक सिजेरियन डिलीवरी के परिणामों के बारे में सूचित किया गया था । महीनों तक आस्था के मामले को संभालने के बाद डॉक्टर रजा और डॉक्टर रचना व्यक्तिगत रूप से मेरे कई निर्णयों में शामिल थे । अस्पताल मुझे बकाया राशि के बारे में सूचित किया । मैंने पहले से ही अपना बैंक खाता खाली कर दिया था लेकिन अस्पतालों किसकी परवाह कहाँ मरीज को आसानी से मिलो को तुमने में सबसे अच्छे हैं । हरतेज डॉक्टर रजा आते और हम प्रगति एवं अगली कार्रवाई पर चर्चा करते हैं । रोगी इस त्रासदी से बचा हुआ था क्योंकि उसने से निजी रूप से पूरा करने पर जोर दिया था । आने वाले डॉक्टरों के बारे में क्या उन्हें अभियान होना चाहिए था से पहले ही उडान भर चुके हैं । कल तक यहाँ होंगे । मुझे न केवल डॉक्टर है बल्कि वैज्ञानिक डाॅ का इलाज घूमने के लिए समर्पित है । वो अच्छा लेकिन क्या आप निश्चिंत हैं की आस्था का सामान्य प्रसव नहीं हो सकता है । विजय मैं चाहता हूँ कि आप बहुत स्पष्ट रूप से समझे की आस्था बहुत अच्छी नहीं है । उसका ॅ स्तर और सीडी फोर काउंट और काम हो रहे हैं । कुछ यकीन है कि उसे एक सिजेरियन ऑपरेशन की आवश्यकता होगी । ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और और सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करते हैं जबकि नहीं उम्मीद खो देता था । अंधेरे में कुछ हमेशा प्रकाश के रूप में आता था । इस बार ये संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के रूप में था । आस्था का वजन कुछ किलो बडा था लेकिन वह कमजोर हो गई थी । उसे सांस लेने में भी मुश्किल हो रही थी । उसके पैरों शरीर फेफडो और दोनों को नुकसान पहुंचना शुरू हो गया था । ऐसा राष्ट्र में कहे तो पूरी तरह से तकलीफ में डूबी हुई थी । मैं अक्सर उसके बगल में बैठता था और उसके पहले जब आता था और अपने हाथों से उसके सिर को सहन आता था । आस्था की कमजोरी चिंता का एक बडा कारण थी । लेकिन ये मेरी एकमात्र समस्या नहीं थी क्योंकि मेरा प्यार उसके जीवन के लिए संघर्ष कर रहा था । इसलिए बाकी की समस्याएं मेरी चिंता का कारण कम थी । अगले ही दिन तीन डॉक्टरों की टीम हमारे घर से पहुंच गई । भारतीय डॉक्टरों सहित उसके मामले में कुल आधा दर्जन लोग काम कर रहे थे । मुझे अभी भी वो दिन बहुत स्पष्ट रूप से याद है जब मैं इलाज कराने के लिए नर्सों का पीछा कर रहा था और अब डॉक्टरों के पूर्व समूह के साथ उसे जिंदा रखने के लिए सबसे अच्छी रणनीति खोजने की कोशिश कर रहा था । डॉक्टर वार्ड में आधे घंटे विधायक उन्होंने उसकी पूरी तरह से जांच की और टूडू सूची में कुछ परीक्षण जोडे । मैं उनके निष्कर्ष और आगे बढने का सबसे अच्छा तरीका जानना चाहता था । हालांकि उन्होंने परीक्षणों के परिणाम आने के बाद बात करने पर छोड दिया । कुछ अगले दिन बनाया गया था डॉक्टर रचना सहित दर्जनभर डॉक्टरों के साथ । वही टीम वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर रही थी । ऍम और सभी का बोले ऍम, आपके सभी प्रयासों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आ रही । अनौपचारिक मत बनो । डॉक्टर में से एक में निर्दोष अमेरिकी उच्चारण में कहा, अच्छा कैसी है, वो क्या अच्छा कर रही है? उसकी प्रशस्ति के बारे में क्या ऍम के आसान हैं? कुछ बहुत सारे जवाब चाहिए थे तो हम कुछ भी गारंटी नहीं दे सकते हैं । सामान्य प्रसव के लिए हमारे पास अभी भी लगभग तस्वीर हैं । जब तक की वजह चलता का संकेत देने वाले किसी भी गंभीर दर्द को विकसित ना करेंगे । अगर वो सीजेरियन प्रसव के लिए जाती है तो उसके बचने की संभावना क्या है? उनसे अपने प्रश्न का उत्तर सुनना बेहद मुश्किल था लेकिन मुझे पूछना था ऑपरेशन करने के बाद ठीक करना बहुत मुश्किल होगा । दूसरे अमेरिकी डॉक्टर ने कहा क्योंकि कमजोर हो गई है और इस चरण में बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल है । लेकिन डॉक्टर के मुताबिक तो बुरा नहीं कर रही है । मैं डॉक्टर को देखकर कहा मैं समझ जाएंगे जिस तरह से उसके परीक्षण के परिणामों में उतार चढाव हो रहा है, हम आपको कुछ भी आश्वस्त नहीं कर सकते हैं । दोनों बाते हो सकती हैं । डॉक्टर मैं बहुत स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूँ । मेरी मुख्य जनता आस्था है और उम्मीद करता हूँ की आप से वापस लाएंगे किसी भी तरह । भले ही इसका मतलब है कि हम अपने बच्चे को खो देते हैं । यही एक बात थी जिसपर मैं निश्चित था । उन्होंने सहला, विश्वविजय हमारा मुख्य ध्यान इस मामले पर है और उसमें मांगा बच्चा तो में शामिल हैं । हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक नहीं ऐसी दवा विकसित की है जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है । कुछ मामलों में ये पाया गया है कि ये दवा एक सक्रिय माँ से भी ऍफ बच्चे को देने में बहुत प्रभावी है । तो तो उसी की दवाई देना शुरू करें, उसका क्या है और दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स हैं । हम उसके शरीर की प्रतिक्रिया जांचने के लिए उसे छोटी खुराक के दे रहे हैं । ये एंटीबायोटिक दवाएं बीमारी से तुम्हारे बच्चे की रक्षा करने में मदद कर सकती हैं और आस्था को भी शक्ति दे सकती हैं । बस ऍम अभी तक वाणिज्यिक नहीं है और बहुत नहीं है । कितनी तो ढाई हजार डॉलर । डॉक्टर ने उत्तर दिया, मैं ठीक रूपांतरण के बारे में निश्चिंत नहीं था लेकिन मैंने अनुमान लगाने के लिए उक्त राशि को भारतीय सत्तर रुपए के साथ थोडा गया । इतनी दूर होता था मैं से प्रबंधित कर सकता था । तीस अभिलाष करें मैंने आशा की कुछ बडों के साथ कहा विजय जी प्रतिदिन की राशि है । क्या कमरे में सन्नाटा छा गया था । मेरे मस्तिष्क, कुछ मानसिक, गन्ना अगले नौ दिनों या ऐसे ही सौ चार सौ कुछ करना होगा । मुझे एक और अठारह लाख रुपए का प्रबंधन करना पडेगा । क्या मैं ऍम वापस आया और आस्था के साथ सरगम को पाया । एक तरफ कोई भी उसे छोडने की हिम्मत नहीं करता तो सरगम उसके स्तर पर बैठी थी और बिना किसी हिचकिचाहट क्या डर के उससे थडोली कर रही थी । आ गई सरगम एक सच्ची तो जब मैं उनके साथ बैठा तो उन्होंने मेरा मजाक उडा है और अपनी शराब पीने की कहानी को सुना है । जैसे कि वो इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य थी । ये बातें कर रही थी और जी से निकालकर हस रही थी । इसलिए मैं अस्पताल के कैफेटेरिया में चला गया और ऑफिस का ऑर्डर दिया । मेरे लिए ये पूरी तरह से जरूरी था । खर्च में अचानक वृद्धि का प्रबंधन असंभव हो गया था । मुझे आश्चर्य हुआ कि मैंने कभी स्वास्थ्य बीमा लेने की परवाह क्यों नहीं की? मुझे इसके लिए खुद से नफरत हुई । मैंने आखिरी कोने की सीट मैं अपनी पीडा में हो गया था और धन की व्यवस्था करने के तरीके के बारे में सोच रहा था । अभी मैंने एक महिला कोई ऑटो से बाहर निकलते देखा । मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता था । उन्होंने रिसेप्शन पर कुछ पूछताछ की और लिफ्ट की तरफ चली गई । ना उनसे मिलने के लिए भागा उन दोनों ने एक साथ में प्रवेश किया । मांग आप यहाँ मैंने चौंककर पूछा, लेकिन मेरी माँ ने कोई जवाब नहीं दिया । लेफ्ट में दो अज्ञात लोगों की उपस्थिति ने हमें बातचीत शुरू करने की इजाजत नहीं दी । हम पांचवीं मंजिल पर पहुंचे । क्या आप यहाँ आस्था से मिलना ही हैं? फॅमिली बाहर पूछा हूँ नहीं, मैं भी बहुत से मिलने आई हूँ । वहाँ जमा घर कैसे हुआ? एक लडका जिसमें कभी भी किसी व्यक्ति के सामने बात करने का साहस नहीं किया था, उसे नौकरी की परवाह किए बिना पांच हजार लोगों के सामने बात करने की हिम्मत की । क्या तुम को नहीं लगता कि एक चमत्कार है तो प्राचार्य ने शिकायत है कुछ लगता है । मैंने उदासीनता से कहा क्या से देख सकती हूँ? हाँ, आप से मिल नहीं सकते । क्यों वो किसी से मिलना नहीं चाहती । जिस पर तरस चिंता मत करो विजय उसे तुम्हारी जिम्मेदारी नहीं है मुस्कराएंगे तुमको याद है आखिरी बार जब तुमने किसी चीज के लिए मुझे नहीं हूँ मैं समझा नहीं । विजय मैं तुम्हारी माँ और तुमने कभी बचपन से मुझसे प्रतिवाद नहीं किया तो कभी निर्णय लेने वाले नहीं । नहीं । उन्होंने एक अजीब मुस्कान छोडी और कहा बेटर सबकुछ बदल गया है ।

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“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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