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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -27 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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सत्ताईस अगर मैं एक मिनट के लिए और वहाँ रह गया होता तो प्राचार्य ने मुझे मार ही डाला होता । मैंने उनका कॉलेज समारोह खराब कर दिया था और वो निश्चित रूप से उस पर आंध्र बुला थे । मैं बाहर आया और सीधे नोएडा की ओर चल पडा । आस्था के साथ सरगम की उपस्थिति ने मुझे कुछ चीजों की व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया था । मैं भी सबसे अच्छे दोस्त या नहीं अपने पिता जी से मिलने गया । उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला उनके सीने से लिपट गया । उन्हें कसकर गले लगा लिया जाए । कोई गडबडी उन्होंने कसकर चिपटने से उपजी भावनाओं को महसूस किया था । ऍम अच्छी खबर है । मैंने खिलखिलाते हुए कहा, नहीं, इसके खिलाफ हट का राज क्या है? आज कल मुझे तुम्हारी खुशी से भी डर लगता है । उनके कटाक्ष ने हम दोनों को हटा दिया । मैंने एक और अच्छा पूरी की है । मैंने कहा और सारी घटना का वर्णन कर दिया । वो एक ही समय में चकित और ऍम अपने बच्चों की उपलब्धियों की कहानियों को सुनते वक्त पिता का दल कैसे नहीं घर से भर उठेगा । वास्तव में ऐसा क्या अनुष्का जन्मदिन हमेशा से बेहतर बढाना चाहिए? मैं उसकी आवाज में एक अजीब सी खुशी महसूस की । वो किचन में गए और नारियल बर्फी के डब्बे के साथ वापस आएंगे । उन्होंने पडा थोडा निकाला और मेरे मुंह में ठूंस दिया । मेरे लिए एक बहुत बडा पल था । ऐसा बहुत समय बाद हुआ जब उन्होंने ऐसा किया था । आखिरी बार उन्होंने मुझे मिठाई खिलाई थी । जब मैंने पी सी एस के लिए लिखित परीक्षा पास की थी । मेरा लडका है वो एक ही समय खुशी और गर्व से उम्मीद थी । पर मुझे लगता है कि वक्त आ गया है । मैं उसे रोक के बारे में बता देंगे क्योंकि अभी क्यों उसका ऑपरेशन में केवल अठारह दिन बचे हैं और अब जानते हैं इसका क्या मतलब है । पता नहीं तुम के अच्छा होने की उम्मीद करते हो हूँ । पास्ता भविष्य के बारे में बेहद आश्वस्त है । बच्चा होने के बाद हमारे जीवन के बारे में बताती है । एक नया घर खरीदना, मार, बच्चे को स्कूल भेजना और और बहुत सारी बातें । मैं नहीं चाहता की उसके सपने बिखर जाएगा । कोई सभी चीजों को देखने के लिए जीवित नहीं रहेगी । मुझे नहीं पता पापा कैसे प्रतिक्रिया करेगी । विजय आस्था एक परिपक् को लडकी है तो समझ चाहेंगी पापा अगर अचानक उसे पता चल जाए कि अगले कुछ दिनों में जिंदा नहीं रहेगी और उसके सारी सपने पूरे नहीं होने जा रहे हैं । उससे परिपक्व होने की उम्मीद करना छह बचपना होगा । मैंने पहली बार अपने पिता से इस तरह बात की थी । तब मैं झूठ बोल कर बनना गया । मैंने होते हुए कहा, आपने ऐसा व्यक्ति बन गया था जो अक्सर होता था । अब हर दिन जब मैं उसकी प्रेरणादायक आंखे देखता हूँ तो मुझे लगता है कि वो अपने बच्चे को बडा होता देखना चाहती है । विजय तो तुम इतना सब इतनी बहादुरी से लडे हो । तुम कमजोर नहीं पढ सकते हैं । आपने उसे सच कैसे बताऊँ? ऍम मेरे लिए कर सकते हैं । दुनिया में कोई ऐसा नहीं है तो उसे समझ सकता है निश्चित मौत को स्वीकार करना और उसके साथ शांत रहना । ऐसा कुछ है तो सबसे प्रबुद्ध संत नहीं कर सकते हैं । मुझे ये नहीं समझ आता कि वह क्या कह रहे थे । मुझे समझने की कोशिश कर रहा हूँ तो मैं उसे कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है । मैं नूडल्स बनाने की स्थिति में नहीं था लेकिन हमें आगे जो कहा उसने मुझे हिलाकर रख दिया तो पहले से ही सब कुछ जानती है । क्या हो विश्वास नहीं कर सकता है । वो जानती थी कि वह मर रही थी, लेकिन वह इतने लंबे समय से अभी भी खेल रही थी । मेरे साथ कुछ होती है कि वह भी पीडित है तो तो अपने से बताया, उसी कलर मत समझो मेरी बेटी इस बारे में उसे कब से पता है? पिछले पांच महीने से अपनी फॅमिली इसके बारे में मुझे क्यों नहीं बताया? मैंने फिर पिताजी से जवाब मांगा । विजय आसानी खुद ये समझ लिया था और पुष्टि करने के लिए मुझे कॉल की थी । एक गर्भवती वहाँ जो एचआईवी पॉजिटिव है, उसे सभी देखभाल की जरूरत होती है । तो हर समय उपलब्ध नहीं रह सकते हो सौ पिछले कुछ महीनों से मैं इस धारणा में जी रहा था कि मैं उससे सत्य को छुपा रहा था, लेकिन वैसी थी कि ये गुडिया की तरह मुस्कुरा रही थी । अच्छा सबको समझना नहीं लगा । अस्थाना अलग तरीके से व्यवहार क्यों शुरू किया और क्यों उसने सवाल नहीं पूछे । कैसे मेरी अहमदाबादी पत्नी ने सब कुछ पीछे छोड दिया और एक सब की तरह बातें करना शुरू कर दिया । लेकिन हाँ तो मुझे इस बारे में बता सकते थे । मैं वेदना से कहा, उसकी छाती बैठा हूँ । पापा ने मुझे उपचार की पहली किस्त जमा करने के लिए दस लाख रुपए का चेक दिया । अपराधबोध से ग्रस्त था जब अस्पताल की तरफ बडा तुम कहाँ थी तेजी के लिए खेद है । मैं वापस से मिलने गया था । सरगम कब गई तो सभी गई और तुम ऐसा क्यों किया? तुम बर्खास्त किए जा सकते हो? मैंने उस की टिप्पणी को नजरअंदाज कर दिया है । ठीक हूँ, बच्चे के बारे में सोच रहा हूँ । बच्चे के जन्म के बाद हम हम मेरी माता पिता की पाँच बॉर्डर चले जाएंगे । फॅमिली से परहेज किया । उसका सामना करना बेहद मुश्किल था । तुम जानते हो मैं भी वही बात सोच रही थी । उस लोगों की उपस्थिति एक बच्चे को पालने में मदद कर दी हैं । एक तरफ तो भरे पिता ब्रांड से संबंधित अपनी कहानियां सुनाएंगी और दूसरी तरफ तुम्हारी पत्रकार, माँ, हस्तियों की कहानियों को स्पेन करेंगे तो उसे अंग्रेजी पढा होगी क्योंकि तुमने कॉलेज में कुछ भी नहीं पढाया था । कम से कम बच्चे को अपने कौशल से मान सकते हो तो ऐसी स्थिति में कैसे मिस कर सकती है । उसके शब्दों ने आंसुओं के बाल तोड दिए जिससे मैं कितने मिनट रुकी हुई था । ऍम देखिए तुम क्यों तो पानी अभी सब कुछ बता दूँ । उसको सही अनुमान लगाया है तो बाकी ही उत्कृष्ट अभिनेता हूँ । फॅार लेती हूँ किसी मैंने कहा उससे गले से लगा लिया और एक बच्चे की तरह रोना शुरू कर दिया । पहले बहुत बताया तो उनको संक्रमित हुई हूँ तो मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती । मैं उसे गले लगाना चाहता था । पिछले पांच महीनों से रोना चाहता था । हमारी आंखों में आंसू के बावजूद मुझे राहत मिली । यहाँ तक कि उस स्थिति में उसने जवाब दिया हमेशा अपने आप को खुश दिखाने का प्रयास करें तो एक दिन ये आपका वित्त तो बन जाता है ।

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Sound Engineer

Voice Artist

“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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