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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -26 in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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छब्बी आस्था की हालत बिगड गई थी । उसे अक्सर उल्टी हो रही थी और लगभग हर काम करने के लिए सहायता की जरूरत होती थी । उसके पैर ओवर पीठ में पीडा होती थी और उसका वजन उस तरह से नहीं बढ रहा था जैसी की उम्मीद थी की आश्चर्यजनक नहीं था । लेकिन स्वीकार करना बेहद मुश्किल था । आज उसका जन्मदिन था और कॉलेज का सालाना जलसा । मैं उसे शुभकामना देने वाला पहला व्यक्ति था । शायद उसके आखिरी जनधन पर सरगम वहाँ मौजूद थी और आस्था खुश थी कि उसके पास कोई आया था । इसके साथ को बात कर सकती थी और खुशी के कुछ को साझा कर सकती थी । सरगम की मौजूदगी ने बॉन्ड का माहौल बदल दिया था । सरगम ने मुझे अपनी आस्था वापस दे दी थी । बहुत दिनों के बाद पहुँच रही थी । हाँ पर आए हम बातचीत के लिए बाहर है । इस बार सरगम भी साथ आई । चुनावी जाए बच्चा हमारी प्रत्याशा का मुकाबले थोडा तेज विकसित हो रहा है । हमें प्रशस्ति से पहले आस्था का ऑपरेशन करना पड सकता है तो एक सामान्य डिलीवरी एक विकल्प नहीं होगा । डॉक्टर रचना के साथ इस मामले पर चर्चा कर सकते हो । लेकिन मुझे लगता है कि शायद एक सिजीरियन बच्चा होगा । सामान्य प्रसव के लिए आस्था में पर्याप्त ताकत नहीं है । मैंने जवाब नहीं दिया । मेरी आंखें कह रही थी । सरगम ने कुछ सवाल पूछे । वही प्रश्न थे जिन्हें मैंने पहले कई बार पूछा था । डॉक्टर ने कहा विजय अपना ख्याल रखो और बहादुर बनाओ । जैसे ही डॉक्टर गए सरगम और मैंने आस्था के जन्मदिन के सरप्राइज के लिए कुछ चीजों की योजना बनाई । हमने कमरे में प्रवेश किया हूँ । बैठो और बात करुँ । मुझे समारोह के लिए कॉलेज जाना है । क्या तुम वाकई कौन जा रही हूँ? आस्था ने पूछा क्योंकि हमारे प्राचार्य ने आपको तैयारी के लिए बुलाया । हम कभी नहीं गयी और हम सीधे समारोह में जा रही हूँ । प्राचार्य तो में मार डालेगा । किसे परवाह है मैंने आप विश्वास से कहा ये श्री राम कॉलेज ऑफ ऍम इसके लिए उत्सव का दिन था । इस दिन के लिए समूचे कॉलेज ने पूरे साल काम किया था । लगभग पांच हजार छात्र अपनी प्रतिभा दिखाने की प्रतीक्षा कर रहे थे । लडकियां अपना दुर्लभ फैशन कौशल प्रदर्शित कर रही थी और जैसा की होता है लडके! गर्म लडकियों की लाल समय थे लेकिन हम शिक्षकों को सरकार की तरह व्यवहार करना पडता है । सब कुछ हमारे सामने होता है लेकिन हम केवल तब कार्रवाई कर सकते हैं जब ये आधिकारिक होता है । आमतौर पर छोटे कार्यक्रम हमारे सभागार में होते थे लेकिन क्योंकि ये वार्षिक जलसा था इसलिए बहुत से मेहमानों को बाहर से आमंत्रित किया गया था । अनेक अचार, पेशेवर, वरिष्ठ, कॉर्पोरेट दिग्गज, कुछ पूर्व छात्र और कॉलेज के साथ जुडे प्रत्येक व्यक्ति को आमंत्रित किया गया था । मानते हुए की काफी भीड होगी । सभागार के लिए पांच हजार मेहमानों को समायोजित करना संभव नहीं था । इस अवसर के लिए बडा पांडाल लगाया गया था । कई प्रायोजकों की व्यवस्था की गई और मीडिया के लोगों को आमंत्रित किया गया था । कैंपस चैनल पर लाइव प्रसारण निर्धारित किया गया था । दस पार्क पत्रिका पिछले कुछ महीनों से केवल समारोह के बारे में प्रकाशित कर रही थी । मैंने होने किसी ये मेरा दुर्भाग्य था कि प्राचार्य ने मुझे देख लिया । उन्होंने मुझे फोन पर बुलाने के लिए अपना हाथ हिला गुड आफ्टरनून सर । मैंने उनके पास पहुंचते हुए कहा, गुड आफ्टरनून, मेरे प्रिय मुख्य अतिथि तो ऐसी व्यवस्था आशा है । आप इसका हर मजा ले रहे हैं । उन्हें मजाक उडाया ये अच्छा है । बस तो में आपके इन शब्दों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । तब मुझे खेद है कि मैं आपकी सहायता नहीं कर सकता है । मेरी पत्नी वास्तव में अस्वस्थ है वो मुझे पता है हम एक बच्चे की उम्मीद कर रहे हो । मैंने जवाब नहीं दिया । मैं चाहता था कि वो अपनी सारी निराशाओं गलते । अपने कॉलेज में तो एक संकाय के रूप में नियुक्त करना ही सबसे बडी गलती थी । जमा करे हो जाओ अपने शीट पर जाने से पहले उन्होंने कहा, उद्घाटन समारोह के बाद अन्ततः पहली प्रतियोगिता से कार्यक्रम शुरू हुआ । कुछ कैमरे विभिन्न कोणों से कार्यक्रम को शूट कर रहे थे । मैं अपनी यंत्रणा में बैठा सोच रहा था कि मेरे पिता कॉलेज में ज्वाइनिंग को लेकर कितने खुश थे । मैंने कभी ये नहीं बताया कि मैं सिर्फ एक सहायक प्रोफेसर था । इसमें शायद ही कभी छात्रों को पढाया था । जबकि दुल्हन ढूंढने के दौरान मेरे परिवार में मुझे वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में पेश किया था । पिछले कुछ घंटों से मैं सोच रहा था एक व्यक्ति के लिए कितना मुश्किल है तो वहां मौजूद है और पांच हजार की भीड का सामना कर रहा है । आधे घंटे के लिए लंच ब्रेक की घोषणा की गई । शेष कार्यक्रम ढाई बजे फिर से शुरू होना था । मैंने पन्ना खोला जिसमें आस्था ने अपनी अजीब इच्छाओं को लिखा था । लिखा था मरने से पहले साठ असंभव इच्छाएं ढाई बजे के आस पास प्राचार्य मुख्य अतिथि के साथ वापस आ गए थे । प्रदर्शन पहले से ही बैठ चुके थे लेकिन कैमरा बंद था जो शुरू होने वाला था । मैंने सरगम को एक संदेश भेजा और फिर मैं उस लडकी के पास गया जो कार्यक्रम का संचालन कर रही थी । सुनो डियर! मुझे घोषणा करनी है घोषण अगर आप कोई घोषणा नहीं कर सकते हैं, मैं चालू होने वाला है और प्रसारण शुरू कर देगा । हमारे मुख्य अतिथि यहाँ मौजूद है । एक महत्वपूर्ण घोषणा है । मेरे पास प्राचार्य की अनुमति है क्योंकि मेरा नाम अभी भी कुछ पेपर्स में प्रभारी के रूप में दर्ज था इसलिए उसने विरोध नहीं किया । उसने कैमरे वाले व्यक्ति को थोडी देर के लिए रिकॉर्डिंग बंद करने के लिए संकेत दिया । मैं सीधे बाइक पर गया और अपने जीवन में पहली बार पांच हजार लोगों का सामना किया । एक आंख चमक रही थी । स्पष्ट रूप से कार्यक्रम में देरी से झल्लाई हुई लग रहा था कि प्राचार्य मुझे अगले कुछ सेकंड में खा जाएंगे । मैं प्रभावित था । मुझे पता था कि मुझे क्या कहना है । व्यक्ति जो पांच पैनलिस्टों के सामने हकला गया था तो पांच हजार की भीड कर सामना कर रहा था । प्रिय मित्रों गोडे किसी ने भी जवाब नहीं दिया । ऍम मैं यहाँ अंग्रेजी के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा हूँ । आप जैसे ज्यादातर मुझे जानते हैं । मैं बोल पाने में कठिनाई महसूस कर रहा था । मुझे सपोर्ट कपकपी हो रही थी । मुख्य अतिथि की उपस्थिति ने प्राचार्य को अच्छी तरह से व्यवहार करने के लिए मजबूर कर दिया । लेकिन ऐसा लगता था कि वो आप बबूला होकर फट नहीं वाले थे । अपनी चीज चलते हुए और कैमरे को बंद करने का निर्देश दिया हूँ । मैं समारोह के लिए यहाँ नहीं आया हूँ । मैं यहाँ एक पति के रूप में आया हूँ । भीड में हल्की सी मशीन होगी । मेरी शादी ग्यारह महीने पहले हुई थी और आज मेरी पत्नी अस्पताल में भर्ती है । वो गर्भवती है और अगर भगवान हमें आशीर्वाद देता है तो हमारे पास स्वस्थ बच्चा हो सकता है । लेकिन लेकिन मुझे नहीं पता कि वो उस दिन को देखने के लिए जीवित रहेगी या नहीं । मेरे गले में गांठ थी । दर्शक पूरी तरह एकजुट हो गए । मुझे पता था कि अब उनका ध्यान दे दी और आकर्षित हो चुका था । वो एक घातक बीमारी से पीडित है है और डॉक्टरों ने पुष्टि की है । कीमृत्यु बहुत दूर नहीं है । अगले साल है जब आप सभी ये वार्षिक समारोह मना रहे होंगे । आस्था यानी मेरी पत्नी की देखने के लिए जीवित नहीं रहेगी, भले अपना रोमांच निकाल लिया और अपनी आंखों बाॅस अच्छा गया । अब सभी को इन सब में खींचने के लिए खेद है लेकिन आज मैं उसका अट्ठाईसवां जन्मदिन बना रहा हूँ । पिछले कुछ हफ्तों से अस्पताल में भर्ती है और उसका डॉक्टरों के अनुसार उसके पास जीने के लिए बहुत सीमित दिन बचे हैं । मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ । मेरी पत्नी की हमेशा एक भव्य जन्मदिन की पार्टी की इच्छा थी । मैंने उससे पूछा था एक भव्य जान जान का क्या था? उसके अनुसार हजारों लोग उसे उसके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हैं और उसके लिए गीत गाते हूँ । पहले प्रचार पर नजर डाली अपनी चुभती हुई आंखों समझे खूब रहे थे और कैमरे वाले लडके को पकडे हुए थे । मैं एक हरी व्यक्ति हूँ और इतने सारे लोगों के लिए पार्टी की मेजबानी करने की स्थिति में नहीं हूँ । इतिहास उसे जन्मदिन की मुबारकबाद दे सकते हैं तो मैं आभारी रहूंगा । मुझे यकीन है कि वह दूर से से देख रही होगी । फॅमिली मैं यहाँ खडा हो रहे और इस मंच का उपयोग करने का अवसर देने के लिए अपने प्राचार्य का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ । तब भी नहीं मिले दोस्तों क्या उसकी भवजल दिन की इच्छा पूरी करने में मेरी मदद कर सकते हैं? मेरी आंखियां तकलीफ हो चुकी थी भी मैं एक महिला खडी हुई और ताली बजाने लगी विश्व वैरी हथियारबद्ध आस्था कुछ लडकियों ने भी दोहराया और कुछ सेकंड के बाद पांच हजार आवाजें लाइने जनधन गीत गाने लगा प्राचार्य को देखा । उन्हें समझ नहीं आया कि वह क्या करेंगे । कैमरा वाले व्यक्ति ने के अंदर चालू कर दिया और खडे प्रथा जन्मदिन का गीत गाते हुए सभी लोगों का लाइव वीडियो रिकॉर्ड किया ऍम यू पी बहुत दे दिया । राजस्था ऍम यूपी में यूपी ॅ टू यू और इस से कुछ किलोमीटर दूर अस्पताल के वार्ड में सरगम और आस्था नहीं ये लाइन देखा । कार्यक्रम के बाद मैक्सन कि व्यक्ति की तरह और हूँ अच्छा । मेरे स्कूल किसान में थे तो है

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Voice Artist

“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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