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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -20 in Hindi

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489 Listens
AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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बीस अगले दिन में एक और समस्या के साथ डॉक्टर राजा से मिलने गया और अब सिर्फ डॉक्टर नहीं थे । वो मेरे परामर्शदाता थे और का एक भी । उन्होंने कहा, मुझे तो मैं एक नर्स के रूप में काम कर सकते हो । मैं एक नर्स के रूप में कैसे काम कर सकता हूँ? ऐसा विचार तो मेरे मन में कभी आया नहीं । बहुत सरल है । अंदर से क्या उम्मीद कर रहे हैं? कुछ देखभाल और सहयोग के साथ उसे दो बार ऍम, उसके रक्तचाप की निगरानी करना और हर दूसरे दिन उसका ब्राॅन लेना, देखभाल और प्यार तो परिवार का एक सदस्य कर सकता है । उसकी तुलना किसी भी भाडे की नर्स के साथ नहीं की जा सकती है । का इतना आसान हैं । हम पैथोलॉजी विभाग में जाऊं । वहाँ प्रयोगशाला अधीक्षक श्री रविकांत गौतम मिलेंगे । बताना कि मैंने तो मैं भेजा है तो हमारा मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे इंजन करें और बीपी मॉनिटर करें तो मुझे अधिकतर एक या दो दिन में सीख लोगे, आपकी चुकी हूँ लेकिन उसे निरंतर निगरानी की आवश्यकता है । तो किस तरह के साथ अपना काम संभालने जा रहे हो? आप विश्वास प्रदर्शित करना मेरे लिए तो था लेकिन मैं जानता था कि मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था । हम दोनों समझ गए थे कि बच्चे को हरसंभव देखभाल की जरूरत होगी और उसकी गर्भावस्था कोई आसान नहीं होगी । बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आस्था को खुद का ख्याल रखना था । उसे हर पांच दिनों में डॉक्टर रचना से मिलने की सलाह दी गई थी । कुछ परीक्षण नियमित आधार पर होने जरूरी थे । उसके सीढी चार की निगरानी हर दूसरे दिन की जानी चाहिए थी । आस्था ने उनके सभी निर्देशों को स्वीकार कर लिया था और उसकी हालत स्थिर हो गई । लेकिन के साथ गर्भवती महिला होना एक दुर्लभ और खतरनाक संयोजन है । मैंने आस्था को समझाया कि न थोडी महंगी थी इसलिए मैं उसका नया व्यवस्था तो मुस्कराई । मैं चाहता था कि वो अपने पूरे जीवन में मुस्कराती रहे । आस्था ने कभी भी कोई सवाल नहीं पूछा । उसने एक और नौकरी के लिए कोशिश नहीं की । वो लडकी जो शराब पीना और मांसाहारी खाना पसंद करती थी, पूरी तरह बदल गई थी । वो हर दिन सादा भोजन के बिना बनाई ठीक थी । पहले वो खिलखिलाने की आदि थी । अब मुझे करती थी । मेरी पत्नी में बदलाव आना शुरू हो गए थे । वो कमजोर हो गई थी और अक्सर नींद महसूस करती थी जिसकी गर्भावस्था का छठा महीना था । एक नर्स के रूप में मेरे नए काम ने मेरा अधिकांश समय ले लिया । मेरे पास नौकरी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कम समय था और मुझे प्राचार्य से बात करने की जरूरत थी । क्या प्राचारी हैं मैं उनसे कुछ मिनिस्ट्री मिलना चाहता हूँ । मैंने प्रचार के सेकेट्री से पूछा प्रतीक्षा करें मैं पता कर लेता हूँ । एक सचिव हमेशा जानता है कि बॉस कहाँ है । वो शायद जानना चाहती थी कि वो मुझसे मिलना चाहते थे या नहीं । थोडी देर बाद मैंने प्राचार्य के कक्ष में प्रवेश किया । आपका स्वागत है मिस्टर विजय । आपको देखकर खुशी हुई । प्रचार्य ने क्या चुना करे सर, मैं वास्तव में फसा हुआ हूँ और मेरी पत्नी स्वस्थ है । लेकिन मैंने एडमिनिस्टर्ड को सूचित किया था । आपकी पत्नी को क्या हुआ? उन्होंने चिंता जताने की जगह औपचारिकता जताते हुए रूखाई से पूछा वो कर प्रति हैं? मैंने केवल इतना ही बताया था वो ये बहुत बडी समस्या है । उन्होंने फिर क्या सर? वो गणपति है । उसके लीवर में संक्रमण है जो घातक हो सकता है । अगर उसकी अच्छी तरह से देखभाल नहीं की जाती तो मैं हो सकता हूँ वो पे शुभकामनाएं के साथ है । तो क्या वो अब ठीक है । उन्होंने बिना कोई दिलचस्पी दिखाई हो नहीं, वो ठीक नहीं है । इसी बारे में मैं आप से बात करना चाहता था । मुझे आपके अनुग्रह की जरूरत है । उन्होंने सिर हिलाया और मैंने उनसे कहा सर, उसे घर पर हर समय देखभाल और निगरानी की जरूरत होती है क्योंकि वो बेहद कमजोर हो गई है । सहायता के लिए कोई भी नहीं है इसीलिए मैं कॉलेज में केवल सीमित समय दे पाऊंगा । उन्होंने मुझे बताया और सीधे पूछा, आप की अधिकतम उपलब्धता क्या होगी? मैं दिन में केवल तीन घंटे के लिए उपलब्ध रहूंगा और पंद्रह दिनों में एक दिन मुझे छुट्टी की आवश्यकता होगी । मुझे उसे हर पंद्रह दिनों में पूरी जांच के लिए अस्पताल ले जाना है । उन्होंने कुछ सेकंड के लिए सोचा । मुझे इस मामले में हम आपको केवल आधा वेतन दे सकते हैं क्योंकि आप केवल आधा दिन आ रहे हैं । धन्यवाद नाम उसका आया । कुछ ज्यादा उम्मीद भी नहीं थी और पैसा मेरे दिमाग में आखिरी बात थी । केवल आस्था और मेरा बच्चा मेरे लिए प्राथमिकताएं थी । विजय तुम शायद ही कभी कुछ पढाते हो । मुझे नहीं पता कि मैं कैसे इस बार उपयोग करने जा रहा हूँ । तो आठ नवंबर को हमारे कॉलेज का ऍम है । मैं चाहता हूँ कि आप तैयारी का प्रभार लें । इस बारिश का लाइव प्रसारण होगा और यदि सब कुछ ठीक रहा तो हमारे मुख्य अतिथि के रूप में मानव संसाधन विकास मंत्री होंगे । सर, मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा । आठ नवंबर आस्था का चन्दन था । जिम्मेदारी को नकारना चाहता था, लेकिन चुप रहा । मैं अपनी पत्नी की देखभाल करने में व्यस्त था । मैंने शनिवार को घर जाने का अपना कार्यक्रम टाल दिया । पापा और मां मुझे अलग अलग समय पर रोजाना कॉल करते थे । उनके लिए साथ बैठना और बातें करना दुर्लभ था । पिताजी आस्था को देखने के लिए दो बार घर आए । बाहर जाने में मेरी व्यवस्था और मेरे घर में प्रवेश करने के लिए मेरी मांग के अहंकार ने हमें लंबे समय तक दूर रखा था । मुझे यकीन था अगर माँ को आस्था के संक्रमण के बारे में पता चला तो उन्हें उससे नफरत करने का एक और कारण मिलेगा । आस्था और मैं हर राहत, अपने अतीत और अपने भविष्य के बारे में बातें करते । अब भविष्य के बारे में बातें करना मुझे अजीब लगता था तो हम अपनी काल्पनिक दुनिया में खुश थे । कभी कभी वास्तविकता उदास करती हैं । सितंबर के दूसरे सप्ताह में पापा हमारे घर आए और मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं । मुझे बधाई देने के लिए शाम को मालवीय नगर पहुंची । हमारा एक सनकी परिवार है । उन दोनों के एक ही स्थान से आना था लेकिन वो अलग अलग आए थे । महाराष्ट्र से नफरत करती है । आज सामान से प्यार करती है । मैं उन दोनों से प्यार करता हूँ । मुझे लगता है भारतीय परिवारों में आम है । मैंने मुझे पिज्जा हट पर घर से आधा किलोमीटर दूर बढाया । जिस दिन मैंने उन्हें देखा मैं उनसे गले लगकर होना चाहता था और मैंने खुद को रोक लिया क्योंकि उन्हें लगता है की कुछ गडबड है । पनामा मैंने उनके पैरों को छुआ । आप की बहुत याद आती है । अपने आंसू गिरने से रोकना वास्तव में बेहद मुश्किल था । उनकी उपस्थिति मुझे कमजोर कर रही थी । कैसे हो विजय मैंने कुछ नहीं कहा । उन्होंने छोटे बच्चे की तरह गले लगा लिया । मेरी छठी की मैं कभी बडा नहीं हुआ था । उनकी बाहों में से पढना चाहता था और वहाँ दम तोडना चाहता था । आखिरकार पांच टूट गया और आंसू मेरी आंखों से बहने लगे । मेरी मान इस पर गौर किया की पहली बार नहीं था जब उनके सामने रोया था । मुझे ठीक हो धाम आॅखो ठीक हूँ । आप की बहुत याद आई आप मुझे यहाँ के बुलाया अब घर आ सकती थी तो अंतर रहा । तुम झूठ बोलना सीख गए । क्या सर ठीक है? क्या आप उसके बारे में चिंतित हैं? नहीं, अपने पोते के बारे में चिंतित हो । क्या वो अभी भी तुम पर हावी है या तुमने अपने मस्तिष्क का उपयोग करना शुरू कर दिया है । मान उसकी आलोचना करना बंद करो हो अभी भी वही जोरू का गुलाम पति भगवान का शुक्र है । मैंने तुमसे बाहर मिलने का फैसला लिया । अच्छा तुमने मुझे चाय भी नहीं पूछे होती वहाँ फ्रीज को केवल आस्था का अगर नहीं है तो मेरा भी है । आस्था ने अपना काम के छोडा है । आपको गर्भवती है जानती हैं और सब कुछ ठीक है तो तुम नियमित रूप से कॉलेज क्यों नहीं जा रही हूँ? तुम्हारे प्राचार्य ने मुझे कॉल की थी, मास्टर चाहिए है क्या सब बीमार है । उसकी गर्भावस्था सामान्य नहीं है । बहुत सावधानी बरती है । वो पूरी तरह बैड रस पर है । हर छोटी चीज सब्जियों से लेकर दवाइयाँ खरीदने तक का मुझे खयाल रखना है । इसके अतिरिक्त डॉक्टर के हाँ जाना ऍम हिलाया और विषय बदलने का फैसला किया । पूछ रहा हूँ आप मेरे लिए दक्षिण अफ्रीका से क्या नहीं हैं? ये तुम्हारे जन्मदिन का उपहार है । उन्होंने मुझे पैकेट देते हुए कहा, मैंने उसे खोल दिया और एक जोडी कलाई घडियां पाई । कलाई घडियों की एक जोडी आस्था के लिए मैंने शरारत से पूछा । उन्होंने मुझे घूमते हुए देखा और हम पिज्जा खाने लगे । उन्होंने मुझे मशहूर हस्तियों के साथ बातचीत करने और उनके बारे में मजेदार चीजों का अपना अनुभव साझा किया । मैंने उन्हें आस्था के बारे में कुछ मजेदार चीजें बताई और उन्होंने मुझे पापा के बारे में बताया । मैं तीन महीने बाद मुस्कराया था । जैसे कि मेरे जीवन में कोई चिंता नहीं थी । उपल मेरे मरुस्थल में एक मृगतृष्णा थी । मुझे हम इस दुनिया में मेरा एकमात्र प्यार हो । बच्चे के साथ सब कुछ ठीक है । मैं मानती हूँ अगर कुछ भी है या किसी मदद की जरूरत है तो प्लीज पीस मुझे बता हूँ । हम दोनों को खुश देखना चाहती हूँ । हूँ अच्छा में मैंने जानबूझ कर पूछा । मैंने उसे अपना एकमात्र बच्चा लेने के लिए छमा नहीं किया है । उन्होंने विलाप करते हुए गहरी हमारी और उनकी आखिर हम थी लेकिन मुझे पता है कि वे कठोर महिला भी । उन्होंने भावुक होकर कहा, ये बेहतर है कि तुम दूर रह रहे हो, खुशी से रह रहे हो बजाय इसके कि मेरे साथ रहते और हर दिन लडते । मुझे नहीं पता था की उसमें कहाँ से साहस आया लेकिन मैंने कहा लेकिन हाँ आप संभाल कर देंगे ।

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“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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