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आख़िरी ख़्वाहिश अध्याय -02 in Hindi

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3 K Listens
AuthorSaransh Broadways
“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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Transcript
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दो । मैंने जो सुना वह अप्रत्याशित था । ऐसा कुछ था जिसके बारे में मैंने केवल दूरदर्शन के विज्ञापनों में ही सुना था । क्या ऐसी खबर थी जो मेरा प्रारब्ध बदल सकती है? है? ये केवल एकमात्र संघर्ष नहीं था जिससे मुझे गुजरना था । मैं अपनी सारी जिंदगी होता ही तो रहा था । लोग आम तौर पर कहते हैं कि बदलाव ही केवल स्थिर है परन्तु मेरे लिए नहीं । मेरे जीवन में केवल स्थिरता की बात थी तो खोने की स्कूल में मेरा ट्रेन चालीस और पचास प्रतिशत के बीच लगातार स्तर रहता था । किसी भी तरह पचास प्रतिशत की दहलीज मेरे जीवन ने कभी भी बाहर नहीं की थी । मैंने पांच साल तक आईएएस पीसीएस की तैयारी की थी । आश्चर्यजनक रूप से मैंने पांच साल इन परीक्षाओं के लिए दिए । मेरे पिता को हमेशा उम्मीद रहती थी । उनका बेटा किसी दिन आईएएस अधिकारी बनेगा । मुझसे इस तरह की उम्मीद पालना उन की सनक थी । मैं अपने माता पिता की इकलौती संतान हूँ और ये मेरा नैतिक कर्तव्य है कि उनके सपने पूरे करूं । इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक होने के बाद मैंने मास्टर डिग्री में प्रवेश के लिए आवेदन किया था । उन दिनों में आईएएस परीक्षा की तैयारी भी कर रहा था । मुझे यकीन नहीं था कि क्या उसे तैयारी कहा जाना चाहिए । मुझे तब यकीन था कि मुझे आज भी यकीन है कि आईएस मेरी क्षमता से परे हैं । हालांकि मेरे पिताजी को मेरे पांच प्रयासों के बाद इस बात का एहसास हुआ तो भी मैच के लिए उन्हें क्यों? दोस्तो, क्योंकि ये गलती से हुआ था और मुझे अभी भी आश्चर्य है कि मैंने कैसे एक बार पीसीएस की प्रोब्लेम्स और मुख्य परीक्षा पास कर ली थी, जिसने मेरे पिताजी की उम्मीदों में दो अतिरिक्त वर्ष छोर दिए थे । मैंने कई सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया था और सफलतापूर्वक कुछ लेकिन परीक्षाओं को भी पास करने में कामयाब रहा था । मेरे जीवन का सबसे अधिक भयानक था । एक साक्षात्कार का सामना कर रहा था । पांच व्यक्तियों की आंखें एक व्यक्ति को घूरती हैं, जैसे कि वे किसी का पोस्टमार्टम करने वाले हो तो व्यक्ति के लिए वो खोलना बेहद कठिन हो जाता है । तीस वर्ष की उम्र में मुझे एहसास हुआ कि मैं किसी भी सरकारी नौकरी के लिए अब और पात्र नहीं रहा । बिछा करने के लिए मेरा अपना कोई सपना कभी नहीं था, लेकिन मेरे पिताजी के लिए एक सरकारी अधिकारी के रूप में मुझे देखने का उनका सपना अंत में मर गया । भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कुछ कोई हिम्मत नहीं थी । एक माँ अपने बच्चे की भावनाओं को कैसे महसूस नहीं कर सकती थी । उन्होंने ये घोषणा करते हुए मेरे उद्धारकर्ता की भूमिका अदा की । उनका बेटा किसी मूर्खतापूर्ण परीक्षा की तैयारी नहीं करेगा । बॅाल हमेशा उसके बेटे के लिए धडकता है, चाहे वो बेटा कितना भी निकम्मा क्यों ना हो । मेरी पत्रकार माने श्रीराम कॉलेज आॅफ कॉमर्स में मुझे एक सहायक प्रोफेसर की नौकरी पाने में मदद की । ये मेरे लिए वास्तव में शर्मनाक था की तीस साल की उम्र में भी मुझे अपनी माँ के संदर्भ का उपयोग करना पडा और वो भी एक कदर नौकरी के लिए लेकिन मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था । आम तौर पर माता पिता को सुकून मिल जाता है जब एक बार उनके बच्चे अपने व्यावसायिक जीवन में व्यवस्थित हो जाते हैं । लेकिन मेरे माता पिता मेरी नियुक्ति के बाद और अधिक जन थे । अगला सवाल जो था होने से हर हुई से शादी करेगा । मुझे स्पष्ट रूप से वो दिन याद है जब पापा ने मुझसे पूछा था कि किस तरह की लडकी तुम्हें पसंद है । वास्तव में कठिन प्रश्न था । मैंने अपना दिमाग लगाया और अंत में निर्णय लेना उन्ही पर छोड दिया । अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फैसला मैं कैसे ले सकता था जब अन्य सभी फैसले उनके द्वारा लिए गए थे । मुझे तो ये भी आश्चर्य है कि उन्होंने मुझसे पूछा ही क्यों था? मुझे जल्दी उत्तर मिल गया क्या? मेरी माँ ने मच्छर पूछा क्या मेरी कोई गर्लफ्रेंड थी? मैं शायद ही कभी हस्ता था और वह उन दुर्लभ झडों में से एक था । मेरी बात भी मेरी हंसी में शामिल हो गई थी । हालांकि हमारे कारण काफी अलग थे, पहुँच रही थी । अपने सवाल पर कौन मेरे जैसे व्यक्ति के साथ प्यार करना चाहेगा? मैंने सोचा देखने में अच्छा लगता हूँ लेकिन वो भी मेरी माँ के अनुसार । सच्चा ये है कि मैं उबाऊ व्यक्ति हो । कभी कभी कुछ लोग बोलने के लिए अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और मुझे शर्मिला बना देते हैं । मेरे माता पिता हर बात पर हमेशा विपरीत दिशाओं में सोचते थे लेकिन दो कारणों से उनकी एक सोच हो जाती थी । एक दोनों मुझे प्यार करते हैं और दो दोनों चाहते थे कि मैं व्यवस्थित हो जाओ और एक अच्छी लडकी से मेरी शादी हो जाए । मैं उनकी उम्मीदों के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराऊंगा । अंतर रहा हर माता पिता को एक सुंदर बहु का सपना देखने का अधिकार है । ऑनलाइन जोडियां बनाने वाले मंचों पर फैन्सी विवरण के साथ एक असाधारण प्रोफाइल बनाया गया था । पांच फीट आठ इंच ऊंचाई, साफ रन, स्मार्ट उम्र उनतीस बारें श्री राम कॉलेज में पूर्णकालिक प्रोफेसर भ्रमण लडका पिता, पुलिस विभाग में कार्यरत माइक, प्रसिद्ध अखबार की वरिष्ठ संपादक खुद का घर इत्यादि । मुझे उपयुक्त विवरणों में से अधिकतर से नफरत हुई क्योंकि मुझे इन सबकी सच्चाई पता थी । लेकिन आखिरी पंक्ति पसंद आई । बोल रही थी कोई जहीर नहीं । शादी डॉट कॉम पर इस विज्ञापन को पढने के बाद मैंने अपनी माँ से प्रतिवाद क्या माँ की विज्ञापन झूठ बोल रहा है क्या झूठ है? उन्होंने पूछा सबकुछ मेरी ऊंचाई पांच फीट सात इंच है । मेरी उम्र तीस साल है । मैं सिर्फ एक सहायक प्रोफेसर हूँ और किसके घर को आप अपना घर के रूप में बता रही हैं? मुझे क्या ये तुम्हारा घर भी नहीं । इससे पता चलता है कि मैं अलग घर का मालिक हो तो इन सब चीजों के बारे में चिंता मत हो । ये सब मुझ पर छोड दो । ये था मेरे माता पिता का जव्हार जब भी चीजें जटिल होती थी, घोषित करते थे । मैं उन पर सबको छोड दो । आपने बताया कि मेरा रंग साफ है, मेरी तस्वीर अन्यथा साबित करेगी । झूठ नहीं है । उन्होंने गंभीर स्वर में विरोध किया । उनकी ऊंची आवाज में मुझे चुप कर दिया । एक साल बीत गया लेकिन विभाग वाली साइड पर मेरी उम्र उन्होंने वर्षी रही । जैसे कि मेरी माँ कसम खाई थी कि मेरी शादी होने के बाद ही मेरी उम्र को तीस वर्ष तक पहुंचने देंगे । मैं लगभग एक दर्जन लडकियों से मिला । कुछ मुझे थोडी दिलचस्पी दिखाई लेकिन बाद में प्रस्ताव से इंकार कर दिया । कुछ मुझे पास के मॉल में मिलने के लिए बोलती थी । कुछ फोन पर मुझे बात करती थी और हम भी कुछ एक के घर गए । लेकिन उनमें से हर एक ने अंत में इंकार कर दिया था जिनसे मैं व्यक्तिगत रूप से मिला । उन्हें मैंने बता दिया कि मैं एक अमीर व्यक्ति नहीं था और मैं सिर्फ एक सदर सहायक प्रोफेसर था । प्रोफेसर इससे उन्हें अपना निर्णय लेने में मदद मिलेगी लेकिन बाद मेरे परिवार की मदद नहीं कर रही थी । हर लडकी की खुद की पसंद थी । कुछ मेरे माता पिता के साथ नहीं रहना चाहती थी । जबकि कुछ एक सरकारी अधिकारी की तलाश में नहीं । लेकिन इस सब मुझे अस्वीकार करने के लिए वास्तविक कारण नहीं थे । मुझे कारण पता था लेकिन मेरे माता पिता इंकार करते रहे जब तक कि वे सोनाली से नहीं मिले । सोनाली गुडगांव में टीसीएस में एक जावा डेवलपर के रूप में कम कर दी थी । उसकी प्रोफाइल तस्वीर से ही उसकी सुंदरता और आप विश्वास के बारे में पता चल रहा था । वो महत्वाकांक्षी थी और शादी के बाद ही नौकरी जारी रखना चाहती थी । उसके शौक में टीवी पर रियलिटी शो देखना तथा उन लोगों के साथ खेलना शामिल था । इतना की तो शादी के बाद एक बिल्ली पालना चाहती थी । वो तब तक इस बात से अनजान थी कि अगर वह मुझ से शादी करेगी तो उसे दो फिल्में मिलेंगे । एक अच्छे रविवार को हम उसे मिलने के लिए उसके घर गए । हमेशा की तरह कुछ उबाऊ और प्रासंगिक विषय पर चर्चा हुई । उसके माता पिता नहीं, बहुत चतुर होने के कारण मुझे दो बार कुरेदा था ताकि मैं कुछ बोलू लेकिन मैंने केवल उतना ही से रहना है जितना उन्होंने पूछा । आधे घंटे की सामान्य बातचीत के बाद सोनाली और मुझे कुछ देर के लिए अकेला छोड दिया गया । मेरी असली जद्दोजहद तब शुरू हुई इस खूबसूरत लडकी कातिल देखती है जब मेक अप कर लेती है । वो रानी की तरह दिख रही थी और मैं एक गरीब व्यक्ति की तरह मैं अवाक रह गया । उसकी सुंदरता की वजह से नहीं बल्कि अलग थलग महसूस करने की वजह से । लगभग पांच मिनट तक मुस्कराने के बाद सोनाली ने पूछा विजय उससे कोई प्रश्न नहीं, मैंने हिचकिचाते हुए कर दिया लेकिन आपको कुछ पूछना है तो बेशक पूछे और अगले ही क्षण उसने टेपरिकॉर्डर की तरह बात करना शुरू कर दिया । मुझे ऐसा हुआ कि मैंने बहुत बडी गलती कर दी थी । भविष्य के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं? आपने कहाँ पढाई की? क्या किराये परफेक्ट रहते हैं तो आपका काम कैसा है? आप अपने पिता के करीब हैं । ये अपनी माँ के क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? क्या आपको कोई मनोवैज्ञानिक समस्या है? आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है? आपका वेतन क्या है? क्या आप को कोई बुरी आदत है? मैंने कुछ सवालों का सीधा उत्तर दिया तो बहुत मुझे कुछ रह गया । मैं आभारी हूँ कि उसने मेरे को ब्रांड का आकार नहीं पूछा । क्या मेरी प्रोफाइल नहीं? देखिए । इन सभी के उत्तर का पहले से ही उल्लेख किया गया है । मैंने कहा कमरे में चिरपरिचत सन्नाटा था । उसने छात्र मुस्कान के साथ उत्तर दिया, मुझे लगता है कि हम एक अच्छे दोस्त हो सकते हैं । गैर इससे मुझे बिल्कुल आश्चर्य ही हुआ । लेकिन इसमें तो सोनालीका उत्तर भी छुपा हुआ था । उसी शाह सोनाली की माँ ने फोन किया और अपना खेद व्यक्त किया । विजय बहुत ही अच्छा लडका है लेकिन सोनाली को वास्तव में एक सरकारी कर्मचारी चाहिए । हमें वास्तव में बहुत खेद है कि सुनते ही नहीं । माँ का खून खौल उठा और फोन पर जोर से चिल्लाई एक घंटे बाद है । उसका प्रोफाइल वेब साइट पर साझा किया गया था । यदि आपकी बेटी की अलग ही मांगी थी तो हमें आमंत्रित ही नहीं किया जाना चाहिए था । मैं अपनी माँ के बहुत करीब बैठा हुआ था और आसानी से सुन सकता था । सोनाली की माँ के साथ उनकी बातचीत को आसानी से समझ सकता । मेरी माँ ने कहा, मेरे बेटे के पास सोने का दिल है । मैं शर्ट लगाती हूँ । आप अपनी बेटी के लिए इससे बेहतर कोई नहीं पा सकती हैं । मैंने खुद को आईने में देखा और आश्चर्य सोचने लगा कि क्या मेरी माँ वास्तव में मेरे बारे में बात कर रही थी । मेरी माँ के बाद उनका सोनाली खुद को देर तक नहीं हो पाई । हाई आंटी उसने फोन अपनी माँ से लिया और बडबडाने लगी । मेरी माँ खामोश रही लेकिन इससे सोनाली हतोत्साहित नहीं हुई । उसने आगे कहा, चलिए मुझे अपनी अस्वीकृति का वास्तविक कारण बता दीजिए । जहाँ तक बात है मैं पूरी तरह से एक शिक्षक या यहाँ तक की एक सहायक प्रोफेसर से विभाग करने को राजी हूँ । लेकिन आपका बेटा शायद ही को शब्द बोलता है । वो एक अंतर्मुखी और उबाऊ व्यक्ति है तो देखने में और सबसे नीचे है और उसमें आप विश्वास का अभाव है । यदि इन तथ्यों को बचाना आपके लिए मुश्किल है तो कृपया उसे नकारने के लिए मेरे पहले कारण पर विचार करें । आशा है कि अब आपके उत्तर मिल गए होंगे गुड बाय और आपके महान बेटे के भविष्य के लिए शुभकामनाएं की सभी की सांस । मैं कहता सोनाली ने फोन काट दिया । मेरी माँ शायद उस अपमान को सहन नहीं कर सकते । उन्होंने क्रोध से तमतमाते हुए कहा, उसकी उन काटने की हिम्मत कैसे हुई? फिर उसका नंबर डायल क्या? इस बार हालांकि मैंने उन्हें संभाला और विनम्रता से कहा, वहाँ बहुत हो गया । वास्तविकता से दूर भागना । अचानक छुपी हुई और मेरी माँ की आंखों से आंसू लडना लगे तो ऐसी महिला नहीं है । जो आसानी सहन मत हट जाती है वो अहंकारी है । तो मेरे पिताजी पर चलाई संजय इस सब के लिए तुम दोषी हो, वहाँ तब की थी । अब दो पुराने दुश्मन मेरे जीवन की शेष खुशी चौपट करने के लिए तैयार थे । मैंने क्या किया? पिताजी ने उत्तर दिया, तुमने हमेशा उस पर अपने सपनों को थोपा तो मैं कभी उसे उसकी इच्छाओं और सपनों के बारे में नहीं पूछा । इस सब ने उसका सारा आप विश्वास चूस लिया । मैं सोनाली जैसी बेवकूफ की बात बर्दाश्त नहीं कर सकती तो मेरे बेटे को अंतर्मुखी बता रही है । अरे मुझ पर ठीकरा फोडना बंद करो । मैं तो मैं याद दिलाना चाहता हूँ कि मैं पुलिस बल के लिए काम करता हूँ और अधिकतर समय बाहर रहता हूँ । तुमने अपने बेटे के साथ जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण क्षण बताये हैं । उनके बीच प्रेम विभाग के बावजूद मुझे उन दोनों के बीच अभी प्रेम का एक ठंडा भी नहीं दिख रहा था । शायद ही कभी एक दूसरे से बात करते थे और जब भी उन्होंने किया तो बातचीत तेज आवाज में एक झगडे से समाप्त होती थी । हमारे छोटे दो बीएचके अपार्टमेंट के लिए भगवान का शुक्र है जिसके कारण हम एक दूसरे का सामना करने को बाध्य थे । अन्यथा हम में से कोई भी एक दूसरे का चेहरा देखने के लिए तैयार नहीं था । मुझे प्लीज तैयार हो जाओ । हम दोपहर के भोजन के लिए बाहर जा रहे हैं । मेरी माँ ने मुझे एक खुशनुमा सुबह निर्देश दिया जब मैं शांति से सुस्त पडा हुआ था, मेरे कुशाग्र मस्तिष् करें । लंच के पीछे की मंशा को तुरंत भाग लिया । एक और लडकी को देखने का कार्यक्रम मेरे पुराने दोस्तों में शहीद की बेटी है और तुम्हारे बारे में सबको जानती है । मैं सोच रहा था कि इन सब चीजों में क्या क्या शामिल था । वो जानती है कि मैं एक नाउम्मीद इंसान है । मैं पूछना चाहता था जैसे यह मुखर्जी नगर की और बडे । मुझे नहीं मालूम कि मेरी माँ है, समाज में क्या बात है लेकिन वो हमेशा की तरह अपने निर्देश सुनने लगी । विजय फ्री समझो मेरे पुत्र मुझे पता है कि एक व्यक्ति के रूप में तुम बेहतरीन इंसान हो लेकिन हर लडकी एक आप विश्वास युक्त व्यक्ति से शादी करना चाहती है । ठीक है फॅालो बेटा अपने आप को व्यक्त करूँ । एकमुख व्यक्ति बस एक बंद बॉक्स की तरह है । लोग उसके भीतर छिपी सामग्री से अनजान होते हैं । जबकि एक मुखर व्यक्ति एक खुली किताब की तरह है । कितना भी कोई कोशिश करें ये सामग्री को नहीं बदल सकते हैं । वो एक और यहाँ तक कि लाखों लोगों द्वारा पडा जा सकता है । किताब की तरह बना हूँ । मेरी एक नई परिभाषा नहीं । एक बंद बॉक्स बॅाल आया और कोई बात नहीं कि कि मैं कितना कहना चाहता था । मैं समझ गया मैंने मौन रखा लेकिन माँ ने मेरी भावनाएं समझ ले । ये कोई पहली बार नहीं था जब मैं माँ का प्रेरणात्मक भाषण सुन रहा था और मुझे अच्छी तरह से मालूम था कि इस से बचने का तरीका मौन था । हम पूर्व निर्धारित स्थान पर पहुंचे और मेरे माता पिता का स्वागत किया गया । मैं सोफे के कोने में बैठा और कमरे को जिज्ञासु ढंग से परख । मेरी माँ तुरंत बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध नायक की शान में कसीदे पढते हुए एक्शन में आ गई थी । मेरा बेटा बहुत आज्ञाकारी और मेधावी है । उसने अपनी पीसीएस प्रवेश परीक्षा पास कर दी है और एक दिन एक आईपीएस अधिकारी होगा जैसे कि उसके पिता हालांकि उसके अपनी वर्तमान नौकरी में कोई दिलचस्पी नहीं है । उसने सरकारी नौकरी की तैयारी करते वक्त खुद के लिए केवल एक ठिकाना बना रखा है । मेरे पिता ने मेरी तरफ देखा तो खुश तक रहे थे कि मेरी कम से कम माँ दूसरों की उपस्थिति में उनकी प्रशंसा कर रही थी । विजय ने कभी भी शराब नहीं हुई है । एक गर्लफ्रेंड होना तो कोसों दूर की बात है । क्या इसीलिए हम यहाँ आये थे? अगर मेरी कोई गर्लफ्रेंड होती तो हमें लोगों से क्यों मिलते? मेरी गर्लफ्रेंड नहीं बना पाने की कमजोरी भी ताकत के रूप में प्रदर्शित हो रही थी । कुछ घंटों के बाद मेरी माँ का अगला लक्ष्य महिला का कमरे में प्रवेश हुआ । उस सिर्फ एक महिला के रूप में बोलना पर्याप्त नहीं होगा । वो अपने चमकदार वालों के साथ काले और सफेद पंजाबी सूट में सजी ऊंची एडी वाले सैंडल में पांच फीट छह इंच लंबी एक मॉर्डल की तरह दिख रही थी । उसके कानों में छोटे हीरो की फुलिया चमक रही थी । उचित स्थानों पर सभी घुमावों के साथ उसकी देहयष्टि सुंदर थे । उसके कपोल की हड्डियाँ उसे जीरो साइज वाली करीना कपूर की तरह दर्शा रही थी । उस सेकंड के बाद मुझे पता चला कि इस मॉर्डल नहीं, हाल ही में एक्सिस बैंक में नौकरी ज्वाइन की है । खूबसूरत लडकी का सुन्दर नाम आस्था था । विजय दूसरी अस्वीकृति के लिए तैयार हो । मैंने सोचा मैंने खुद को सबसे बुरे दौर के लिए तैयार किया था कि जानना बहुत दिलचस्प है । एक बार जब आप सबसे बुरे के लिए तैयार होते हैं तो आपका विश्वास आकाश को छोटा है क्योंकि आपके पास होने के लिए कुछ नहीं होता हूँ । मैंने आस्था पर नजर डाली और हमारी आंखें पहली बार मिली मुस्कराई । लेकिन मैं उसकी सुंदरता में इतना होया हुआ था कि प्रत्युत्तर में मुस्कुराना भूल गया । हालांकि मैं घबराया हुआ नहीं था क्योंकि मैं सबसे बुरे दौर के लिए पहले से ही तैयार था । आसान तुमसे पास काॅप में क्यों नहीं ले जा रही? उसके माने सुझाव दिया, लगभग एक दर्जन दुल्हन खोज आई के बाद मैं इन औपचारिकताओं से परिचय था । मेरे लिए ये एक मॉर्डल के साथ बात करने का अवसर था । हम निकलने वाले ही थे तो मेरी माँ ने कहा विजय जल्दी लौट आ रहा । उनकी याचक दृष्टि आस्था के साथ खुलकर बात करने के लिए मुझ से गुहार कर रही थी । मैंने सर हिलाया । पास के आइसक्रीम पार्लर तक पैदल चलने में लगे पांच मिंटो में आस्था ने बातचीत शुरू करने की पहल की । क्या आपको आॅन है कभी ना कभी हम पार्लर तक पहुंचे और एकदम होने वाली में इस पर बैठ गए । रविवार की दोपहर होने के कारण बहुत भीड नहीं थी । न्यूजीलैंड के आइसक्रीम वंडरलैंड में आपका स्वागत है । हम प्राकृतिक स्पिन के स्वादों में अग्रदूत हैं । ट्विटर ने कहा, और आस्था से उसके पसंद के बारे में पूछा । अधिकतर मुझे हैरानी हुई कि ये वेटर महिलाओं से ऑर्डर लेने में कितने कुशल है । मैं उनसे अधिकतम सौजन्य से पेश आते हैं और इस सत्य की आराम चंद देखी करते हैं कि बिल का भुगतान पुरुष द्वारा भी किया जा सकता है । आज था । मेरी पसंद के बारे में पूछते हुए मैन्यू में व्यस्त हैं, कुछ खास नहीं है । मैंने कहा, ऍम के पसंद मेरे दिमाग से लाखों मील दूर थी । मैं उसे देखने में व्यस्त था । जिस तरह से उसने वेटर से बात भी उसके केशविन्यास, जिस तरह से उसके हाथ चले, सबने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया । और जैसी की उम्मीद थी कि मैं अपने स्वभाव के अनुरूप खामोश था और बुद्धिमता भरी उस सुंदरता को पड रहा था, हो जाए तो मैं चुप क्यों हो? उसमें आपका पहला सवाल किया, मैंने जैसा बताया कि मैं तो ऐसे ही हूँ । नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है । क्या आप का कोई बॉयफ्रेंड हैं? मैंने ऐसा कुछ जोर से बोला, जिसकी मैं सपने में कभी भी कल्पना नहीं कर सकता था । ऐसा होता है । जब आप किसी को बोलने पर मजबूर करते हैं तो आप एक अक्षत क्यों नहीं चाहते हैं? उसने तुरंत निष्कर्ष निकाला, मैं किस्सागोई से चक्कर था, जिस तरह नहीं कहा था, नहीं, नहीं तो मुझे पूरी तरह से गलत समझा । मैंने अपनी गलती को ढकने की कोशिश की । न केवल सोच रहा था कि आपके जैसी लडकी का कोई ब्वॉयफ्रेंड कैसे नहीं है । और जैसे आपने एक नियोजित में वहाँ को चुनाव बस तो मुस्कराएंगे तो कोई उत्तर नहीं दिया । इस बीच हमारी आइस्क्रीम आ गई थी । आपका इस टीम के स्वास्थ के लिए कोई विशेष बुखार नहीं लगता । क्या सही है? उसने पूछा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि कृषि राष्ट्री मेरा बचाव करेगी । मैंने अपना सिर हिला दिया और आस्था ने एक और सवाल दाग दिया, क्या आप आईपीएस के लिए गंभीरता से तैयारी कर रहे हैं? नहीं, मेरा पहला सीधा उत्तर था तो भविष्य के लिए क्या योजना है? विजय कुछ भी बडा नहीं । क्या आपके पास कोई अब ठीक है? ये प्रश्न उस व्यक्ति के लिए अजीब था जो आपने वर्तमान के बारे में भी स्पष्ट नहीं था । मुझे लगता है कि मामूली है वो वो मुस्कुराई और पूछा क्या आप मांसाहारी हैं? जी रहे हैं? मैं एक रूढिवादी ब्राह्मण परिवार से हो । क्या आप शराब पीना पसंद करते हैं? मैंने कभी भी शराब नहीं हुई है । अलग से नीचे जाने की तो बात ही नहीं । मैंने अपने प्रोफाइल में पहले से ही इसका उल्लेख किया है । मैं थोडा झल्लाते हुए बोला मेरे स्वर में अचानक परिवर्तन के साथ ही वह ठिठक सी गई लेकिन क्या होगा? फिर याद की होने वाली पत्नी शराब पसंद करती है । मेरी झल्लाहट उस पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं था । मैं व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सराहना करता हूँ लेकिन ये भी मानता हूँ की हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए । मुझे लगता है कि पहली बार ऐसा हुआ था जब मैंने ऐसी परिपक्कता के साथ किसी को उत्तर दिया था । आप क्या करने की इच्छा रखते हैं? मुझे अचानक महसूस हुआ कि आईएस के लिए मेरा साक्षात्कार लिया जा रहा हूँ । मैं केवल एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूँ । इससे बेहतर कोई उत्तर मेरे दिमाग में नहीं आया जिससे उसका चेहरा खिल गया था । विजय हमारे पास मेरे लिए कोई विशिष्ट प्रश्न हैं । नहीं, ज्यादा कुछ नहीं । मुझे इस बात का पूरा यकीन था कि ये मॉर्डल मुझे अस्वीकार करने वाली थी क्योंकि मैंने बोलने में ऊर्जा खर्च करने के बारे में भी नहीं सोचा । जब मुझे यकीन था कि कोई लाभ नहीं होगा, उसी झंड मुझे अपनी माँ की कॉल मिली तो चिंतित थी क्योंकि वह चाहती थी कि मैं आस्था के साथ बातचीत शीघ्र समाप्त करूँ । वो जानती थी कि अधिक बातचीत का मतलब अस्वीकृति की अधिक संभावना मुझे मैं तो अपने अतीत के बारे में कुछ बताना चाहती हूँ । उसने गंभीर स्वर में कहा, मुझे शत प्रतिशत यकीन था कि वह कुछ ऐसा कहने जा रही थी । इसे मैं सुनना नहीं चाहता था । विजय मेरी माँ के रूप में आपके सामने आई महिला मेरी सौतेली माँ है । मेरे पिता का मेरी माँ के साथ प्रेम संबंध था । जब दिल का दौरा पडने के कारण उनका निधन हुआ तो मैं इस परिवार का हिस्सा हो गई । उसने कठिनाई के साथ कहा, मैं एक नाजायज संतान है की कहकर वह चुप हो गई । मुझे लगा कि वह होने वाली थी । अपने पूरे जीवनकाल में मेरा मानना था मेरे भयानक माता पिता मेरी परेशानी का कारण थे लेकिन इसकी कहानी में अधिक दर्द था । आस्था कोई संतान नाजायज नहीं होती । ऐसा कभी मत कहना । अगर कोई नाजायज है तो वह माता पिता हैं न कि उनके बच्चे । किस सुनकर से राहत की सांस नहीं खाते । एक अच्छे व्यक्ति हैं । उसने कहा, नीचा महसूस कर रही थी और मैंने उसे बेहतर महसूस कराने के लिए खुद के बारे में कुछ साझा करने के बारे में सोचा । राजस्थान मैंने कहा मैं प्रोफेसर नहीं हूँ बल्कि एक सहायक प्रोफेसर तो केवल एक तदर्थ संकाय, मेरे पिता एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं । हमारे धनी परिवार नहीं है । पढाई में कभी अच्छा नहीं था और आपको कुछ दिलचस्प बात बताऊँ आप चौधरी लडकी हैं । जिस समय मिल रहा हूँ आस्था ने मुझे देखा । जिस तरह से तेरह लडकियों ने देखा था वो शांत हो गयी थी । कुछ सेकंड के बाद मैंने सुझाव दिया कि हमें अब चलना चाहिए । उसका सिर हिलाया और हम लौटने लगे । खामोशी अभी भी बरकरार थी । मुझे लगता है कि मेरी बातों ने उसे अपना निर्णय लेने में मदद की । अपने घर में प्रवेश करने से पहले आस्था ने कुछ ऐसा कहा जो मैंने पहले सुना था । मुझे मुझे लगता है कि हम अच्छे दोस्त होंगे । आस्था कैसी है? जैसे हम घर के लिए चले । मेरी माँ ने पूछताछ शुरू कर दी । उसके सवाल से मुझे हंसी आ रही थी लेकिन शर्मिला व्यक्ति होने के कारण मेरे लिए अपनी झेंप मिटाना आसान था । मुझे यकीन था कि मैं ही टॉपर होता । अगर ये सवाल आईएएस परीक्षा में पूछा गया होता लेकिन मेरी माँ से मैं बस कहने में कामयाब रहा कि वह अच्छी थी । मैं उनकी उम्मीद नहीं बढाना चाहता था क्योंकि मैं से मुलाकात के नकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर रहा था । मैंने सत्य को भी साझा नहीं किया की वो एक नाजायज संतान थी । आस्था की माँ से कोई भी कॉल प्राप्त किए बिना कुछ दिन और बीत गए । उत्तर स्पष्ट था लेकिन मेरी माँ के लिए अस्वीकार की तुलना में कॉल नहीं मिलना ज्यादा हताश करने वाला था क्योंकि आस्था की माँ उनकी सहकर्मी भी थी । मेरी माँ ने फिर से मेरे लिए अपना अंतहीन प्रेरणादायक भाषण शुरू कर दिया । मैं आश्वस्त था एक लडकी से एक और अस्वीकृति का परिणाम मेरे लिए भाषण चिकित्सा सत्रों वाला बनेगा । कुछ दिनों बाद हमें खबर मिली । व्यवस्था के पिता की मृत्यु मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण हो गई थी । मुझे आस्था पर तरस आया । उसने बचपन अपनी माँ होती थी और अब उसने अपने पिता को भी खोदी । आधार उत्तर किस्मत था की एक ऐसी लडकी तो बहुत करिश्माई और आत्मविश्वास से भरपूर देखती है तो जीवन ऐसा दर्दनाक हो सकता है । कुछ उसे फोन करने की इच्छा हुई । लेकिन मैं विजय शर्मा एक बार फिर उसी तरह चुप रहा । लगभग दो हफ्ते बीतने के बाद मेरी माँ के चेहरे पर मुस्कुराहट खिली हुई थी । आस्था हमारे गठबंधन के लिए सहमत हो गई थी । मेरा परिवार बेहद पसंद था । मुझे उसके उत्तर पर गंभीर समझे था और इसलिए मैंने अपने पिता से पूछा उनसे शादी क्यों कर रही है? मेरे पिता मुस्कराए और कहा ये वही सवाल है जो मैंने खुद से पूछा था । जब तुम्हारी माँ ने यहाँ कहा था लेकिन आपका एक प्रेम देखा था । मैंने उसे प्रतिवाद किया । प्रेम शादी के बाद भी हो सकता है । उनका उत्तर मुझे संतुष्ट करने में विफल रहा है और अब तक वही सवाल मुझे चुकता रहता है । उसने मुझे शादी क्योंकि वैसे भी मेरी न तो प्यार में दिलचस्पी थी । नहीं हवास, मेरे लिए मैंने अपनी आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी । वास्ता ने मुझे अपना जीवन साथी चुन लिया था । हमारी शादी की तारीख तय होने वाली थी । प्रवास था ना । एक दिन मुझे कॉल की वजह से कृपया अपने माता पिता को मेरे अतीत के बारे में बता दूँ । मैं कुछ भी छिपाना नहीं चाहती हूँ । उसके संकेत को समझाते हुए मैंने पिताजी को बता दिया कि वह एक नाजायज संबंध से पैदा समता भी अपने पिता की प्रतिक्रिया से मुझे उन पर गर्व हुआ । उन्होंने कहा, ये वादे मायने नहीं रखती है । अस्थायी अच्छी लडकी है तो भी भूल कर भी अपनी माँ से इस पर चर्चा मत करना फॅस विजय शादी के दिन बोर्ड लगा हुआ था लेकिन मेरे लिए ये था ऍम वॅार ।

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“यात्रा कैसी थी?” उसने मेरे चेहरे को दुलारते हुए पूछा। “मैं ड्‍यूटी पर था।” “ठीक है! मुझे पता है कि इसका मतलब क्या है। यह विद्यार्थियों के लिए एक यात्रा थी और मेरे लिए नहीं।” मेरे कहने का मतलब वह हमेशा समझ लेती थी और उसमें मेरे लिए बोलने का साहस था। मैं मुसकराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।, सुनिए प्यार भरी कहानी| writer: अजय के. पांडेय Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Ajay K Pandey
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