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अम्मा: जयललिता - 18 (सितारों पर जादू) in Hindi

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AuthorSaransh Broadways
तमिल फिल्मों की ग्लैमर गर्ल से लेकर सियासत की सरताज बनने तक जयललिता की कहानी एक महिला की ऐसी नाटकीय कहानी है जो अपमान, कैद और राजनीतिक पराजयों से उबर कर बार-बार उठ खड़ी होती है और मर्दों के दबदबे वाली तमिलनाडु की राजनीतिक संस्कृति को चुनौती देते हुए चार बार राज्य की मुख्यमंत्री बनती है| writer: वासंती Voiceover Artist : RJ Manish Script Writer : Vaasanti
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तो सितारों पर जादू उन्हें बताया गया था कि किसी का भाग्य बदलने के लिए सितारों में हेरफेर की जा सकती है, उन्हें मनाया जा सकता है । अंक ज्योतिष के अनुसार संख्याएं भी भाग्य को बदल सकती है तो उन्होंने बताया गया की ना उनका भाग्यशाली नंबर है । इसलिए उनके नाम में एक अंग्रेजी का ये अक्सर जोडा गया और वह तो ए वाली जयललिता बन गई । एक अन्य चौतीस हरे रंग को उनके लिए भाग्यशाली बताया । जब वो सत्ता में वापस आई और हरा रंग पहनना शुरू किया तो नौकरशाही भी हरे रंग के पीछे भागने लगे और छत से लेकर का नीचे तक और कलम से लेकर सार्वजनिक आयोजनों में भी देता था । सब कुछ हरे रंग में रंग दिए गए । महिला कर्मचारी हरे रंग के अलग अलग क्षेत्र के सरिया पहन रही थी और तीस दिन के उत्तरार्ध में ज्योतिषियों ने कहा कि अस्थाई तौर पर ही सही है उनके राशिफल में नक्षत्रों की स्थिति प्रतिकूल है । उन्होंने कहा कि बाहरी चीजों को नियंत्रण में रख सकती है । उन्होंने एक लंबी सूची सौंपी की क्या करना है और क्या नहीं लेकिन डूबते को तिनके का सहारा की तर्ज पर उन्होंने सबका पालन किया नहीं । सहस्राब्दी की शुरूआत उनके लिए अच्छी नजर नहीं आ रही थी । बारह जनवरी दो हजार को खबर आई के अन्नाद्रमुक के पूर्व विधायक मलिका को भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाया गया है और उन्हें सात वर्ष का कठोर कारावास मिला है । आमधारणा अब दुखता हो गई कि अन्नाद्रमुक भ्रष्ट हैं । पार्टी कार्यालय में निराशा का माहौल बन गया । तांसी भूमि घोटाले पर जल्दी ही फैसला आने वाला था । अब माँ का भविष्य क्या होगा? पार्टी का भविष्य क्या होगा? किसी को भाग नहीं था । जयललिता को भी नहीं कि बारह घंटे के भीतर मोड बदल जाएगा । अगले सुबह मद्रास हाईकोर्ट के जज एस तक राजनयिक जयललिता को तांसी मामले में बरी कर दिया । जयललिता की हाँ आश्चर्य का ठिकाना नहीं था । निश्चय ही है । किसी देवता की कृपा थी या फिर नक्षत्रों की दशा में कोई बदलाव आया था । ऍसे इस बारे में टिककर पर ब्रेकिंग ॅ किया । अगले दिन अन्नाद्रमुक के मुखपत्र नौ तो एमजीआर में हैडलाइन थी । धर्म की जीत हुई, दुर्भावना की हार हुई । बी । एम के खेमे में घोर निराशा का माहौल था । करुणानिधि और उनके सलाहकारों को इस मामले से पूरी उम्मीद थी । तमिलनाडु के आपराधिक जांच विभाग के विशेष शाखा सीबीसीआईडी ने आरोपपत्र में कहा था कि चेन्नई के किंडी औद्योगिक केंद्र में सरकारी प्रतिष्ठा तांसी के स्वामित्व भोपाली तीन दशमलव अठहत्तर एकड जमीन उन्नीस सौ चौरानवे पांडे में जया पब्लिकेशंस और शशि एंटरप्राइसेस ने जिसमें जयललिता और शशिकला की साझेदारी थी, बाजार भाव से काम पर खरीदी थी और सरकार को चूना लगाया था । इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह थी कि जयललिता ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी शक्तियों का खुला दुरुपयोग किया था । जज तंग राज ने आरोप की कानूनी वैधता पर सवाल उठाया, सरकारी सेवक सरकारी परिसंपत्ति हासिल नहीं करेंगे । यह मात्र दिशा निर्देश था, कोई कानून नहीं । इसलिए क्या है दंडनीय अपराध नहीं था । इसके अलावा इस बात के सबूत भी नहीं थे कि जिससे अभियोजन पक्ष का आरोप सिद्ध होता हो कि जयललिता ने चाल चली और अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सरकार को धोखा देते हुए जमीन हासिल की । अंतर था । सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर है । लेकिन जल्दी ही एक बडा झटका लगा विशेष अदालत के जज भी राधाकृष्णन ने, जिन्होंने उन्हें कोयला आयात घोटाला मामले में बरी किया था । जयललिता और उनके पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी सेल्वागणपति, आईएएस अधिकारी एच एम पांडे और होटल प्लेस इंडस्ट्री के मालिक राकेश मित्तल एवं पी शनमुगम को हिल स्टेशन कोडाई कनाल में होटल में अतिरिक्त मंजिले बन पाने के लिए सामूहिक रूप से पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन की साजिश करने का दोषी ठहराया । उन्हें एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई । अदालत में मौजूद जयललिता सदमे में थी । जब खबर बाहर आम लोगों तक पहुंचे तो हंगामा खडा हो गया । पार्टी मुख्यालय में अन्नाद्रमुक के आम कार्यकर्ता आप ऐसे बाहर हो गए राज्य में दंगे बढा कोर्ट हैं । दस पैसे जला दी गए जबकि अन्य को नुकसान पहुंचाया गया । पुलिस को मारो लकवा मार गया था । हिंसा अब अमानवीय स्तर पर पहुंच गयी जब अन्नाद्रमुक समर्थकों ने धर्मपुरी से वापस आ रही तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की एक बस को आग लगा दिया तो छात्राओं से भरी हुई थी तीन छात्राओं गायत्री कोकिला, वाणी और है ज्यादा की मौत हो गए जबकि सोलह अन्य जलने से घायल हो गई । जयललिता की प्रतिक्रिया एक हारे हुए बुरे खिलाडी जैसी थी । उन्होंने टीएमके पर इस हमले की साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विरोधी पार्टी तीन सीटों के लिए होने वाले आगामी उपचुनावों से पहले अन्ना प्रमुख की छवि खराब करना चाहती है । करुणानिधि के आलोचक तक जयललिता के इस आरोप को हास्यस्पद मान रहे थे । अन्नाद्रमुक समर्थक हमलावरों के लिए अपने चेहरे क्या अपराध को छुपाने का कोई रास्ता नहीं था? उन्होंने सभी टीवी चैनलों को रास्ता जाम करने के अपने कार्यक्रम के पूर्व जानकारी दे रखी थी ताकि अनुम आता क्या जानकारी पहुंच सके की उनके प्रति उनकी कितनी निष्ठा और भक्ति है । इस दुखद घटना की फिल्मिंग सिर्फ सनटीवी ने बल्कि चाहती विनय भी की थी और स्थानीय संवाददाताओं ने तस्वीरों और सजीव वर्णन के साथ इसकी रिपोर्टिंग की थी । अन्नाद्रमुक समर्थकों को बस पर पेट्रोल छिडककर आग लगाते देखा जा सकता था, शिक्षकों और छात्राओं की चीखपुकार पर कोई ध्यान नहीं दे रहे थे । जब जयललिता ने घटना के वीडियो क्लिप देखें और सुनिश्चित किया कि हमलावर वास्तव में उन्हीं की पार्टी के समर्थक थे तो उनके हो उससे का ठिकाना नहीं रहा । कोई भी कारण नहीं था कि वह हमलावर कार्यकर्ताओं का समर्थन कर पाती । सरकार ने मामले की सीबीसीआईडी जांच की घोषणा की । उन बेचारी लडकियों की स्मृति उन्हें प्रचलित करती रही । युवा और प्रतिभावान लडकियाँ जो गरीब घर से थी और तमाम अवरोधों के बावजूद पढाई कर रहे थे, उनके दिलों में बडे सपने थे । उन मूर्खों के कारण सब खाक हो गया । अभी व्यवस्थाओं ने कहा था चिंता नहीं करूँ, कुछ परिहारा प्राइस सर की जा सकते हैं । अपने पास होने के लिए आपके पास हमेशा कई विकल्प होते हैं ।

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Sound Engineer

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तमिल फिल्मों की ग्लैमर गर्ल से लेकर सियासत की सरताज बनने तक जयललिता की कहानी एक महिला की ऐसी नाटकीय कहानी है जो अपमान, कैद और राजनीतिक पराजयों से उबर कर बार-बार उठ खड़ी होती है और मर्दों के दबदबे वाली तमिलनाडु की राजनीतिक संस्कृति को चुनौती देते हुए चार बार राज्य की मुख्यमंत्री बनती है| writer: वासंती Voiceover Artist : RJ Manish Script Writer : Vaasanti
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