हाई हेलो नमस्कार दोस्तों मैं हुआ और फिर भी आप के साथ और आप मुझे सुन रहे हैं क्योंकि वो एफ एम पर सुने जो मन चाहे जहाँ पर कहानियों के पिटारे में आज एक नई कहानी आपके लिए में लेकर आई हूँ जिसका नाम है ठीक माई हार्ट फॉरेवर जिसका हिंदी अनुवाद है है दिल का क्या कसूर इसके राइटर है अर्पित अग्रवाल जी और इसका हिंदी अनुवाद भी किया है अर्पित अग्रवाल जी ने तो इस कहानी को शुरू करने से पहले लेखक यानी कि अर्पित अग्रवाल जी हमसे कुछ कहना चाहते हैं तो शब्द उनके हैं और मैं उसे आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ । क्या आप भाग्य में विश्वास करते हैं? क्या आप मानते हैं कि चमत्कार होते हैं? ईश्वर इच्छाएं पूरी करते हैं? सेंटर क्लॉस क्रिसमस की शाम को आकर बच्चों को उपहार देते हैं । मैं मानता हूँ कि मैं भाग्य पर विश्वास करता हूँ । मेरा मानना है कि जीवन में देर से ही सही पर चमत्कार जरूर होते हैं । अभी आपके हाथ में जो किताब है या फिर जिसे अब सुन रहे हैं वो मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है । मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे आस पास ऐसे लोग है जो मुझसे बहुत प्यार करते हैं । मुझे ऐसे दोस्त मिले हैं जो समय समय पर मुझे प्रेरित करते हैं । मेरे माता पिता का धन्यवाद जिन्होंने कभी शर्मा जी के लडके से मेरी तुलना नहीं । मेरा भाई निशांत बचपन में की गई मेरी हर शैतानी में मेरा साथ देने के लिए मेरी प्यारी पत्नी शुचि और मेरे बच्चे युवान और दिया । इससे बेहतर परिवार कोई हो ही नहीं सकता । जब भी मुझे कोई टूटा हुआ सितारा दिखाई देता है मैं अपनी आंखे बंद करके दुआ मांग लेता हूँ । में दही चीनी खाकर परीक्षा देने जाता हूँ । अगर कोई काली बिल्ली मेरा रास्ता काट दे तो वे सडक पर थोडी देर रुक जाता हूँ । मुझे पता है कि ये सब महज एक अंधविश्वास है । मुझे पता है कि जो सितारा खुद टूट गया हो मेरे ख्वाइश का पूरी करेगा मगर फिर भी हम दुआ मांगते हैं । हम ऐसा करते हैं क्योंकि हम ये जानते हैं कि हमारे पास दुनिया के सारे सवालों के जवाब नहीं है । भले ही ये अंधविश्वास ही सही मगर हम सौभाग्य प्राप्त करने का कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहते । उन सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने मेरी पहले किताब को पसंद किया और मुझे ये महसूस कराया की मैं किताबें लिखकर केवल समय बर्बादी नहीं कर रहा । आईटी कंपनी एक्सेंचर में मेरे सीमित करियाने मेरी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं । जब मैंने लिखना शुरू किया तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मेरी लिखी किताब प्रकाशित होगी । फिर ऐसा हुआ और सब कुछ बदल गया । धन्यवाद प्रकृति! मुझे समय समय पर छोटे बडे संकेत भेजने के लिए यकीन ना बहुत व्यस्त होंगे । या तो कोई काम करने में या फिर कोई काम ढूंढने में । इतनी व्यस्तता के बावजूद इस किताब को लेने के लिए खरीदने के लिए और उस किताब को सुनने के लिए आपका कही दिल से धन्यवाद पडने का और सुनने का आनंद लीजिए ।
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