सन् 1947 में, भारत में आजादी का बिगुल बज चुका था और देशवासियों में विद्रोह और बगावत की लहर चरम पर थी। ऐसे समय में एक छोटे से गांव के दो छोटे भाइयों में दिल में भी देशभक्ति का सैलाब उमड़ता है। अपने पिताजी से देश की आजादी की लड़ाई में शामिल होने की जिद कर बैठते हैं। और देशभक्ति इस परिवार के रग-रग में समाहित थी, इसीलिए तो पीढ़ी दर पीढ़ी सब ने अपना जीवन देश के लिए समर्पित किया। कौन-थे ये नन्हें देशभक्त? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।Read More