हेलो नमस्कार आप सुन ऍम सुने जो मन चाहे पर शिवा के साथ महेशकुमार भढवाल की किताब से संख्या इतिहास एनसीआरटी साल जिसका पहला अध्याय है ऐतिहासिक सुरु किसी व्यक्ति, समाज अथवा देर से संबंधित महत्वपूर्ण विशिष्ट सार्वजनिक क्षेत्र की घटनाओं, तत्थों आदि का कार्यक्रम इक्वि वॅार क्रोनोलॉजी कल डिस्क्रिप्शन इतिहास कहलाता है । इतिहास किसी समाज विशेष की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति तथा इन स्थितियों में समय के साथ साथ होने वाले परिवर्तनों को भी प्रस्तुत करता है । पहला पूरा पैट्रिक स्रोत किसी देश अथवा स्थान का इतिहास जानने के लिए तथा उसके उचित । इसलिए सर में पूरा पैट्रिक्स अच्छे वो स्रोतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । पूरा टैक्टिक साक्षी के अंतर्गत अगले एक सिक्के, स्मारक भवन, मूर्तियां, बर्तन आदि शामिल किये जाते हैं । अधिकांश पूरा टाॅस प्राचीन किलो मॉन्स की जुदाई से प्राप्त किए जाते हैं । तीला धरती की सत्ता के उसको उभरे हुए भाग को कहते हैं जिसके नीचे पुरानी बस्तियों के अवशेष विद्यमान होते हैं । ये कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे एक सांस्कृतिक, मुख्य सांस्कृतिक और बहुसांस्कृतिक फॅालो अथवा एक स्मारकों का उत्खनन कर वहाँ से प्राप्त वस्तु हुआ कलाकृतियों के आधार पर गर्मी का ऐतिहासिक विश्लेषण करना पुरातत्व विज्ञान आर्कियोलाजी कहलाता है । पश्चिमोत्तर भारत में हुए उस खंडनों से ऐसे नगरों का पता चलता है जिसकी स्थापना लगभग पच्चीस सौ ईसा पूर्व हुई थी । उस खंडू में हमें गंगा की घाटी में विराजित भौतिक संस्कृति के विषय में भी जानकारी मिली है के उस समय के लोग किस प्रकार की बस्तियों में रहते थे, उनकी सामाजिक संरचना कैसी थी, वो किस प्रकार के मितभाषी उपयोग करते थे, किस प्रकार के घरों में रहते थे, भोजन में किन आनाजों का उपभोग करते थे और किस प्रकार के औजारों तथा हथियारों का प्रयोग करते थे । दक्षिण भारत के कुछ नो मिस्टर बैठ के सब के साथ हजार हथियार, मिट्टी के बर्तन आदि वस्तुएं कब रूम में दफनाते थे तथा इसके ऊपर एक घेरे में बडे बडे पत्थर खडे कर दिए जाते थे । ऐसे स्मारकों को महाप्रसाद मेरा लिख कहते हैं किसी प्राचीन वस्तु में विद्यमान सी फोर तीन कार्बन बोटिंग में आई कमी को माफ कर उसके समय का निर्धारण किया जा सकता है । रेडियोकार्बन डेटिंग एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है की कोई वस्तु किस कल से संबंधित है । रेडियोकार्बन यहाँ कार्बन प्रोटीन सी फुटबॉल टीम कार्बन का रेडियोधर्मी रेडियोएक्टिव समस्थानिक आईसोटोप है जो सभी सजीव वस्तुओं में विद्यमान होता है । रेडियोकार्बन डेटिंग विधि से पता चला है कि राजस्थान और कश्मीर में कृषि का प्रचलन लगभग सात हजार से छह हजार दिशा पूर्व में भी था । पौधों के अवशेषों का पद छह कर विशेष तब पराग ऊके विस लेसर द्वारा जलवायु और वनस्पति का इतिहास जाना जाता है हूँ । पशुओं की हड्डियों का परीक्षण कर उनकी आयोग की पहचान की आती है तथा उनके पालतू होने एवं अनेक प्रकार के कार्यों में लाए जाने का पता लगाया जाता है ।