Stories are not just for fun but they also have a profound impact on our lives. Moral stories teach us a lot. Some such excellent moral stories in Hindi are presented below for you.

वैसे तो सभी ने अनेकों कहानियां सुनी होंगी, लेकिन बच्चों में उन्हें लेकर अत्यधिक रुचि होती है। बचपन में वे हर रात दादा दादी से कहानियां सुनाने के जिद करते हैं और धीरे धीरे जब वे बड़े होते जाते हैं तो खुद पुस्तकों के माध्यम से उन्हें पढ़ते हैं। कहानियां आनंद मात्र के लिए नहीं होती बल्कि ये हमारे जीवन पर भी गहरा असर डालती है। नैतिक कहानियां हमें बहुत कुछ सिखाती है। ऐसी ही कुछ शानदार नैतिक कहानियां आपके लिए नीचे प्रस्तुत है।

1) असली मालिक

एक बार श्यामू और डमरू नाम के दो आदमी लड़ाई करते हुए राजा के दरबार पहुंचते हैं, आस पास के लोगों ने उनसे उनके लड़ने का कारण पूछा। दोनों ने कहा कि अब फैसला तो महाराज! ही करेंगे। कुछ देर बाद जब दरबार लगा, सभी लोग एकत्रित हुए। महाराज ने उनसे पूछा कि क्या बात है, तुम दोनों लड़ क्यों रहे हो?

तो श्यामू बोला : महाराज! मै एक सर्कस में काम करता हूं, वहां एक “मौत का कुआ” खेल होता है, जिसमे एक बड़े गोले के अंदर में मोटरसाइकिल चलाता हूं। महाराज! मैंने 7 दिन लगातार मोटर साइकिल चलाई जिसके बाद मुझे यह हीरा इनाम में मिला।

महाराज डमरू से कहते हैं कि तुम कुछ कहना चाहते हो?

तो डमरू बोला : महाराज! श्यामू झूठ बोल रहा है यह हीरा उसका नहीं बल्कि मेरा है। मै एक वैद्य हूं और मैंने एक राजा की जान बचाई थी, जिससे प्रसन्न होकर राजा ने मुझे यह हीरा दिया था।

महाराज अचंभित थे कि आखिर कैसे पता लगाया जाए कि ये हीरा किसका है। महाराज ने तेनालीराम की ओर देखा; तेनालीराम समझ चुके थे कि उन्हें क्या करना है। तेनालीराम ने राजा से कहा कि आप मुझे एक दिन का समय दे, मैं कल हीरे के असली मालिक का पता लगाता हूं।

तेनालीराम ने श्यामू और डमरू से पूछताछ की, श्यामू से तो कुछ बात नहीं हो पाई परन्तु डमरू ने बताया कि राजा ने उसे 20 ग्राम का हीरा तोहफे में दिया था।

अगले दिन…

दरबार लगा, सभी लोग एकत्रित हुए, श्यामू और डमरू को भी बुलाया गया। इधर डमरू और श्यामू से कुछ पूछताछ चल ही रही थी कि अचानक दरबार में एक बड़े पेट वाला जौहरी आया।

जौहरी बोला :  महाराज! मेरा किसी ने 20 ग्राम का हीरा चुरा लिए है, कृपया मेरी मदद करें, चोर का पता लगाएं। इतना सुनते ही सभी लोग श्यामू और डमरू की देखने लगे।

श्यामू के हीरा देखकर जौहरी बोला, महाराज यह मेरा हीरा है। यदि नहीं विश्वास तो इसका वजन कराया जाए, यह 20 ग्राम का ही निकलेगा। हीरे का वजन कराया गया और वास्तव में वह हीरा 20 ग्राम का ही था। इतना देखते ही श्यामू के पसीने छूट गए। वह कांपने लगा और महाराज से रहम कि दुहाई मांगने लगा।

राजा ने श्यामू को कालकोठरी में डलवा दिया, हीरा डमरू को वापस दिलवाया और तेनालीराम की बुद्धिमत्ता का प्रशंसा की।

Moral – बुरे कर्मों का फल हमेशा बुरा ही होता है।

2) शांति की खोज

3) दोस्ती का मूल्य

4) चार बादाम

5) रात में धूप

6) पापी कौन

7) भैंसे का शिकार

8) सियार की बुद्धिमानी

9) धूनी की भस्म

10) एक रुपया

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