पब्लिक स्पीकिंग यानि समूह में या समूह के सामने बोलना। पब्लिक स्पीकिंग सुनने में जितना साधारण लगता है, असल में उस से कहीं ज्यादा मुश्किल है। बोलना एक ऐसी विधा है जो हम बचपन से सीखते आ रहे हैं।आम बोलचाल तो कोई भी सीख सकता है, लेकिन समूह में बोलने की कला हर किसी के पास नहीं होती। क्या आप ने कभी किसी व्यक्ति को बोलते देखकर यह सोचा है कि वो इतना बेहतरीन और प्रभावशाली कैसे बोल पाता है। आप कभी न कभी किसी का भाषण या बहस सुनकर इंप्रेस तो जरूर हुये होंगे। ऐसे लोग इस डर पर जीत पा चुके होते हैं।
पब्लिक स्पीकिंग एक तरह की घबराहट होती है, जो इंसान को अपना सौ प्रतिशत देने से रोकती है। बहुत से लोग कुछ बोलना चाहते हैं, और उसके लिये काफी अच्छा खाका दिमाग में तैयार भी कर लेते हैं। लेकिन पब्लिक स्पीकिंग का डर उनकी सारी तैयारियों को खराब कर देता है। वे कुछ बोल नहीं पाते और फिर वो दोबारा प्रयास करने से भी बचते हैं। ज्यादा लोगों को देखकर, लोग क्या कहेंगे का ख्याल दिमाग को भर देता है और व्यक्ति बोलने से झिझकने लगता है। पब्लिक स्पीकिंग के बारे में ज्यादा जानने के लिये आप यहां क्लिक करें।
यदि आप पॉडकास्ट बनाना चाहते हैं और आप भी पब्लिक स्पीकिंग के डर से जूझते हैं, तो यह आपके पॉडकास्ट की प्रस्तुति को खराब कर सकता है। यूं तो आप पॉडकास्ट बनाते वक्त अकेले होते हैं, पर उस पॉडकास्ट को हजारों लोग सुनते हैं। बहुत से पॉडकास्ट शो ऐसे होते हैं जो दिन में एक समय पर लाइव आते हैं। यदि आप के पॉडकास्ट का प्रारूप ऐसा है, तो आप का पब्लिक स्पीकिंग के डर से जीतना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।
इस डर से जीतने का एक अच्छा उपाय यह है, कि हम इसके कारणों को जानें और उनपर काम करें। इससे हमारे पॉडकास्ट की प्रस्तुति बेहतर होगी और साथ ही यह जीवन के दूसरे आयामों में भी हमारी सहायता करेगा।
पब्लिक स्पीकिंग के डर के कुछ प्रमुख कारण हैं:
1. चिंता या घबराहट
पब्लिक स्पीकिंग एक सामान्य सा डर है जो ज्यादा सोचने के कारण होता है। जरूरत से ज्यादा सोचने या चिंता करने पर आप खुद को एक ऐसी स्थिति में डाल देते हैं, जहां आप चिंता के शिकार हो जाते हैं और वो चिंता जल्दी ही एक डर बनकर आप के अंदर बैठ जाती है। इसको दूर करने का एक ही उपाय है, अभ्यास। जितना ज्यादा आप निडर होकर, आत्मविश्वास के साथ रिकॉर्डिंग का अभ्यास करेंग, उतनी जल्दी यह डर आपके दिल से दूर हो जाएगा।
2. हड़बड़ाहट
कभी-कभी आप खुद पर किसी काम को पूरा करने का ज्यादा बोझ ले लेते हैं। आप खुद को यह यकीन दिलाते हैं कि आपको वह काम जल्द से जल्द पूरा करना है, चाहे कुछ हो जाए। यही स्थिति हड़बड़ाहट की स्थिति होती है। इस स्थिति में रिकॉर्डिंग करने पर निश्चित ही आप का पॉडकास्ट अच्छे से नहीं रिकॉर्ड होगा और सुनने में भी ख़राब लगेगा। इससे बचने के लिये आप चाहें तो स्क्रिप्ट लिखकर रिकॉर्डिंग करें। या फिर रिकॉर्डिंग से पहले थोड़ी देर शांत बैठ कर खुद को समझायें कि आप के पास पूरा वक्त है रिकॉर्डिंग के लिए। आप को आराम से एक बेहतर रिकॉर्डिंग करनी है।
3. आदत
कई लोगों को तेज़ बोलने की आदत होती है। वो ज्यादा कॉन्टेंट देखकर ये सोचते हैं कि उसे जल्दी से बोलकर खत्म करें। पर ऐसे में रिकॉर्डिंग करने पर सुनते वक्त बातें सही से समझ नहीं आ पायेंगी। आदत को सुधारना थोड़ा मुश्किल है, पर अगर आप हर वक्त धीरे और साफ बोलने का अभ्यास करें, तो आप की आदत में सुधार आ सकता है, और आप की पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग भी बेहतरीन हो सकती है।
इन बातों को ध्यान में रख कर आप पब्लिक स्पीकिंग के डर से निकल सकते हैं। बस खुद पर भरोसा रखें और अभ्यास करते रहें। जल्दी ही आप इस डर से बाहर निकल जायेंगे।
कुकु एफ एम पर रिकॉर्डिंग करने पर आप पायेंगे कि यदि रिकॉर्डिंग में कोई दिक्कत होती है तो उसको ठीक करने के ऑप्शन वहां मिलेंगे। लेकिन आप के बोलने का तरीका अगर बेबाक होगा तो आपका पॉडकास्ट सुनने में काफी ज्यादा आकर्षक लगेगा। और ये टिप्स सिर्फ पॉडकास्ट ही नहीं, बल्कि जीवन के दूसरे क्षेत्रों में भी आप के लिये मददगार साबित होंगे।
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